एसएसबी 52वीं वाहिनी, अररिया द्वारा बलकर्मियों के बीच एचआईवी और मानसिक स्वास्थ्य जैसी संवेदनशील और गंभीर समस्याओं पर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम वाहिनी के कमांडेंट महेंद्र प्रताप के नेतृत्व में, सदर अस्पताल अररिया के सहयोग से वाहिनी मुख्यालय परिसर में आयोजित हुआ।
कार्यशाला के दौरान सदर अस्पताल के जिला कार्यक्रम प्रबंधक (DPM) ने एचआईवी के प्रकार, इसके संक्रमण के स्रोत और रोकथाम के उपायों पर विस्तार से जानकारी दी। साथ ही, एचआईवी संक्रमित लोगों के प्रति समाज में व्याप्त भेदभाव और गलत धारणाओं को दूर करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
सत्र के दूसरे भाग में मनोवैज्ञानिक शुभम कुमार ने जवानों को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं जैसे अवसाद, चिंता, तनाव आदि पर जागरूक किया। उन्होंने बताया कि यह समस्याएं आधुनिक जीवनशैली के कारण तेजी से बढ़ रही हैं और समय रहते इनका निदान जरूरी है। उन्होंने बलकर्मियों को मानसिक रूप से सकारात्मक बने रहने और भावनात्मक संतुलन बनाए रखने के टिप्स भी दिए।
इसके अतिरिक्त सहायक कमांडेंट (चिकित्सा) डॉ. मनोज जाट ने CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) और विषाक्त भोजन से जुड़ी आपात स्थितियों में बरती जाने वाली सावधानियों तथा उपचार विधियों के बारे में बताया।इस तरह की कार्यशालाएं न केवल बलकर्मियों की जागरूकता बढ़ाती हैं, बल्कि उन्हें कठिन परिस्थितियों में भी मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाए रखने में सहायक सिद्ध होती हैं।
सारस न्यूज, अररिया।
एसएसबी 52वीं वाहिनी, अररिया द्वारा बलकर्मियों के बीच एचआईवी और मानसिक स्वास्थ्य जैसी संवेदनशील और गंभीर समस्याओं पर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम वाहिनी के कमांडेंट महेंद्र प्रताप के नेतृत्व में, सदर अस्पताल अररिया के सहयोग से वाहिनी मुख्यालय परिसर में आयोजित हुआ।
कार्यशाला के दौरान सदर अस्पताल के जिला कार्यक्रम प्रबंधक (DPM) ने एचआईवी के प्रकार, इसके संक्रमण के स्रोत और रोकथाम के उपायों पर विस्तार से जानकारी दी। साथ ही, एचआईवी संक्रमित लोगों के प्रति समाज में व्याप्त भेदभाव और गलत धारणाओं को दूर करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
सत्र के दूसरे भाग में मनोवैज्ञानिक शुभम कुमार ने जवानों को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं जैसे अवसाद, चिंता, तनाव आदि पर जागरूक किया। उन्होंने बताया कि यह समस्याएं आधुनिक जीवनशैली के कारण तेजी से बढ़ रही हैं और समय रहते इनका निदान जरूरी है। उन्होंने बलकर्मियों को मानसिक रूप से सकारात्मक बने रहने और भावनात्मक संतुलन बनाए रखने के टिप्स भी दिए।
इसके अतिरिक्त सहायक कमांडेंट (चिकित्सा) डॉ. मनोज जाट ने CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) और विषाक्त भोजन से जुड़ी आपात स्थितियों में बरती जाने वाली सावधानियों तथा उपचार विधियों के बारे में बताया।इस तरह की कार्यशालाएं न केवल बलकर्मियों की जागरूकता बढ़ाती हैं, बल्कि उन्हें कठिन परिस्थितियों में भी मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाए रखने में सहायक सिद्ध होती हैं।
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