प्राथमिक विद्यालय पोठिया शर्मा टोला में निर्माणाधीन विद्यालय भवन की गुणवत्ता पर ग्रामीणों ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य में लोकल बालू का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे भवन की मजबूती पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, ईंटों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए गए हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि योजना स्थल पर निर्माण से संबंधित कोई सूचना बोर्ड नहीं लगाया गया है और न ही प्राक्कलन की कॉपी कार्यस्थल पर उपलब्ध कराई गई है। जानकारी के अनुसार, प्राथमिक विद्यालय पोठिया शर्मा टोला वर्तमान में प्राथमिक विद्यालय नंद ग्राम पोठिया से टैग है। दोनों विद्यालयों के बीच लगभग ढाई किलोमीटर की दूरी है और यहां करीब 100 छात्र नामांकित हैं।
ग्रामीण लंबे समय से विद्यालय भवन निर्माण की मांग कर रहे थे और लगभग दस साल बाद यह भवन निर्माणाधीन हुआ है। लेकिन निर्माण की गुणवत्ता को लेकर ग्रामीण निराश हैं। उन्होंने लोकल बालू और घटिया ईंट के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई है।
विद्यालय के प्रधान अनिल कुमार ने बताया कि भवन निर्माण से संबंधित कोई भी दस्तावेज उन्हें उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। ग्रामीणों ने उनसे कार्य स्थल पर सूचना पट्ट न लगाए जाने की शिकायत की है।
ग्रामीणों ने निर्माण कार्य की जांच कराए जाने की मांग की है, ताकि भवन की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके और भविष्य में छात्रों की सुरक्षा पर कोई खतरा न हो।
सारस न्यूज़, अररिया।
प्राथमिक विद्यालय पोठिया शर्मा टोला में निर्माणाधीन विद्यालय भवन की गुणवत्ता पर ग्रामीणों ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य में लोकल बालू का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे भवन की मजबूती पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, ईंटों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए गए हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि योजना स्थल पर निर्माण से संबंधित कोई सूचना बोर्ड नहीं लगाया गया है और न ही प्राक्कलन की कॉपी कार्यस्थल पर उपलब्ध कराई गई है। जानकारी के अनुसार, प्राथमिक विद्यालय पोठिया शर्मा टोला वर्तमान में प्राथमिक विद्यालय नंद ग्राम पोठिया से टैग है। दोनों विद्यालयों के बीच लगभग ढाई किलोमीटर की दूरी है और यहां करीब 100 छात्र नामांकित हैं।
ग्रामीण लंबे समय से विद्यालय भवन निर्माण की मांग कर रहे थे और लगभग दस साल बाद यह भवन निर्माणाधीन हुआ है। लेकिन निर्माण की गुणवत्ता को लेकर ग्रामीण निराश हैं। उन्होंने लोकल बालू और घटिया ईंट के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई है।
विद्यालय के प्रधान अनिल कुमार ने बताया कि भवन निर्माण से संबंधित कोई भी दस्तावेज उन्हें उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। ग्रामीणों ने उनसे कार्य स्थल पर सूचना पट्ट न लगाए जाने की शिकायत की है।
ग्रामीणों ने निर्माण कार्य की जांच कराए जाने की मांग की है, ताकि भवन की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके और भविष्य में छात्रों की सुरक्षा पर कोई खतरा न हो।
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