जिला पदाधिकारी अररिया, श्री अनिल कुमार की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित परमान सभागार में विशिष्ट दत्तकग्रहण संस्थान के सफल संचालन, दत्तकग्रहण जन जागरूकता, UDID कार्ड, और दिव्यांगता प्रमाण पत्र पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सभी प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, और निजी नर्सिंग होम एवं मैटरनिटी सेंटर के डॉक्टर उपस्थित थे।
कार्यशाला के दौरान जिला पदाधिकारी ने स्पॉन्सरशिप योजना के पाँच नए लाभुकों को स्वीकृति आदेश प्रदान किया और पाँच दिव्यांगों को सम्बल योजना के तहत बैट्री चालित ट्राईसाइकिल दी गई। इसके अलावा, दत्तकग्रहण पर जागरूकता फैलाने के लिए प्रचार गाड़ी, UDID कार्ड, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, और दिव्यांगों के लिए विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने वाली प्रचार गाड़ी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
इससे पहले, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई ने कार्यशाला के उद्देश्य और महत्व पर संक्षिप्त परिचय दिया। जिला पदाधिकारी ने विशिष्ट दत्तकग्रहण संस्थान में अनाथ, परित्यक्त और अभ्यर्पित बच्चों को नियमानुसार आवासित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दत्तक ग्रहण के लिए एक विशेष पोर्टल बनाया गया है, जहां योग्य व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और कानूनी प्रक्रिया से ही बच्चा गोद ले सकते हैं। उन्होंने सभी डॉक्टरों से अनुरोध किया कि यदि इस प्रकार के बच्चे उनके क्षेत्र में मिलते हैं, तो उन्हें विशिष्ट दत्तकग्रहण संस्थान में आवासित कराने में सहयोग करें और लोगों को जागरूक करें।
स्पॉन्सरशिप योजना पर चर्चा करते हुए, जिलाधिकारी ने बताया कि इसके अंतर्गत अनाथ और बेसहारा बच्चों की बेहतर परवरिश के लिए 4,000 रुपये प्रति माह दिए जाने का प्रावधान है। पहले से 312 बच्चों को इस योजना का लाभ मिल रहा था, और अब 74 नए बच्चों को इसका लाभ देने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। इस प्रकार, कुल 386 बच्चों को योजना के तहत स्वीकृति दी जा चुकी है।
UDID कार्ड और दिव्यांगता प्रमाण पत्र के संबंध में जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन और सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे दिव्यांगों के प्रति संवेदनशीलता के साथ नियमानुसार UDID कार्ड और दिव्यांगता प्रमाण पत्र ससमय बनवाना सुनिश्चित करें। साथ ही, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई-सह-जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग को निर्देशित किया गया कि बच्चों और दिव्यांगों को मिलने वाली योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें।
कार्यक्रम में अपर समाहर्ता श्री राजमोहन झा, जिला पंचायती राज पदाधिकारी श्री मनीष कुमार, सहायक निदेशक, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग श्री नितेश कुमार पाठक, जिला बाल संरक्षण इकाई और जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग के सभी पदाधिकारी और कर्मी, बुनियाद केंद्र के पदाधिकारी और कर्मी, पटना से आए यूनिसेफ के विशेषज्ञ श्री सैफुर्र रहमान और श्री अविनाश कुमार भी उपस्थित थे।
सारस न्यूज़, अररिया।
जिला पदाधिकारी अररिया, श्री अनिल कुमार की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित परमान सभागार में विशिष्ट दत्तकग्रहण संस्थान के सफल संचालन, दत्तकग्रहण जन जागरूकता, UDID कार्ड, और दिव्यांगता प्रमाण पत्र पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सभी प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, और निजी नर्सिंग होम एवं मैटरनिटी सेंटर के डॉक्टर उपस्थित थे।
कार्यशाला के दौरान जिला पदाधिकारी ने स्पॉन्सरशिप योजना के पाँच नए लाभुकों को स्वीकृति आदेश प्रदान किया और पाँच दिव्यांगों को सम्बल योजना के तहत बैट्री चालित ट्राईसाइकिल दी गई। इसके अलावा, दत्तकग्रहण पर जागरूकता फैलाने के लिए प्रचार गाड़ी, UDID कार्ड, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, और दिव्यांगों के लिए विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने वाली प्रचार गाड़ी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
इससे पहले, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई ने कार्यशाला के उद्देश्य और महत्व पर संक्षिप्त परिचय दिया। जिला पदाधिकारी ने विशिष्ट दत्तकग्रहण संस्थान में अनाथ, परित्यक्त और अभ्यर्पित बच्चों को नियमानुसार आवासित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दत्तक ग्रहण के लिए एक विशेष पोर्टल बनाया गया है, जहां योग्य व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और कानूनी प्रक्रिया से ही बच्चा गोद ले सकते हैं। उन्होंने सभी डॉक्टरों से अनुरोध किया कि यदि इस प्रकार के बच्चे उनके क्षेत्र में मिलते हैं, तो उन्हें विशिष्ट दत्तकग्रहण संस्थान में आवासित कराने में सहयोग करें और लोगों को जागरूक करें।
स्पॉन्सरशिप योजना पर चर्चा करते हुए, जिलाधिकारी ने बताया कि इसके अंतर्गत अनाथ और बेसहारा बच्चों की बेहतर परवरिश के लिए 4,000 रुपये प्रति माह दिए जाने का प्रावधान है। पहले से 312 बच्चों को इस योजना का लाभ मिल रहा था, और अब 74 नए बच्चों को इसका लाभ देने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। इस प्रकार, कुल 386 बच्चों को योजना के तहत स्वीकृति दी जा चुकी है।
UDID कार्ड और दिव्यांगता प्रमाण पत्र के संबंध में जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन और सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे दिव्यांगों के प्रति संवेदनशीलता के साथ नियमानुसार UDID कार्ड और दिव्यांगता प्रमाण पत्र ससमय बनवाना सुनिश्चित करें। साथ ही, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई-सह-जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग को निर्देशित किया गया कि बच्चों और दिव्यांगों को मिलने वाली योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें।
कार्यक्रम में अपर समाहर्ता श्री राजमोहन झा, जिला पंचायती राज पदाधिकारी श्री मनीष कुमार, सहायक निदेशक, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग श्री नितेश कुमार पाठक, जिला बाल संरक्षण इकाई और जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग के सभी पदाधिकारी और कर्मी, बुनियाद केंद्र के पदाधिकारी और कर्मी, पटना से आए यूनिसेफ के विशेषज्ञ श्री सैफुर्र रहमान और श्री अविनाश कुमार भी उपस्थित थे।
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