अररिया जिले में इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। एक फर्जी नर्सिंग होम से नवजात शिशु की चोरी की सनसनीखेज वारदात ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। नगर थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नर्सिंग होम से जुड़ी दो महिलाओं — कथित नर्स रूही और उसकी भाभी सोनी — को हिरासत में लिया है। फिलहाल दोनों से पुलिस सख्त पूछताछ कर रही है, वहीं नवजात की बरामदगी के लिए कई जगहों पर छापेमारी चल रही है।
घटना की शुरुआत 25 सितंबर से हुई जानकारी के अनुसार, महलगांव थाना क्षेत्र के चिल्हनीया गांव निवासी रूबी खातून, पत्नी सरफराज आलम, को प्रसव पीड़ा होने पर सदर अस्पताल, अररिया में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में सफल प्रसव के बाद रूबी ने एक स्वस्थ पुत्र को जन्म दिया। परिवार की खुशी देखते ही बनती थी, लेकिन यह खुशी कुछ ही घंटों में मातम में बदल गई।
बीमारी का बहाना बना कर नवजात को ले गया संचालक बताया जाता है कि खुद को नर्सिंग होम संचालक बताने वाला मो. एहतेशाम नामक व्यक्ति अस्पताल पहुंचा और नवजात को ‘बीमार’ बताकर अपने निजी नर्सिंग होम में ले गया। परिजनों को भरोसा दिलाया गया कि बच्चे को बेहतर इलाज के लिए ले जाया जा रहा है। लेकिन उसके बाद से नवजात का कोई अता-पता नहीं मिला।
परिजनों को मिलती रहीं झूठी बातें तीन दिनों तक रूबी खातून को अपने बच्चे को देखने तक नहीं दिया गया। जब परिवार ने बार-बार मिलने की कोशिश की तो एहतेशाम ने नए-नए बहाने बनाने शुरू कर दिए। पहले कहा गया कि नर्सिंग होम का आईसीयू खराब हो गया है, फिर बताया गया कि बच्चे को पूर्णिया के अस्पताल भेज दिया गया है। कुछ दिन बाद परिजनों को कहा गया कि शिशु को दिल्ली के किसी बड़े अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है। हर बार झूठ की नई कहानी सुनाई जाती रही और परिवार को गुमराह किया जाता रहा।
थक हारकर पहुंचे थाने, फिर खुलने लगा मामला आख़िरकार हताश पिता सरफराज आलम ने नगर थाना में लिखित शिकायत दी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए जांच शुरू की और सोमवार शाम करीब 7 बजे गैयारी पंचायत के सिसौना निजाम नगर से रूही और सोनी को हिरासत में लिया। दोनों महिलाएं उसी फर्जी नर्सिंग होम से जुड़ी बताई जाती हैं, जहाँ से नवजात गायब हुआ था।
पुलिस ने कहा — ‘मामले की गहराई से जांच जारी’ नगर थाना अध्यक्ष मनीष कुमार रजक ने बताया कि, “नवजात की चोरी के इस मामले में दो संदिग्ध महिलाओं को हिरासत में लिया गया है। उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और उनकी भूमिका की गहराई से जांच की जा रही है।” उन्होंने यह भी माना कि यह मामला स्वास्थ्य व्यवस्था की बड़ी लापरवाही और फर्जी नर्सिंग होम्स के बढ़ते नेटवर्क की ओर इशारा करता है।
मां की पुकार — ‘मेरा बच्चा लौटा दो’ इस घटना के बाद से रूबी खातून की हालत बदतर है। उनका कहना है, “मेरा बच्चा कहां है? बस मुझे मेरा लाल वापस चाहिए।” यह करुण पुकार हर उस मां के दिल को झकझोर देती है जो अस्पतालों में अपने बच्चों को सुरक्षित मानती है।
विशेषज्ञों की चेतावनी स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस घटना को बेहद गंभीर बताया है। उनका कहना है कि बिहार के कई हिस्सों में फर्जी नर्सिंग होम्स का जाल तेजी से फैल रहा है, जहां बिना लाइसेंस और योग्य स्टाफ के मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है। प्रशासन से इन पर कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।
पुलिस की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं और उम्मीद है कि जल्द ही नवजात को उसके परिजनों के पास सुरक्षित लौटा दिया जाएगा।
सारस न्यूज़, अररिया।
