• Thu. Sep 11th, 2025

Saaras News - सारस न्यूज़ - चुन - चुन के हर खबर, ताकि आप न रहें बेखबर

नवचैती दुर्गा पूजा को लेकर काली मंदिर में होगी मां काली की आराधना।

सारस न्यूज, अररिया।

रविवार को कलशस्थापना के साथ शुरू होगी पूजा,

रोजाना शाम सात बजे होगी पुष्पांजलि

सप्तमी, अष्टमी व महानवमी, तीनों दिन काली मंदिर में होगा महाभोग।

अगामी रविवार से चैत्र शुक्ल पक्ष की शुरुआत होगी। इसी दिन से हिंदू नव संवत्सर भी आरंभ होगा। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस दिन विक्रम संवत की शुरुआत होगी। इसी दिन से वासंतिक नवरात्र भी शुरू हो जाएगा, जिसे चैत्र नवरात्र कहा जाता है। 30 मार्च से 07 अप्रैल तक नवरात्र चलेंगे।

मां खड्गेश्वरी महाकाली मंदिर में पूजा की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। वहीं, मंदिरों को आकर्षक रूप से सजाया जा रहा है। रामनवमी को लेकर भक्तों में भी काफी उत्साह देखा जा रहा है। शहर के विभिन्न मंदिरों में रामनवमी की तैयारियां चल रही हैं।

मां खड्गेश्वरी महाकाली मंदिर के साधक नानू बाबा ने बताया कि एक पूजा से लेकर रामनवमी तक रोजाना विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। साथ ही सप्तमी, अष्टमी और महानवमी के दिन मां काली को महाभोग अर्पित किया जाएगा। प्रत्येक दिन शाम सात बजे पुष्पांजलि का आयोजन होगा। उन्होंने यह भी बताया कि कलश स्थापन (घट स्थापना) 30 मार्च को की जाएगी।

किस दिन किस देवी की पूजा होगी?

  • 30 मार्च: पहला दिन – मां शैलपुत्री की पूजा
  • 31 मार्च: दूसरा दिन – मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
  • 01 अप्रैल: तीसरा दिन – मां चंद्रघंटा की पूजा
  • 02 अप्रैल: चौथा दिन – मां कुष्मांडा और मां स्कंदमाता की पूजा
  • 03 अप्रैल: पाँचवाँ दिन – मां कात्यायनी की पूजा
  • 04 अप्रैल: छठा दिन – मां कालरात्रि की पूजा
  • 05 अप्रैल: सातवाँ दिन – मां महागौरी की पूजा
  • 06 अप्रैल: आठवाँ दिन – मां सिद्धिदात्री की पूजा
  • 07 अप्रैल: नवमी तिथि – रामनवमी का उत्सव

भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव – रामनवमी:

मां खड्गेश्वरी के साधक नानू बाबा के अनुसार, हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी मनाई जाती है। हिंदू धर्मशास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था।हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी का पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार, त्रेतायुग में रावण का वध करने और धर्म की पुनः स्थापना के लिए भगवान विष्णु ने श्रीराम के रूप में अवतार लिया था। श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र और कर्क लग्न में, अयोध्या में राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर हुआ था।रामनवमी के दिन पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ राम जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *