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महिला संवाद में बढ़ती भागीदारी, आकांक्षाओं को मिल रही प्राथमिकता।

सारस न्यूज़, अररिया।

प्रेस विज्ञप्ति
अररिया, 12 जून 2025

अररिया जिले में चल रहे महिला संवाद कार्यक्रम के प्रति महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ती जा रही है। हर दिन महिलाएं इस कार्यक्रम में उत्साह और विश्वास के साथ हिस्सा ले रही हैं। इस पहल के तहत महिलाएं न केवल भागीदारी कर रही हैं, बल्कि अपनी आकांक्षाएं भी खुलकर साझा कर रही हैं। सरकार की ओर से इन आकांक्षाओं को गंभीरता से लिया जा रहा है, और उनके समाधान की दिशा में ठोस प्रयास भी किए जा रहे हैं, जिसका सकारात्मक प्रभाव ज़मीनी स्तर पर देखने को मिल रहा है।

अब तक आयोजित महिला संवाद कार्यक्रमों के दौरान महिलाओं द्वारा कुल 53,686 आकांक्षाएं साझा की गई हैं, जो यह दर्शाता है कि वे इस मंच को लेकर कितनी गंभीर और आशान्वित हैं।

गुरुवार को आयोजित संवाद कार्यक्रम में रानीगंज प्रखंड की अनिता देवी ने कहा, “हम महिलाएं सिलाई का काम जानती हैं और खुद के रोजगार की इच्छा रखती हैं, लेकिन सुविधाजनक सिलाई केंद्र न होने के कारण हम अवसरों से वंचित हैं। सरकार इस दिशा में सहयोग करे, ताकि हम आत्मनिर्भर बन सकें।”

वहीं कुर्साकांटा की सुनीता देवी ने बताया कि उनके पति रोजगार के लिए बाहर जाते हैं, जिससे उन्हें अकेले परिवार संभालना पड़ता है। उन्होंने अपील की कि स्थानीय स्तर पर ही रोजगार की सुविधा उपलब्ध कराई जाए, ताकि महिलाएं भी आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें।

महिला संवाद कार्यक्रम के 56वें दिन, जिले के 36 अलग-अलग स्थानों पर 18 विशेष वाहनों की मदद से कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें लगभग 7122 महिलाओं ने हिस्सा लिया। महिलाओं को एलईडी वैन के ज़रिए तीन प्रेरणादायक लघु फिल्में दिखाई गईं, जिनमें महिलाओं के अधिकार, योजनाएं और आत्मनिर्भरता पर प्रकाश डाला गया।

साथ ही, मुख्यमंत्री संवाद और लीफलेट का वितरण भी किया गया, जिसमें राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई। इन योजनाओं के माध्यम से महिलाएं एवं उनके परिवार लाभ उठा सकते हैं।

गौरतलब है कि 18 अप्रैल 2025 से शुरू हुए महिला संवाद कार्यक्रम के तहत जिले में कुल 2174 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित होने थे, जिनमें से 1975 स्थानों पर अब तक सफल आयोजन हो चुका है। शेष कार्यक्रम 18 जून 2025 तक पूरे किए जाने की योजना है।

इस तरह महिला संवाद न केवल एक सरकारी पहल बनकर रह गया है, बल्कि यह महिलाओं की आवाज़ को मंच देने और उनके सपनों को हकीकत में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।


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