अररिया नप द्वारा गत 10 फरवरी को चलाया गया था अतिक्रमण हटाओ अभियान।
व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए नप प्रशासन द्वारा नहीं की जाती है मयकिंग।
कचहरी रोड से चांदनी चौक, चांदनी चौक से हटिया, ठाकुरबाड़ी, हॉस्पिटल, बस स्टैंड और स्टेशन रोड के मार्गों में फुटफाटी दुकान सड़कों पर किये हैं कब्जा, प्रशासन सुस्त।
जिला मुख्यालय के प्रमुख मार्गों में अतिक्रमण हर व्यक्ति के लिए समस्या बन गई है। यह स्थिति अधिकारियों के संज्ञान में भी है। लेकिन अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन कोई रणनीति नहीं बना पा रही है। खानापूर्ति के लिए कभी-कभार शहरी क्षेत्र में अतिक्रमण हटाओ अभियान जिला प्रशासन के आदेश पर नप इओ द्वारा चलाया भी जाता है। लेकिन स्थिति जस की बनी हुई है।।कुछ दिन अतिक्रमण में हटाए गए फुटफाटी दुकान बंद रहते हैं। इसके बाद फिर से अपनी स्थान पर दुकान लगाए कर दिखाई देते है जिससे शहरी क्षेत्र के सड़कों पर लोगों का चलना दुश्वार हो गया है। साथ ही हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
शहर के मुख्य मार्गों में अतिक्रमण करियों का बोलबाला।
सड़क किनारे जगह-जगह बड़े दुकान एवं फुटपाथी दुकानदारों ने कब्जा जमा लिया है। जिससे सड़क संकरी हो गई है। इससे आये दिन सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रहती है। बाजार के अधिकतर दुकानदार अपनी दुकान की सीमा से बाहर भी सामान रखे रहते हैं। जिसका खामियाजा आमजनों को भुगतना पड़ता है। इससे सड़कों पर पैदल चलने वाले फुटपाथ पर पैर रखने की जगह नहीं बची होती है। कचहरी रोड से चांदनी चौक, चांदनी चौक से हटिया रोड एवं ठाकुरबाड़ी रोड, चांदनी चौक से हॉस्पिटल रोड, चांदनी चौक से बस स्टैंड रोड, चांदनी चौक से स्टेशन रोड के मार्गों में दुकानदारों के द्वारा मनमानी तरीके से दुकान की सामग्री बाहर लगा कर सड़क को छोटा करते जा रहे हैं। बस स्टैंड में पूर्व में आंबेडकर पार्क को हटाकर सड़क का भी चौड़ीकरण किया गया। लेकिन उक्त स्थान पर आज ठेले-खोमचे एवं सब्जी दुकान का कब्जा और वर्चस्व है। जिस पर जिला प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है। न ही नगर पालिका के जिम्मेदार अतिक्रमण हटाने की तैयारी में है। कुल मिला कर आमजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नप क्षेत्र के हर सड़कों पर अतिक्रमण से समस्या बढ़ गई है।
बड़ी दुकानों के बाहर लगती है फुटफाटी दुकान।
जिस जगह पर ग्राहकों के वाहन खड़े होने चाहिए। वहां दुकानदारों के आदेश पर फुटफाटी दुकान लगते हैं। इस वजह से सड़क पर यातायात प्रभावित है। ऐसे फुटकर दुकानदारों के द्वारा मनमानी की जा रही है। प्रशासन द्वारा ऐसी अव्यवस्था को सुधारने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। इसको लेकर नप कर्मी सड़क पर निकल ही नहीं रहे हैं। गत 10 फरवरी 2024 को खानापूर्ति के लिए अतिक्रमण हटाओ अभियान नप प्रशासन द्वारा चलाया गया था। यही वजह है कि प्रमुख सड़कों पर अतिक्रमणकारी का बोलबाला है। पहले जिला प्रशासन के आदेश से ये कार्रवाई होती रही है। लेकिन साढ़े 04 महीने से अधिक समय हो जाने के बाद भी सड़क से अतिक्रमण या कब्जा नहीं हटाया गया है। पूरा बाजार क्षेत्र एवं मुख्य सड़क अतिक्रमण के कारण अव्यवस्थित है। इस वजह से लोगों को आवाजाही में कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बाजार में दुकानों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ी है।
