सदर अस्पताल अररिया में रविवार की सुबह जन्म के थोड़ी ही देर बाद एक नवजात की मृत्यु से परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। परिजनों ने प्रसव वार्ड में तैनात एएनएम की लापरवाही से नवजात की मौत होने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। हालांकि अस्पताल में उपस्थित लोगों और अन्य मेडिकल कर्मियों के समझाने के बाद परिजन शांत हुए। परिजन प्रसव वार्ड की नर्स पर दस हजार रूपए लेने का भी दोषारोपण किया। दरअसल रविवार की सुबह करीब चार बजे अररिया आरएस के वैद्यनाथपुर के अमित यादव की पत्नी रूपम देवी को प्रसव के लिए सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में भर्ती कराया गया था। कुछ देर बाद प्रसूता ने एक नवजात शिशु को जन्म दिया। परिजनों ने बताया कि जन्म के बाद नवजात क़हर रहा था, नर्स से नवजात को देखने का अनुरोध किया गया। लेकिन नर्स ने नवजात को न तो किसी चिकित्सक से दिखाया और न ही खुद देखा। इसके थोड़ी देर बाद ही नवजात शिशु की मौत हो गई। नवजात की मौत के बाद परिजनों का गुस्सा भड़क गया और वे हंगामा करने लगे। प्रसूता के परिजनों ने नर्स पर 10 हजार रुपए लेन के बाद प्रसव करने का दोषारोपण किया। प्रसूता रूपम देवी की भाभी ने बताया कि उन्होंने सदर अस्पताल में अपनी ननद को रविवार की सुबह चार बजे भर्ती करवाया था। ननद प्रसव पीड़ा से कराह रही थी, कई बार नर्स को देखने को बोला। लेकिन नर्स ने कहा कि दो घंटे बाद प्रसव होगा एक घंटे बाद होगा। इसके बाद एक झाड़ू लगाने वाली ने प्रसव करवाया। प्रसव के बाद जब बच्चा हुआ तो बच्चा कहर रहा था। इसके पश्चात् उसने वहां उपस्थित नर्स को नवजात को देखने के लिए बोला। नर्स मीनाक्षी व सुलोचना ने 10 हजार रुपए लेने के बाद बच्चे को देखने की बात कही। इसके बाद पैसा दिया तो दोनों ने बच्चे को देखा और ले जाकर शीशा में रख दिया। इसके कुछ देर बाद दोनों नर्सों ने बच्चे को लाकर दिया और कहा कि जाकर इसे दूध पिलाओ, जब वहां बच्चे को दूध पिलाने ले गई तो बच्चा दूध नहीं पी रहा था। तब जाकर दोनों नर्सों ने कहा कि बच्चा जीवित नहीं रहा। इधर सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने कहा आरोप गंभीर है। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी, दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
सारस न्यूज, अररिया।
सदर अस्पताल अररिया में रविवार की सुबह जन्म के थोड़ी ही देर बाद एक नवजात की मृत्यु से परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। परिजनों ने प्रसव वार्ड में तैनात एएनएम की लापरवाही से नवजात की मौत होने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। हालांकि अस्पताल में उपस्थित लोगों और अन्य मेडिकल कर्मियों के समझाने के बाद परिजन शांत हुए। परिजन प्रसव वार्ड की नर्स पर दस हजार रूपए लेने का भी दोषारोपण किया। दरअसल रविवार की सुबह करीब चार बजे अररिया आरएस के वैद्यनाथपुर के अमित यादव की पत्नी रूपम देवी को प्रसव के लिए सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में भर्ती कराया गया था। कुछ देर बाद प्रसूता ने एक नवजात शिशु को जन्म दिया। परिजनों ने बताया कि जन्म के बाद नवजात क़हर रहा था, नर्स से नवजात को देखने का अनुरोध किया गया। लेकिन नर्स ने नवजात को न तो किसी चिकित्सक से दिखाया और न ही खुद देखा। इसके थोड़ी देर बाद ही नवजात शिशु की मौत हो गई। नवजात की मौत के बाद परिजनों का गुस्सा भड़क गया और वे हंगामा करने लगे। प्रसूता के परिजनों ने नर्स पर 10 हजार रुपए लेन के बाद प्रसव करने का दोषारोपण किया। प्रसूता रूपम देवी की भाभी ने बताया कि उन्होंने सदर अस्पताल में अपनी ननद को रविवार की सुबह चार बजे भर्ती करवाया था। ननद प्रसव पीड़ा से कराह रही थी, कई बार नर्स को देखने को बोला। लेकिन नर्स ने कहा कि दो घंटे बाद प्रसव होगा एक घंटे बाद होगा। इसके बाद एक झाड़ू लगाने वाली ने प्रसव करवाया। प्रसव के बाद जब बच्चा हुआ तो बच्चा कहर रहा था। इसके पश्चात् उसने वहां उपस्थित नर्स को नवजात को देखने के लिए बोला। नर्स मीनाक्षी व सुलोचना ने 10 हजार रुपए लेने के बाद बच्चे को देखने की बात कही। इसके बाद पैसा दिया तो दोनों ने बच्चे को देखा और ले जाकर शीशा में रख दिया। इसके कुछ देर बाद दोनों नर्सों ने बच्चे को लाकर दिया और कहा कि जाकर इसे दूध पिलाओ, जब वहां बच्चे को दूध पिलाने ले गई तो बच्चा दूध नहीं पी रहा था। तब जाकर दोनों नर्सों ने कहा कि बच्चा जीवित नहीं रहा। इधर सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने कहा आरोप गंभीर है। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी, दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
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