“सचिव, वैद्य, गुरु की सही सलाह न मिले तो विनाश निश्चित है। घमंड रावण का भी अंत कर गया था, इसलिए इंसान को घमंड से बचना चाहिए और गुरु की बातें माननी चाहिए।” यह विचार अखिल राष्ट्रीय संतमत सत्संग के आचार्य श्री योगानंद परमहंस जी महाराज ने शनिवार को भरगामा प्रखंड क्षेत्र के वीरनगर पश्चिम पंचायत के मंजरही चकला में आयोजित अखिल राष्ट्रीय संतमत सत्संग के 113वें वार्षिक महाधिवेशन में व्यक्त किए।
रावण के घमंड से सीख लेने की प्रेरणा
आचार्य श्री ने कहा कि रावण ने सीता का हरण करने से पहले विचार नहीं किया, और यह उसकी मूर्खता थी, जिसने उसके विनाश का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने सत्संग में उपस्थित श्रद्धालुओं को संदेश देते हुए कहा, “हम सब एक हैं। लेकिन राजनीति करने वाले हमें हिंदू और मुसलमान के नाम पर बांट रहे हैं और अपनी राजनीतिक दुकानें चला रहे हैं। हमें इस विभाजन से बचना होगा और एकता बनाए रखनी होगी।”
संतों का संदेश और भजन प्रस्तुति
इस अवसर पर कई संतों ने प्रवचन दिया, जिनमें स्वामी सुभाष बाबा, गुरु प्रसाद बाबा, स्वामी प्रलोक बाबा, स्वामी पंकज बाबा, गणेश बाबा, राजकिशोर बाबा, और भजन सम्राट गुरुशरण सुमन बाबा शामिल थे। भजन सम्राट गुरुशरण सुमन बाबा ने अपनी बेहतरीन भजनों की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम को और खास बना दिया।
आयोजन की परंपरा और सहयोग
सत्संग के आयोजक राजेंद्र प्रसाद साह ने बताया कि यह आयोजन हर साल की भांति इस वर्ष भी व्यक्तिगत प्रयासों से किया गया है। मंच संचालन बेचन प्रसाद साह ने किया।
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
इस अवसर पर प्रखर समाजसेवी असलम बेग, मुखिया प्रतिनिधि जाहिद आलम, सरपंच नजाम उद्दीन, आजम श्रीमान, निगार अंजुम, संजय पासवान, काशान अल्तमस, और अजीत कुमार साह (पिपरा) मुख्य रूप से उपस्थित थे।
कार्यक्रम को सफल बनाने वाले सहयोगी
कार्यक्रम की सफलता में मुन्ना यादव, धनिक लाल पासवान, श्याम बाबा, चंदन साह, शिव कुमार साह, और दुर्गा प्रसाद साह सहित कई अन्य लोगों का सहयोग सराहनीय रहा।
आचार्य श्री के विचारों और संतों के प्रवचनों ने इस आयोजन को एक प्रेरणादायक आध्यात्मिक अनुभव बनाया।
सारस न्यूज़, अररिया।
“सचिव, वैद्य, गुरु की सही सलाह न मिले तो विनाश निश्चित है। घमंड रावण का भी अंत कर गया था, इसलिए इंसान को घमंड से बचना चाहिए और गुरु की बातें माननी चाहिए।” यह विचार अखिल राष्ट्रीय संतमत सत्संग के आचार्य श्री योगानंद परमहंस जी महाराज ने शनिवार को भरगामा प्रखंड क्षेत्र के वीरनगर पश्चिम पंचायत के मंजरही चकला में आयोजित अखिल राष्ट्रीय संतमत सत्संग के 113वें वार्षिक महाधिवेशन में व्यक्त किए।
रावण के घमंड से सीख लेने की प्रेरणा
आचार्य श्री ने कहा कि रावण ने सीता का हरण करने से पहले विचार नहीं किया, और यह उसकी मूर्खता थी, जिसने उसके विनाश का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने सत्संग में उपस्थित श्रद्धालुओं को संदेश देते हुए कहा, “हम सब एक हैं। लेकिन राजनीति करने वाले हमें हिंदू और मुसलमान के नाम पर बांट रहे हैं और अपनी राजनीतिक दुकानें चला रहे हैं। हमें इस विभाजन से बचना होगा और एकता बनाए रखनी होगी।”
संतों का संदेश और भजन प्रस्तुति
इस अवसर पर कई संतों ने प्रवचन दिया, जिनमें स्वामी सुभाष बाबा, गुरु प्रसाद बाबा, स्वामी प्रलोक बाबा, स्वामी पंकज बाबा, गणेश बाबा, राजकिशोर बाबा, और भजन सम्राट गुरुशरण सुमन बाबा शामिल थे। भजन सम्राट गुरुशरण सुमन बाबा ने अपनी बेहतरीन भजनों की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम को और खास बना दिया।
आयोजन की परंपरा और सहयोग
सत्संग के आयोजक राजेंद्र प्रसाद साह ने बताया कि यह आयोजन हर साल की भांति इस वर्ष भी व्यक्तिगत प्रयासों से किया गया है। मंच संचालन बेचन प्रसाद साह ने किया।
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
इस अवसर पर प्रखर समाजसेवी असलम बेग, मुखिया प्रतिनिधि जाहिद आलम, सरपंच नजाम उद्दीन, आजम श्रीमान, निगार अंजुम, संजय पासवान, काशान अल्तमस, और अजीत कुमार साह (पिपरा) मुख्य रूप से उपस्थित थे।
कार्यक्रम को सफल बनाने वाले सहयोगी
कार्यक्रम की सफलता में मुन्ना यादव, धनिक लाल पासवान, श्याम बाबा, चंदन साह, शिव कुमार साह, और दुर्गा प्रसाद साह सहित कई अन्य लोगों का सहयोग सराहनीय रहा।
आचार्य श्री के विचारों और संतों के प्रवचनों ने इस आयोजन को एक प्रेरणादायक आध्यात्मिक अनुभव बनाया।
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