बाजार में दुकानों की संख्या दिन प्रतिदिन लगातार बढ़ रही है। लेकिन व्यवस्था के नाम पर कोई प्लान नगरीय निकाय के पास नहीं है। यहां त्योहारों के सीजन के अलावा आम दिनों में भी ग्राहकों की भीड़ रहती है। अतिक्रमण की समस्या यहां सबसे ज्यादा है। बड़ी-बड़ी दुकानों का सामान सड़क या नालों पर रखा होता है। कपड़े के दुकानदार सड़क पर सेल लगाते है। इलेक्ट्रॉनिक शोरूम संचालक सड़क पर ही कूलर, पंखे रखते हैं। इतना ही नहीं बर्तन बेचने वाले बड़े दुकानदार भी सड़क पर आगे तक बर्तन जमाते हैं। बस स्टैंड मार्ग पर ठेले पर आम, आइसक्रीम, छोला, सब्जी, मोमो, बर्गर, पानीपूड़ी, छोला-भटूरे एवं अन्य सामग्री बेचने वालों का कब्जा है। ऐसे दुकानदारों द्वारा बीच सड़क पर दुकान लगाकर एनएच 57 और एनएच 327 ई घेर रखा है। जिसके कारण हरेक दिन खासा जाम के हालात बनते हैं। लोगों को बस स्टैंड, चांदनी चौक से हॉस्पिटल रोड पर आधे से 01 घंटे जाम में फंसना पड़ता है। कई बार बाइक सवार दुर्घटनाग्रस्त होने के साथ काफी जख्मी भी हुए हैं। बस स्टैंड में अतिक्रमण कारियों के बीच संध्या बेला में नगर थाना की गश्ती वाहन भी दिखाई देती है। लेकिन ऐसे अतिक्रमण कारियों को कोई फर्क नहीं पड़ता है। यहां तक कि नप प्रशासन द्वारा व्यवस्था दुरुस्त बनाए रखने के लिए माइकिंग भी नहीं करवायी जाती है। जिससे ऐसे दुकानदारों को नगर परिषद के कानून व्यवस्था बनाए रखने का ज्ञान तक नहीं है।
सारस न्यूज़ अररिया।
अररिया नप द्वारा गत 10 फरवरी को चलाया गया था अतिक्रमण हटाओ अभियान।
व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए नप प्रशासन द्वारा नहीं की जाती है मयकिंग।
कचहरी रोड से चांदनी चौक, चांदनी चौक से हटिया, ठाकुरबाड़ी, हॉस्पिटल, बस स्टैंड और स्टेशन रोड के मार्गों में फुटफाटी दुकान सड़कों पर किये हैं कब्जा, प्रशासन सुस्त।
जिला मुख्यालय के प्रमुख मार्गों में अतिक्रमण हर व्यक्ति के लिए समस्या बन गई है। यह स्थिति अधिकारियों के संज्ञान में भी है। लेकिन अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन कोई रणनीति नहीं बना पा रही है। खानापूर्ति के लिए कभी-कभार शहरी क्षेत्र में अतिक्रमण हटाओ अभियान जिला प्रशासन के आदेश पर नप इओ द्वारा चलाया भी जाता है। लेकिन स्थिति जस की बनी हुई है।।कुछ दिन अतिक्रमण में हटाए गए फुटफाटी दुकान बंद रहते हैं। इसके बाद फिर से अपनी स्थान पर दुकान लगाए कर दिखाई देते है जिससे शहरी क्षेत्र के सड़कों पर लोगों का चलना दुश्वार हो गया है। साथ ही हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
शहर के मुख्य मार्गों में अतिक्रमण करियों का बोलबाला।
सड़क किनारे जगह-जगह बड़े दुकान एवं फुटपाथी दुकानदारों ने कब्जा जमा लिया है। जिससे सड़क संकरी हो गई है। इससे आये दिन सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रहती है। बाजार के अधिकतर दुकानदार अपनी दुकान की सीमा से बाहर भी सामान रखे रहते हैं। जिसका खामियाजा आमजनों को भुगतना पड़ता है। इससे सड़कों पर पैदल चलने वाले फुटपाथ पर पैर रखने की जगह नहीं बची होती है। कचहरी रोड से चांदनी चौक, चांदनी चौक से हटिया रोड