30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया के अवसर पर संभावित बाल विवाह की आशंका को देखते हुए अररिया जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। जिला भर में बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत विशेष निगरानी अभियान चलाया जा रहा है, ताकि इस सामाजिक कुरीति को जड़ से समाप्त किया जा सके।
बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत 18 वर्ष से कम आयु की लड़की और 21 वर्ष से कम आयु के लड़के का विवाह कानूनन अपराध है। कम उम्र में विवाह न केवल बच्चों के स्वास्थ्य व शिक्षा पर प्रतिकूल असर डालता है, बल्कि उनके मानसिक, सामाजिक और आर्थिक विकास को भी बाधित करता है।
प्रशासनिक सतर्कता एवं निगरानी तंत्र
अनुमंडल स्तर पर अनुमंडल पदाधिकारी एवं प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी को बाल विवाह निषेध पदाधिकारी के रूप में नामित किया गया है।
बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं सभी थानों में नियुक्त बाल विवाह रोकथाम पुलिस पदाधिकारी सहयोग कर रहे हैं।
बाल विवाह से जुड़े दोषियों में न सिर्फ अभिभावक, बल्कि शादी कराने वाले पंडित/मौलवी, बाराती, टेंट-डीजे सेवा प्रदाता, और स्थानीय जन प्रतिनिधि (मुखिया, वार्ड सदस्य आदि) भी शामिल होंगे।
शिकायत एवं सूचना देने के लिए उपलब्ध माध्यम कोई भी व्यक्ति बाल विवाह की सूचना निम्न माध्यमों से दे सकता है, सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी:
महिला हेल्पलाइन – 181
चाइल्डलाइन – 1098
बाल कल्याण समिति के सदस्य
महिला एवं बाल विकास निगम, जिला कार्यालय
संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी / बीडीओ / थाना
जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी
जिला से लेकर पंचायत स्तर तक बाल संरक्षण समितियां गठित की गई हैं।
14 अप्रैल से डॉ. भीमराव अंबेडकर समग्र सेवा अभियान के तहत चल रहे विशेष शिविरों में बाल विवाह पर जागरूकता फैलाई जा रही है।
25 अप्रैल और 29 अप्रैल को अनुमंडल स्तर पर बैठकें आयोजित कर सुरक्षा रणनीतियों पर चर्चा की गई।
धार्मिक गुरुओं से भी अपील धार्मिक अनुष्ठानों में अहम भूमिका निभाने वाले पुरोहितों, मौलवियों एवं अन्य धर्मगुरुओं से अपील की जाती है कि वे किसी भी विवाह समारोह से पहले यह सुनिश्चित करें कि वह बाल विवाह न हो।
जिला प्रशासन की अपील अररिया जिला प्रशासन सभी नागरिकों, जन प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और जागरूक युवाओं से अपील करता है कि वे इस मुहिम में सहभागी बनें और अक्षय तृतीया जैसे शुभ अवसर पर किसी भी बाल विवाह को न होने दें। आइए, मिलकर अररिया को बाल विवाह मुक्त जिला बनाएं।
सारस न्यूज़, अररिया।
30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया के अवसर पर संभावित बाल विवाह की आशंका को देखते हुए अररिया जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। जिला भर में बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत विशेष निगरानी अभियान चलाया जा रहा है, ताकि इस सामाजिक कुरीति को जड़ से समाप्त किया जा सके।
बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत 18 वर्ष से कम आयु की लड़की और 21 वर्ष से कम आयु के लड़के का विवाह कानूनन अपराध है। कम उम्र में विवाह न केवल बच्चों के स्वास्थ्य व शिक्षा पर प्रतिकूल असर डालता है, बल्कि उनके मानसिक, सामाजिक और आर्थिक विकास को भी बाधित करता है।
प्रशासनिक सतर्कता एवं निगरानी तंत्र
अनुमंडल स्तर पर अनुमंडल पदाधिकारी एवं प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी को बाल विवाह निषेध पदाधिकारी के रूप में नामित किया गया है।
बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं सभी थानों में नियुक्त बाल विवाह रोकथाम पुलिस पदाधिकारी सहयोग कर रहे हैं।
बाल विवाह से जुड़े दोषियों में न सिर्फ अभिभावक, बल्कि शादी कराने वाले पंडित/मौलवी, बाराती, टेंट-डीजे सेवा प्रदाता, और स्थानीय जन प्रतिनिधि (मुखिया, वार्ड सदस्य आदि) भी शामिल होंगे।
शिकायत एवं सूचना देने के लिए उपलब्ध माध्यम कोई भी व्यक्ति बाल विवाह की सूचना निम्न माध्यमों से दे सकता है, सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी:
महिला हेल्पलाइन – 181
चाइल्डलाइन – 1098
बाल कल्याण समिति के सदस्य
महिला एवं बाल विकास निगम, जिला कार्यालय
संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी / बीडीओ / थाना
जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी
जिला से लेकर पंचायत स्तर तक बाल संरक्षण समितियां गठित की गई हैं।
14 अप्रैल से डॉ. भीमराव अंबेडकर समग्र सेवा अभियान के तहत चल रहे विशेष शिविरों में बाल विवाह पर जागरूकता फैलाई जा रही है।
25 अप्रैल और 29 अप्रैल को अनुमंडल स्तर पर बैठकें आयोजित कर सुरक्षा रणनीतियों पर चर्चा की गई।
धार्मिक गुरुओं से भी अपील धार्मिक अनुष्ठानों में अहम भूमिका निभाने वाले पुरोहितों, मौलवियों एवं अन्य धर्मगुरुओं से अपील की जाती है कि वे किसी भी विवाह समारोह से पहले यह सुनिश्चित करें कि वह बाल विवाह न हो।
जिला प्रशासन की अपील अररिया जिला प्रशासन सभी नागरिकों, जन प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और जागरूक युवाओं से अपील करता है कि वे इस मुहिम में सहभागी बनें और अक्षय तृतीया जैसे शुभ अवसर पर किसी भी बाल विवाह को न होने दें। आइए, मिलकर अररिया को बाल विवाह मुक्त जिला बनाएं।
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