सारस न्यूज, अररिया।
प्रखंड में चलाया जा रहा ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम अब ग्रामीण जागरूकता व सामुदायिक भागीदारी का सशक्त माध्यम बन चुका है। विशेष रूप से अनुसूचित जाति व जनजाति बहुल 175 टोलों में इस कार्यक्रम ने सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार को नया आयाम दिया है।
इस कार्यक्रम की अगुवाई प्रखंड विकास पदाधिकारी शशिभूषण सुमन कर रहे हैं, जिनके मार्गदर्शन में जीविका समूह की दीदियाँ घर-घर जाकर ग्रामीण महिलाओं को केंद्र व राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दे रही हैं। यह प्रयास सिर्फ सूचना देने तक सीमित नहीं है, बल्कि महिलाओं को योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करने व प्रक्रिया में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने का भी कार्य कर रहा है।
कार्यक्रम के तहत महिलाओं को प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, जल-नल योजना, वृद्धा, विधवा पेंशन योजना, स्वच्छ भारत मिशन, जनधन योजना व किसान सम्मान निधि सहित अन्य योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। इन योजनाओं के पात्रता मापदंड, आवेदन की प्रक्रिया व लाभ मिलने की अवधि पर भी विशेष रूप से प्रकाश डाला जा रहा है।
बीडीओ शशिभूषण सुमन ने बताया कि ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना व उन्हें सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं सशक्त होती हैं तो पूरा समाज मजबूत होता है। इसी सोच के साथ यह कार्यक्रम गांव-गांव पहुंच रहा है व महिलाओं में चेतना की नई लहर जगा रहा है। इस संवाद कार्यक्रम का सीधा असर गांवों में देखने को मिल रहा है। महिलाएं अब योजनाओं के प्रति न केवल जागरूक हो रही हैं, बल्कि खुद आगे आकर जानकारी ले रही हैं व अन्य महिलाओं को भी जागरूक कर रही हैं। इससे समाज में सामूहिक जागरूकता व सहभागिता की भावना भी विकसित हो रही है। यह पहल ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए न केवल एक जानकारी अभियान है, बल्कि यह उन्हें आत्मविश्वास, अधिकारों की समझ व सामाजिक भागीदारी के लिए तैयार कर रही है। आने वाले दिनों में ‘महिला संवाद’ जैसे कार्यक्रम नारी सशक्तिकरण के मजबूत आधार बन सकते हैं।