एवं ठाकुरबाड़ी रोड, चांदनी चौक से हॉस्पिटल रोड, चांदनी चौक से बस स्टैंड रोड, चांदनी चौक से स्टेशन रोड के मार्गों में दुकानदारों के द्वारा मनमानी तरीके से दुकान की सामग्री बाहर लगा कर सड़क को छोटा करते जा रहे हैं। बस स्टैंड में पूर्व में आंबेडकर पार्क को हटाकर सड़क का भी चौड़ीकरण किया गया। लेकिन उक्त स्थान पर आज ठेले-खोमचे एवं सब्जी दुकान का कब्जा और वर्चस्व है। जिस पर जिला प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है। न ही नगर पालिका के जिम्मेदार अतिक्रमण हटाने की तैयारी में है। कुल मिला कर आमजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नप क्षेत्र के हर सड़कों पर अतिक्रमण से समस्या बढ़ गई है।
बड़ी दुकानों के बाहर लगती है फुटफाटी दुकान।
जिस जगह पर ग्राहकों के वाहन खड़े होने चाहिए। वहां दुकानदारों के आदेश पर फुटफाटी दुकान लगते हैं। इस वजह से सड़क पर यातायात प्रभावित है। ऐसे फुटकर दुकानदारों के द्वारा मनमानी की जा रही है। प्रशासन द्वारा ऐसी अव्यवस्था को सुधारने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। इसको लेकर नप कर्मी सड़क पर निकल ही नहीं रहे हैं। गत 10 फरवरी 2024 को खानापूर्ति के लिए अतिक्रमण हटाओ अभियान नप प्रशासन द्वारा चलाया गया था। यही वजह है कि प्रमुख सड़कों पर अतिक्रमणकारी का बोलबाला है। पहले जिला प्रशासन के आदेश से ये कार्रवाई होती रही है। लेकिन साढ़े 04 महीने से अधिक समय हो जाने के बाद भी सड़क से अतिक्रमण या कब्जा नहीं हटाया गया है। पूरा बाजार क्षेत्र एवं मुख्य सड़क अतिक्रमण के कारण अव्यवस्थित है। इस वजह से लोगों को आवाजाही में कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बाजार में दुकानों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ी है।
बाजार में दुकानों की संख्या दिन प्रतिदिन लगातार बढ़ रही है। लेकिन व्यवस्था के नाम पर कोई प्लान नगरीय निकाय के पास नहीं है। यहां त्योहारों के सीजन के अलावा आम दिनों में भी ग्राहकों की भीड़ रहती है। अतिक्रमण की समस्या यहां सबसे ज्यादा है। बड़ी-बड़ी दुकानों का सामान सड़क या नालों पर रखा होता है। कपड़े के दुकानदार सड़क पर सेल लगाते है। इलेक्ट्रॉनिक शोरूम संचालक सड़क पर ही कूलर, पंखे रखते हैं। इतना ही नहीं बर्तन बेचने वाले बड़े दुकानदार भी सड़क पर आगे तक बर्तन जमाते हैं। बस स्टैंड मार्ग पर ठेले पर आम, आइसक्रीम, छोला, सब्जी, मोमो, बर्गर, पानीपूड़ी, छोला-भटूरे एवं अन्य सामग्री बेचने वालों का कब्जा है। ऐसे दुकानदारों द्वारा बीच सड़क पर दुकान लगाकर एनएच 57 और एनएच 327 ई घेर रखा है। जिसके कारण हरेक दिन खासा जाम के हालात बनते हैं। लोगों को बस स्टैंड, चांदनी चौक से हॉस्पिटल रोड पर आधे से 01 घंटे जाम में फंसना पड़ता है। कई बार बाइक सवार दुर्घटनाग्रस्त होने के साथ काफी जख्मी भी हुए हैं। बस स्टैंड में अतिक्रमण कारियों के बीच संध्या बेला में नगर थाना की गश्ती वाहन भी दिखाई देती है। लेकिन ऐसे अतिक्रमण कारियों को कोई फर्क नहीं पड़ता है। यहां तक कि नप प्रशासन द्वारा व्यवस्था दुरुस्त बनाए रखने के लिए माइकिंग भी नहीं करवायी जाती है। जिससे ऐसे दुकानदारों को नगर परिषद के कानून व्यवस्था बनाए रखने का ज्ञान तक नहीं है।
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