अररिया जिले में महिला संवाद अभियान ने आज अपने आठवें दिन में प्रवेश किया। इस जनजागरूकता पहल के अंतर्गत जिले में चल रहे 18 संवाद रथ लगातार गांव-गांव और पंचायतों में पहुंचकर लोगों को राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं।
यह संवाद रथ प्रतिदिन दो पालियों में पूर्व निर्धारित स्थलों पर पहुंचते हैं और वीडियो फिल्मों के माध्यम से बिहार सरकार की योजनाओं का संदेश जन-जन तक पहुंचाते हैं। इस अभियान का उद्देश्य नागरिकों को सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक करना और उन्हें इन योजनाओं से लाभान्वित करना है। यह कार्यक्रम 18 अप्रैल 2025 से आरंभ हुआ है और आगामी दो माह तक जारी रहेगा। रथों के संचालन हेतु एक व्यवस्थित रूट मैप पूर्व से ही तैयार किया गया है, जिसके अनुसार उनका संचालन सुचारु रूप से किया जा रहा है।
प्रमुख विशेषताएं और तकनीकी सक्षमता:
प्रत्येक संवाद रथ से तीन प्रेरणादायक वीडियो फिल्मों का प्रदर्शन किया जाता है, जिनमें बिहार सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी जाती है। बड़ी संख्या में ग्रामीणजन इन फिल्मों को देखकर योजनाओं को समझते हैं और उन्हें अपनाने की दिशा में प्रेरित होते हैं।
इस रथ की विशेषता यह है कि यह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की आधुनिक सुविधा से भी युक्त है, जिससे राज्य या जिला स्तर के अधिकारी सीधे तौर पर संवाद स्थल पर मौजूद लोगों से संवाद स्थापित कर सकते हैं।
महिलाओं की भागीदारी और सुझाव:
अभियान में भाग ले रही महिलाओं के सुझाव इस पहल को और अधिक प्रासंगिक और समाजोपयोगी बना रहे हैं। कुछ प्रमुख सुझाव इस प्रकार हैं:
नशामुक्ति केन्द्र की स्थापना: कुछ महिलाओं ने पंचायत और प्रखंड स्तर पर नशा मुक्ति केन्द्र खोलने की बात कही ताकि समाज को नशे के दुष्प्रभाव से बचाया जा सके।
सार्वजनिक विवाह भवन का निर्माण: गरीब परिवारों की सहायता हेतु पंचायत स्तर पर सार्वजनिक विवाह भवन की व्यवस्था की मांग रखी गई।
कम्प्यूटर शिक्षा की सुविधा: तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु पंचायत स्तर पर कम्प्यूटर शिक्षा केन्द्र की स्थापना की मांग सामने आई है, ताकि ग्रामीण बच्चों को भी डिजिटल युग की मुख्यधारा में जोड़ा जा सके।
निष्कर्ष:
महिला संवाद रथ सिर्फ सरकारी योजनाओं की जानकारी ही नहीं दे रहा है, बल्कि यह एक ऐसा सशक्त मंच बन चुका है जहां महिलाएं खुलकर अपनी बात रख पा रही हैं और प्रशासन तक अपनी आवश्यकताओं को पहुंचा रही हैं। यह अभियान समाज को जागरूक करने और सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम साबित हो रहा है।
सारस न्यूज़, अररिया।
अररिया जिले में महिला संवाद अभियान ने आज अपने आठवें दिन में प्रवेश किया। इस जनजागरूकता पहल के अंतर्गत जिले में चल रहे 18 संवाद रथ लगातार गांव-गांव और पंचायतों में पहुंचकर लोगों को राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं।
यह संवाद रथ प्रतिदिन दो पालियों में पूर्व निर्धारित स्थलों पर पहुंचते हैं और वीडियो फिल्मों के माध्यम से बिहार सरकार की योजनाओं का संदेश जन-जन तक पहुंचाते हैं। इस अभियान का उद्देश्य नागरिकों को सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक करना और उन्हें इन योजनाओं से लाभान्वित करना है। यह कार्यक्रम 18 अप्रैल 2025 से आरंभ हुआ है और आगामी दो माह तक जारी रहेगा। रथों के संचालन हेतु एक व्यवस्थित रूट मैप पूर्व से ही तैयार किया गया है, जिसके अनुसार उनका संचालन सुचारु रूप से किया जा रहा है।
प्रमुख विशेषताएं और तकनीकी सक्षमता:
प्रत्येक संवाद रथ से तीन प्रेरणादायक वीडियो फिल्मों का प्रदर्शन किया जाता है, जिनमें बिहार सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी जाती है। बड़ी संख्या में ग्रामीणजन इन फिल्मों को देखकर योजनाओं को समझते हैं और उन्हें अपनाने की दिशा में प्रेरित होते हैं।
इस रथ की विशेषता यह है कि यह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की आधुनिक सुविधा से भी युक्त है, जिससे राज्य या जिला स्तर के अधिकारी सीधे तौर पर संवाद स्थल पर मौजूद लोगों से संवाद स्थापित कर सकते हैं।
महिलाओं की भागीदारी और सुझाव:
अभियान में भाग ले रही महिलाओं के सुझाव इस पहल को और अधिक प्रासंगिक और समाजोपयोगी बना रहे हैं। कुछ प्रमुख सुझाव इस प्रकार हैं:
नशामुक्ति केन्द्र की स्थापना: कुछ महिलाओं ने पंचायत और प्रखंड स्तर पर नशा मुक्ति केन्द्र खोलने की बात कही ताकि समाज को नशे के दुष्प्रभाव से बचाया जा सके।
सार्वजनिक विवाह भवन का निर्माण: गरीब परिवारों की सहायता हेतु पंचायत स्तर पर सार्वजनिक विवाह भवन की व्यवस्था की मांग रखी गई।
कम्प्यूटर शिक्षा की सुविधा: तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु पंचायत स्तर पर कम्प्यूटर शिक्षा केन्द्र की स्थापना की मांग सामने आई है, ताकि ग्रामीण बच्चों को भी डिजिटल युग की मुख्यधारा में जोड़ा जा सके।
निष्कर्ष:
महिला संवाद रथ सिर्फ सरकारी योजनाओं की जानकारी ही नहीं दे रहा है, बल्कि यह एक ऐसा सशक्त मंच बन चुका है जहां महिलाएं खुलकर अपनी बात रख पा रही हैं और प्रशासन तक अपनी आवश्यकताओं को पहुंचा रही हैं। यह अभियान समाज को जागरूक करने और सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम साबित हो रहा है।
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