उर्दू निदेशालय, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, बिहार एवं जिला प्रशासन, अररिया के संयुक्त तत्वावधान में टाउन हॉल, अररिया के सभागार में जिला स्तरीय फ़रोग-ए-उर्दू सेमिनार, मुशायरा एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिला उर्दू कोषांग, अररिया की अगुवाई में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन जिला पदाधिकारी अररिया अनिल कुमार एवं अन्य उपस्थित पदाधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।
उद्घाटन उपरांत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि उर्दू किसी विशेष समुदाय की भाषा नहीं है, बल्कि यह एक ख़ास हिंदुस्तानी भाषा है। इसकी मिठास और उत्कृष्टता से कोई इंकार नहीं कर सकता। यह केवल एक भाषा नहीं, बल्कि संस्कृति, भावनाओं और दिलों को जोड़ने का एक सशक्त माध्यम है।
इस अवसर पर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी वसीम अहमद, अनुमंडल पदाधिकारी अररिया अनिकेत कुमार, सहायक निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण अररिया सुबोध कुमार, जिला जन-संपर्क पदाधिकारी सोनी कुमारी, वरीय कोषागार पदाधिकारी विजय कुमार रजक, प्रभारी पदाधिकारी जिला उर्दू भाषा कोषांग मो. जुल्फ़क़ार अली, सहायक कोषागार पदाधिकारी नुरूल हक सहित सभी संबंधित जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम का आयोजन तीन सत्रों में किया गया
पहला सत्र: आलेख पाठ सत्र में डॉ. तनज़ील अतहर, डॉ. मुजाहिद हुसैन एवं मौलाना आदिल कासमी ने अपने विचार प्रस्तुत किए। प्रतिनिधि के रूप में रफ़ी हैदर अंजुम, रज़ी अहमद तनहा एवं मास्टर अब्दुल कुद्दूस ने भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किए।
दूसरा सत्र: मुशायरा सत्र में कई प्रतिष्ठित कवियों ने अपनी शायरी प्रस्तुत की। इनमें प्रमुख रूप से राशिदा खानम, हामिद हुसैन हामी, दीनरज़ा अख्तर, शमशुल होदा मासूम, जियाउर्रहमान, वेगाना सारंगी, हशमत सिद्दीकी, रहबान अली, अब्दुल गनी लबीब एवं इनायत वसी शामिल रहे।
तीसरा सत्र: कार्यशाला सत्र में जिले के सभी प्रखंडों से आए शिक्षकों ने भाग लिया। कार्यक्रम का मंच संचालन अब्दुल गनी लबीब एवं श्री मशकूर आलम ने संयुक्त रूप से किया।
सफल आयोजन में योगदान
मौके पर उपस्थित मो. ताजीम, मो. मिनहाज आलम, मशकूर आलम, मो. असरारूल हक, अनवर हुसैन, खुशबू दिलकश, शमशेर अली अंसारी, अशरफ अली, जमशेद आलम, इम्तियाज़ अली अंसारी एवं तकी इमाम सहित सभी कर्मियों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय योगदान दिया।
सारस न्यूज, अररिया।
उर्दू निदेशालय, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, बिहार एवं जिला प्रशासन, अररिया के संयुक्त तत्वावधान में टाउन हॉल, अररिया के सभागार में जिला स्तरीय फ़रोग-ए-उर्दू सेमिनार, मुशायरा एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिला उर्दू कोषांग, अररिया की अगुवाई में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन जिला पदाधिकारी अररिया अनिल कुमार एवं अन्य उपस्थित पदाधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।
उद्घाटन उपरांत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि उर्दू किसी विशेष समुदाय की भाषा नहीं है, बल्कि यह एक ख़ास हिंदुस्तानी भाषा है। इसकी मिठास और उत्कृष्टता से कोई इंकार नहीं कर सकता। यह केवल एक भाषा नहीं, बल्कि संस्कृति, भावनाओं और दिलों को जोड़ने का एक सशक्त माध्यम है।
इस अवसर पर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी वसीम अहमद, अनुमंडल पदाधिकारी अररिया अनिकेत कुमार, सहायक निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण अररिया सुबोध कुमार, जिला जन-संपर्क पदाधिकारी सोनी कुमारी, वरीय कोषागार पदाधिकारी विजय कुमार रजक, प्रभारी पदाधिकारी जिला उर्दू भाषा कोषांग मो. जुल्फ़क़ार अली, सहायक कोषागार पदाधिकारी नुरूल हक सहित सभी संबंधित जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम का आयोजन तीन सत्रों में किया गया
पहला सत्र: आलेख पाठ सत्र में डॉ. तनज़ील अतहर, डॉ. मुजाहिद हुसैन एवं मौलाना आदिल कासमी ने अपने विचार प्रस्तुत किए। प्रतिनिधि के रूप में रफ़ी हैदर अंजुम, रज़ी अहमद तनहा एवं मास्टर अब्दुल कुद्दूस ने भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किए।
दूसरा सत्र: मुशायरा सत्र में कई प्रतिष्ठित कवियों ने अपनी शायरी प्रस्तुत की। इनमें प्रमुख रूप से राशिदा खानम, हामिद हुसैन हामी, दीनरज़ा अख्तर, शमशुल होदा मासूम, जियाउर्रहमान, वेगाना सारंगी, हशमत सिद्दीकी, रहबान अली, अब्दुल गनी लबीब एवं इनायत वसी शामिल रहे।
तीसरा सत्र: कार्यशाला सत्र में जिले के सभी प्रखंडों से आए शिक्षकों ने भाग लिया। कार्यक्रम का मंच संचालन अब्दुल गनी लबीब एवं श्री मशकूर आलम ने संयुक्त रूप से किया।
सफल आयोजन में योगदान
मौके पर उपस्थित मो. ताजीम, मो. मिनहाज आलम, मशकूर आलम, मो. असरारूल हक, अनवर हुसैन, खुशबू दिलकश, शमशेर अली अंसारी, अशरफ अली, जमशेद आलम, इम्तियाज़ अली अंसारी एवं तकी इमाम सहित सभी कर्मियों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय योगदान दिया।