माननीय उच्च न्यायालय पटना के न्यायमूर्ति एवं अररिया न्यायमंडल के निरीक्षी न्यायाधीश अशोक कुमार पांडेय ने सोमवार को अन्य न्यायिक पदाधिकारियों के साथ फारबिसगंज अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने नव निर्मित टेन कोर्ट भवन, न्यायिक पदाधिकारियों के आवास, कर्मचारी आवास, हाजत भवन सहित न्यायालय परिसर का बारीकी से निरीक्षण किया और उपस्थित बार एवं एडवोकेट एसोसिएशन के अधिवक्ताओं से जानकारी ली।
स्वागत एवं अभिनंदन समारोह में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश चंद्र वर्मा और एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष विश्वजीत प्रसाद ने माननीय न्यायाधीश का स्वागत करते हुए निम्नलिखित मुद्दे उठाए:
अनुमंडल विस्तार: फारबिसगंज अनुमंडल की स्थापना 1990 में हुई थी, जिसमें प्रारंभ में फारबिसगंज, रानीगंज, भरगामा और नरपतगंज चार प्रखंड शामिल थे। बाद में रानीगंज प्रखंड को अलग कर दिया गया, जिससे स्थानीय अधिवक्ताओं ने रानीगंज को पुनः अनुमंडल में शामिल करने की मांग की।
न्यायालय संचालन: दीवानी न्यायालय की शुरुआत 4 नवंबर 2023 को हुई थी, जिससे नागरिकों को न्याय मिल रहा है। हालांकि, फौजदारी न्यायालय की शुरुआत नहीं हो पाई है, जबकि टेन कोर्ट भवन का हैंडओवर हो चुका है। अधिवक्ताओं ने फौजदारी न्यायालय की शीघ्र शुरुआत की मांग की।
वकालतखाना भूमि: बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि वकालतखाना के लिए 27 डिसमिल भूमि उपलब्ध कराई गई थी, लेकिन अब भूमि की उपलब्धता पर संदेह जताया जा रहा है। उन्होंने इस पर स्पष्टता की मांग की।
इन मुद्दों पर प्रतिक्रिया देते हुए माननीय न्यायाधीश श्री अशोक कुमार पांडेय ने कहा कि टेन कोर्ट भवन में फौजदारी न्यायालय की शुरुआत में कुछ सुविधाओं की कमी है, जैसे लाइट और एप्रोच रोड। जिलाधिकारी से इस संबंध में चर्चा की गई है, और कार्य पूर्ण होने में लगभग दो महीने का समय लगेगा। वकालतखाना के लिए भूमि के नक्शे को जिला न्यायाधीश को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने आश्वासन दिया कि दो महीने के भीतर फौजदारी न्यायालय की शुरुआत की संभावना है।
निरीक्षण के दौरान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुंजन पांडेय, सीजेएम अमरेंद्र प्रसाद, डीएलएसए सचिव रोहित श्रीवास्तव, फैमिली कोर्ट जज अविनाश कुमार, अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय के अवर न्यायाधीश प्रथम दीपक कुमार, मुंसिफ शिव कुमार सिंटू, नाजिर श्याम बिहारी, एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा, थानाध्यक्ष राघवेंद्र कुमार सिंह, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश चंद्र वर्मा, एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष विश्वजीत प्रसाद सहित अन्य न्यायिक पदाधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
सारस न्यूज़, अररिया।
माननीय उच्च न्यायालय पटना के न्यायमूर्ति एवं अररिया न्यायमंडल के निरीक्षी न्यायाधीश अशोक कुमार पांडेय ने सोमवार को अन्य न्यायिक पदाधिकारियों के साथ फारबिसगंज अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने नव निर्मित टेन कोर्ट भवन, न्यायिक पदाधिकारियों के आवास, कर्मचारी आवास, हाजत भवन सहित न्यायालय परिसर का बारीकी से निरीक्षण किया और उपस्थित बार एवं एडवोकेट एसोसिएशन के अधिवक्ताओं से जानकारी ली।
स्वागत एवं अभिनंदन समारोह में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश चंद्र वर्मा और एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष विश्वजीत प्रसाद ने माननीय न्यायाधीश का स्वागत करते हुए निम्नलिखित मुद्दे उठाए:
अनुमंडल विस्तार: फारबिसगंज अनुमंडल की स्थापना 1990 में हुई थी, जिसमें प्रारंभ में फारबिसगंज, रानीगंज, भरगामा और नरपतगंज चार प्रखंड शामिल थे। बाद में रानीगंज प्रखंड को अलग कर दिया गया, जिससे स्थानीय अधिवक्ताओं ने रानीगंज को पुनः अनुमंडल में शामिल करने की मांग की।
न्यायालय संचालन: दीवानी न्यायालय की शुरुआत 4 नवंबर 2023 को हुई थी, जिससे नागरिकों को न्याय मिल रहा है। हालांकि, फौजदारी न्यायालय की शुरुआत नहीं हो पाई है, जबकि टेन कोर्ट भवन का हैंडओवर हो चुका है। अधिवक्ताओं ने फौजदारी न्यायालय की शीघ्र शुरुआत की मांग की।
वकालतखाना भूमि: बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि वकालतखाना के लिए 27 डिसमिल भूमि उपलब्ध कराई गई थी, लेकिन अब भूमि की उपलब्धता पर संदेह जताया जा रहा है। उन्होंने इस पर स्पष्टता की मांग की।
इन मुद्दों पर प्रतिक्रिया देते हुए माननीय न्यायाधीश श्री अशोक कुमार पांडेय ने कहा कि टेन कोर्ट भवन में फौजदारी न्यायालय की शुरुआत में कुछ सुविधाओं की कमी है, जैसे लाइट और एप्रोच रोड। जिलाधिकारी से इस संबंध में चर्चा की गई है, और कार्य पूर्ण होने में लगभग दो महीने का समय लगेगा। वकालतखाना के लिए भूमि के नक्शे को जिला न्यायाधीश को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने आश्वासन दिया कि दो महीने के भीतर फौजदारी न्यायालय की शुरुआत की संभावना है।
निरीक्षण के दौरान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुंजन पांडेय, सीजेएम अमरेंद्र प्रसाद, डीएलएसए सचिव रोहित श्रीवास्तव, फैमिली कोर्ट जज अविनाश कुमार, अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय के अवर न्यायाधीश प्रथम दीपक कुमार, मुंसिफ शिव कुमार सिंटू, नाजिर श्याम बिहारी, एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा, थानाध्यक्ष राघवेंद्र कुमार सिंह, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश चंद्र वर्मा, एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष विश्वजीत प्रसाद सहित अन्य न्यायिक पदाधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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