साइबर थाना की त्वरित कार्रवाई: अड़राहा एक्सिस बैंक फ्रॉड का खुलासा, 15.62 लाख की ठगी में तीन गिरफ्तार महज 5 दिन में पुलिस को मिली बड़ी सफलता, कई राज्यों से जुड़े तार।
अररिया साइबर थाना ने बैंक खाते से हुए 15.62 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी के मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए मात्र पांच दिनों के भीतर तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस अधीक्षक अंजनी कुमार ने इस मामले में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 18 जून को भरगामा के खजूरी गांव निवासी पवन कुमार ने आवेदन देकर शिकायत की थी कि उनके पिता के फारबिसगंज स्थित अड़राहा एक्सिस बैंक खाते से 20 मई से 27 मई के बीच बिना किसी जानकारी के 15,62,201 रुपये की अवैध निकासी की गई। इस पर साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर डीएसपी सह थानाध्यक्ष रजिया सुल्ताना के नेतृत्व में जांच शुरू हुई।
तकनीकी जांच और मोबाइल नंबर ट्रैकिंग के आधार पर फारबिसगंज के बड़ी पानी टंकी निवासी यश कुमार को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में उसने अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए दो अन्य साथियों के नाम भी उजागर किए — नरपतगंज के खाब्दह कन्हैली निवासी आमोद लाहोटिया और फारबिसगंज के मटियारी निवासी राजू रंजन। पुलिस ने तत्परता से दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में यह सामने आया कि आरोपी एक संगठित साइबर नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। एसपी ने बताया कि अड़राहा एक्सिस बैंक की भूमिका भी जांच के घेरे में है क्योंकि खाता धारक की भौतिक उपस्थिति के बिना मोबाइल नंबर कैसे बदला गया, यह गंभीर सवाल खड़ा करता है।
गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से पुलिस ने 6 मोबाइल, 15 आधार व पैन कार्ड, 4 विभिन्न बैंकों के एटीएम कार्ड और 1 वोटर ID जब्त किए हैं। इस कार्रवाई में डीएसपी रजिया सुल्ताना के साथ पुअनि कुंदन कुमार, पुअनि सरोज कुमार, पुअनि मनिषा कुमारी, दीपक कुमार दास और सिपाही अमरजीत कुमार की टीम शामिल रही।
एसपी अंजनी कुमार ने बताया कि पकड़े गए अभियुक्तों की पृष्ठभूमि भी संदिग्ध रही है। यश कुमार एक सीएसपी केंद्र चलाता था जबकि आमोद लाहोटिया मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली पुलिस द्वारा वांछित है। साथ ही वह पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में दर्ज एक मामले में भी फरार आरोपी है।
पुलिस का कहना है कि यह मामला सिर्फ एक ठगी का नहीं बल्कि एक बड़े साइबर रैकेट का हिस्सा है, जिसकी कड़ियां अब जोड़ी जा रही हैं। अनुसंधान तेजी से जारी है और आगे और गिरफ्तारी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सारस न्यूज़, अररिया।
अररिया साइबर थाना ने बैंक खाते से हुए 15.62 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी के मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए मात्र पांच दिनों के भीतर तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस अधीक्षक अंजनी कुमार ने इस मामले में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 18 जून को भरगामा के खजूरी गांव निवासी पवन कुमार ने आवेदन देकर शिकायत की थी कि उनके पिता के फारबिसगंज स्थित अड़राहा एक्सिस बैंक खाते से 20 मई से 27 मई के बीच बिना किसी जानकारी के 15,62,201 रुपये की अवैध निकासी की गई। इस पर साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज कर डीएसपी सह थानाध्यक्ष रजिया सुल्ताना के नेतृत्व में जांच शुरू हुई।
तकनीकी जांच और मोबाइल नंबर ट्रैकिंग के आधार पर फारबिसगंज के बड़ी पानी टंकी निवासी यश कुमार को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में उसने अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए दो अन्य साथियों के नाम भी उजागर किए — नरपतगंज के खाब्दह कन्हैली निवासी आमोद लाहोटिया और फारबिसगंज के मटियारी निवासी राजू रंजन। पुलिस ने तत्परता से दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में यह सामने आया कि आरोपी एक संगठित साइबर नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। एसपी ने बताया कि अड़राहा एक्सिस बैंक की भूमिका भी जांच के घेरे में है क्योंकि खाता धारक की भौतिक उपस्थिति के बिना मोबाइल नंबर कैसे बदला गया, यह गंभीर सवाल खड़ा करता है।
गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से पुलिस ने 6 मोबाइल, 15 आधार व पैन कार्ड, 4 विभिन्न बैंकों के एटीएम कार्ड और 1 वोटर ID जब्त किए हैं। इस कार्रवाई में डीएसपी रजिया सुल्ताना के साथ पुअनि कुंदन कुमार, पुअनि सरोज कुमार, पुअनि मनिषा कुमारी, दीपक कुमार दास और सिपाही अमरजीत कुमार की टीम शामिल रही।
एसपी अंजनी कुमार ने बताया कि पकड़े गए अभियुक्तों की पृष्ठभूमि भी संदिग्ध रही है। यश कुमार एक सीएसपी केंद्र चलाता था जबकि आमोद लाहोटिया मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली पुलिस द्वारा वांछित है। साथ ही वह पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में दर्ज एक मामले में भी फरार आरोपी है।
पुलिस का कहना है कि यह मामला सिर्फ एक ठगी का नहीं बल्कि एक बड़े साइबर रैकेट का हिस्सा है, जिसकी कड़ियां अब जोड़ी जा रही हैं। अनुसंधान तेजी से जारी है और आगे और गिरफ्तारी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
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