अररिया जिले के किसान निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर खाद खरीदने को मजबूर है। इन दिनों रबी फसलों की रोपनी को लेकर किसानों के द्वारा खेत में खाद डाला जा रहा है। चना मक्का शकरकंद आदि फसलों को किसान लगा रहे हैं। बढ़ते ठंड व कोहरे के बीच किसानों को महंगे मूल्य पर खाद मिलने की वजह से किसानों के चेहरे उदास है। महंगे खाद मिलने की वजह से किसानों की लागत बढ़ जाती है जिसकी वजह से उनको नुकसान झेलना पड़ जाता है लगातार कुछ सालों से सरकार के दावे के बावजूद निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर किसान खाद खरीदने को मजबूर हैं।
एक तरफ जलवायु परिवर्तन की वजह से मौसम करवट ले रहा है जिसकी वजह से ठंड हो या बरसात या गर्मी सही समय पर न होने की वजह से उत्पादन पर फर्क पड़ रहा है। कई किसानों ने बताया कि अगर इस तरह से मौसम का करवट होना साथ-साथ खाद का महंगा मिलना जारी रहा तो आने वाले दिनों में खेती छोड़ने पर विवश होना पड़ेगा।
अररिया जिले के सिमराहा पंचायत में खेती कर रहे किसान श्याम देव ने बताया कि बे मौसम बरसात हो जाती है। जिससे बेवजह जमीन गिली पड़ जाती है हम लोगों ने रोपनी के लिए मिट्टी तैयार कर खाद दिया था जो महंगे में खरीदा था। उस पर भी मौसम की मार पर गई, बिना मौसम बरसात ने खेत को गिला कर दिया. जिससे वह खाद देना बेकार हो गया। अब फिर से हम लोगों को खाद देना पड़ेगा जो कि हमारी लागत को बढ़ा देगा. उन्होंने आगे कहा कि 8 सौ रुपये का खाद 1 हजार में और 1 हजार रुपए का खाद 15 सौ में खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है। सरकारी दर पर खाद नहीं मिल पा रहा है। जिला कृषि पदाधिकारी संजय शर्मा ने कहा कि हल्का बरसात होने की वजह से ज्यादा नुकसान नहीं होगा बल्कि मिट्टी नम होगी और मक्के के पौधे अभी छोटे लगे हैं तो उनको ज्यादा नुकसान नहीं होगा। कृषि विभाग के द्वारा किसानों को गेहूं चना मक्का आदि का बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। वही अधिक मूल्य पर खाद खरीदने के मामले में उन्होंने कहा कि हर लाइसेंस वाले खाद दुकान में सरकार के द्वारा हेल्पलाइन नंबर दिया गया है। जिसमें किसान अपनी शिकायत दर्ज कराए. किसान अगर शिकायत दर्ज कराएंगे तो खाद डीलर पर कार्रवाई की जाएगी।
सारस न्यूज, अररिया।
अररिया जिले के किसान निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर खाद खरीदने को मजबूर है। इन दिनों रबी फसलों की रोपनी को लेकर किसानों के द्वारा खेत में खाद डाला जा रहा है। चना मक्का शकरकंद आदि फसलों को किसान लगा रहे हैं। बढ़ते ठंड व कोहरे के बीच किसानों को महंगे मूल्य पर खाद मिलने की वजह से किसानों के चेहरे उदास है। महंगे खाद मिलने की वजह से किसानों की लागत बढ़ जाती है जिसकी वजह से उनको नुकसान झेलना पड़ जाता है लगातार कुछ सालों से सरकार के दावे के बावजूद निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर किसान खाद खरीदने को मजबूर हैं।
एक तरफ जलवायु परिवर्तन की वजह से मौसम करवट ले रहा है जिसकी वजह से ठंड हो या बरसात या गर्मी सही समय पर न होने की वजह से उत्पादन पर फर्क पड़ रहा है। कई किसानों ने बताया कि अगर इस तरह से मौसम का करवट होना साथ-साथ खाद का महंगा मिलना जारी रहा तो आने वाले दिनों में खेती छोड़ने पर विवश होना पड़ेगा।
अररिया जिले के सिमराहा पंचायत में खेती कर रहे किसान श्याम देव ने बताया कि बे मौसम बरसात हो जाती है। जिससे बेवजह जमीन गिली पड़ जाती है हम लोगों ने रोपनी के लिए मिट्टी तैयार कर खाद दिया था जो महंगे में खरीदा था। उस पर भी मौसम की मार पर गई, बिना मौसम बरसात ने खेत को गिला कर दिया. जिससे वह खाद देना बेकार हो गया। अब फिर से हम लोगों को खाद देना पड़ेगा जो कि हमारी लागत को बढ़ा देगा. उन्होंने आगे कहा कि 8 सौ रुपये का खाद 1 हजार में और 1 हजार रुपए का खाद 15 सौ में खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है। सरकारी दर पर खाद नहीं मिल पा रहा है। जिला कृषि पदाधिकारी संजय शर्मा ने कहा कि हल्का बरसात होने की वजह से ज्यादा नुकसान नहीं होगा बल्कि मिट्टी नम होगी और मक्के के पौधे अभी छोटे लगे हैं तो उनको ज्यादा नुकसान नहीं होगा। कृषि विभाग के द्वारा किसानों को गेहूं चना मक्का आदि का बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। वही अधिक मूल्य पर खाद खरीदने के मामले में उन्होंने कहा कि हर लाइसेंस वाले खाद दुकान में सरकार के द्वारा हेल्पलाइन नंबर दिया गया है। जिसमें किसान अपनी शिकायत दर्ज कराए. किसान अगर शिकायत दर्ज कराएंगे तो खाद डीलर पर कार्रवाई की जाएगी।
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