अररिया जिले में इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। एक फर्जी नर्सिंग होम से नवजात शिशु की चोरी की सनसनीखेज वारदात ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। नगर थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नर्सिंग होम से जुड़ी दो महिलाओं — कथित नर्स रूही और उसकी भाभी सोनी — को हिरासत में लिया है। फिलहाल दोनों से पुलिस सख्त पूछताछ कर रही है, वहीं नवजात की बरामदगी के लिए कई जगहों पर छापेमारी चल रही है।
घटना की शुरुआत 25 सितंबर से हुई जानकारी के अनुसार, महलगांव थाना क्षेत्र के चिल्हनीया गांव निवासी रूबी खातून, पत्नी सरफराज आलम, को प्रसव पीड़ा होने पर सदर अस्पताल, अररिया में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में सफल प्रसव के बाद रूबी ने एक स्वस्थ पुत्र को जन्म दिया। परिवार की खुशी देखते ही बनती थी, लेकिन यह खुशी कुछ ही घंटों में मातम में बदल गई।
बीमारी का बहाना बना कर नवजात को ले गया संचालक बताया जाता है कि खुद को नर्सिंग होम संचालक बताने वाला मो. एहतेशाम नामक व्यक्ति अस्पताल पहुंचा और नवजात को ‘बीमार’ बताकर अपने निजी नर्सिंग होम में ले गया। परिजनों को भरोसा दिलाया गया कि बच्चे को बेहतर इलाज के लिए ले जाया जा रहा है। लेकिन उसके बाद से नवजात का कोई अता-पता नहीं मिला।
परिजनों को मिलती रहीं झूठी बातें तीन दिनों तक रूबी खातून को अपने बच्चे को देखने तक नहीं दिया गया। जब परिवार ने बार-बार मिलने की कोशिश की तो एहतेशाम ने नए-नए बहाने बनाने शुरू कर दिए। पहले कहा गया कि नर्सिंग होम का आईसीयू खराब हो गया है, फिर बताया गया कि बच्चे को पूर्णिया के अस्पताल भेज दिया गया है। कुछ दिन बाद परिजनों को कहा गया कि शिशु को दिल्ली के किसी बड़े अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है। हर बार झूठ की नई कहानी सुनाई जाती रही और परिवार को गुमराह किया जाता रहा।
थक हारकर पहुंचे थाने, फिर खुलने लगा मामला आख़िरकार हताश पिता सरफराज आलम ने नगर थाना में लिखित शिकायत दी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए जांच शुरू की और सोमवार शाम करीब 7 बजे गैयारी पंचायत के सिसौना निजाम नगर से रूही और सोनी को हिरासत में लिया। दोनों महिलाएं उसी फर्जी नर्सिंग होम से जुड़ी बताई जाती हैं, जहाँ से नवजात गायब हुआ था।
पुलिस ने कहा — ‘मामले की गहराई से जांच जारी’ नगर थाना अध्यक्ष मनीष कुमार रजक ने बताया कि, “नवजात की चोरी के इस मामले में दो संदिग्ध महिलाओं को हिरासत में लिया गया है। उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और उनकी भूमिका की गहराई से जांच की जा रही है।” उन्होंने यह भी माना कि यह मामला स्वास्थ्य व्यवस्था की बड़ी लापरवाही और फर्जी नर्सिंग होम्स के बढ़ते नेटवर्क की ओर इशारा करता है।
मां की पुकार — ‘मेरा बच्चा लौटा दो’ इस घटना के बाद से रूबी खातून की हालत बदतर है। उनका कहना है, “मेरा बच्चा कहां है? बस मुझे मेरा लाल वापस चाहिए।” यह करुण पुकार हर उस मां के दिल को झकझोर देती है जो अस्पतालों में अपने बच्चों को सुरक्षित मानती है।
विशेषज्ञों की चेतावनी स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस घटना को बेहद गंभीर बताया है। उनका कहना है कि बिहार के कई हिस्सों में फर्जी नर्सिंग होम्स का जाल तेजी से फैल रहा है, जहां बिना लाइसेंस और योग्य स्टाफ के मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है। प्रशासन से इन पर कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।
पुलिस की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं और उम्मीद है कि जल्द ही नवजात को उसके परिजनों के पास सुरक्षित लौटा दिया जाएगा।
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