बिहार की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत मिलने वाली 10 हजार रुपये की सहायता राशि नहीं मिलने से नाराज़ सैकड़ों जीविका दीदियों ने गुरुवार को रानीगंज प्रखंड के भोरहा पंचायत के ठेकपुरा गांव में जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
सुबह से ही दर्जनों गांवों से आई महिलाएं हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर सड़क पर उतर आईं और नीतीश सरकार एवं प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगीं। प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने कहा कि सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की बात तो करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर योजनाओं का लाभ उन तक नहीं पहुंच पा रहा है।
“हमने मेहनत की, अब सरकार वादे निभाए”
जीविका समूह से जुड़ी महिलाओं ने बताया कि वे पिछले 10 से 15 वर्षों से जीविका परियोजना के तहत कार्यरत हैं। गांव-गांव जाकर वे महिलाओं को समूह से जोड़ती हैं, बचत योजनाएं चलाती हैं और छोटे व्यवसायों को आगे बढ़ाने में मदद करती हैं।
एक दीदी, सुनीता देवी ने कहा,
“हम सालों से मेहनत कर रहे हैं। सरकार ने वादा किया था कि 10 हजार रुपये की राशि हमें महिला रोजगार योजना के तहत दी जाएगी, लेकिन अब तक एक भी रुपया हमारे खाते में नहीं आया। अधिकारी सिर्फ ‘जल्द आएगा’ कहकर टाल देते हैं।”
एक अन्य जीविका दीदी, मीना देवी ने बताया कि वे इस योजना की उम्मीद में अपने छोटे व्यवसाय के लिए कुछ निवेश भी कर चुकी थीं, लेकिन पैसे न मिलने से अब उन्हें नुकसान झेलना पड़ रहा है।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
महिलाओं ने आरोप लगाया कि रानीगंज प्रखंड कार्यालय और जीविका परियोजना कार्यालय में कई बार शिकायत करने के बावजूद अब तक किसी ने ठोस जवाब नहीं दिया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर अगले कुछ दिनों में राशि उनके खातों में नहीं पहुंची, तो वे ब्लॉक मुख्यालय से लेकर जिला मुख्यालय तक आंदोलन तेज करेंगी।
योजना का उद्देश्य और हकीकत
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का उद्देश्य राज्य की ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है। इस योजना के तहत जीविका समूहों की दीदियों को 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जानी थी, जिससे वे अपने छोटे-छोटे व्यवसाय शुरू या विस्तार कर सकें।
लेकिन अररिया जिले के रानीगंज सहित कई पंचायतों में अब तक यह राशि न मिलने से महिलाओं में गहरी नाराज़गी और अविश्वास का माहौल है।
स्थानीय नेताओं ने किया समर्थन
प्रदर्शन स्थल पर कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने पहुंचकर महिलाओं का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए, वरना यह असंतोष और बढ़ सकता है।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
बिहार की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत मिलने वाली 10 हजार रुपये की सहायता राशि नहीं मिलने से नाराज़ सैकड़ों जीविका दीदियों ने गुरुवार को रानीगंज प्रखंड के भोरहा पंचायत के ठेकपुरा गांव में जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
सुबह से ही दर्जनों गांवों से आई महिलाएं हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर सड़क पर उतर आईं और नीतीश सरकार एवं प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगीं। प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने कहा कि सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की बात तो करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर योजनाओं का लाभ उन तक नहीं पहुंच पा रहा है।
“हमने मेहनत की, अब सरकार वादे निभाए”
जीविका समूह से जुड़ी महिलाओं ने बताया कि वे पिछले 10 से 15 वर्षों से जीविका परियोजना के तहत कार्यरत हैं। गांव-गांव जाकर वे महिलाओं को समूह से जोड़ती हैं, बचत योजनाएं चलाती हैं और छोटे व्यवसायों को आगे बढ़ाने में मदद करती हैं।
एक दीदी, सुनीता देवी ने कहा,
“हम सालों से मेहनत कर रहे हैं। सरकार ने वादा किया था कि 10 हजार रुपये की राशि हमें महिला रोजगार योजना के तहत दी जाएगी, लेकिन अब तक एक भी रुपया हमारे खाते में नहीं आया। अधिकारी सिर्फ ‘जल्द आएगा’ कहकर टाल देते हैं।”
एक अन्य जीविका दीदी, मीना देवी ने बताया कि वे इस योजना की उम्मीद में अपने छोटे व्यवसाय के लिए कुछ निवेश भी कर चुकी थीं, लेकिन पैसे न मिलने से अब उन्हें नुकसान झेलना पड़ रहा है।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
महिलाओं ने आरोप लगाया कि रानीगंज प्रखंड कार्यालय और जीविका परियोजना कार्यालय में कई बार शिकायत करने के बावजूद अब तक किसी ने ठोस जवाब नहीं दिया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर अगले कुछ दिनों में राशि उनके खातों में नहीं पहुंची, तो वे ब्लॉक मुख्यालय से लेकर जिला मुख्यालय तक आंदोलन तेज करेंगी।
योजना का उद्देश्य और हकीकत
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का उद्देश्य राज्य की ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है। इस योजना के तहत जीविका समूहों की दीदियों को 10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जानी थी, जिससे वे अपने छोटे-छोटे व्यवसाय शुरू या विस्तार कर सकें।
लेकिन अररिया जिले के रानीगंज सहित कई पंचायतों में अब तक यह राशि न मिलने से महिलाओं में गहरी नाराज़गी और अविश्वास का माहौल है।
स्थानीय नेताओं ने किया समर्थन
प्रदर्शन स्थल पर कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने पहुंचकर महिलाओं का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए, वरना यह असंतोष और बढ़ सकता है।
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