जिले में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में निरंतर योगदान दे रहे तीन शिक्षकों को जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार द्वारा मासिक उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान प्रदान किया गया। यह सम्मान समारोह जिला शिक्षा कार्यालय परिसर में आयोजित हुआ, जिसमें शिक्षकों के नवाचारी प्रयासों और विद्यालयों में उनके सकारात्मक प्रभाव को सराहा गया।
सम्मान पाने वालों में केएमएस बेलवा टापू टोला की शिक्षिका राणा शाजी, मध्य विद्यालय लक्ष्मीपुर की शिक्षिका रंजिता शर्मा, तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय तारण के शिक्षक सद्दाम हुसैन शामिल हैं। इन शिक्षकों ने अपने-अपने विद्यालयों में अनुशासन, सृजनात्मक शिक्षण तरीकों और विद्यार्थियों के समग्र विकास पर विशेष ध्यान देकर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।
डीईओ संजय कुमार ने कहा कि ऐसे समर्पित शिक्षक जिले में शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा दे रहे हैं और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि इनकी कार्यशैली अन्य शिक्षकों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण है।
सम्मानित शिक्षकों ने इस उपलब्धि को अपने कर्तव्य और जिम्मेदारी का विस्तार बताया। उनका कहना था कि यह सम्मान उन्हें भविष्य में और अधिक समर्पण के साथ विद्यार्थियों के लिए काम करने की प्रेरणा देता है।
सारस न्यूज़, अररिया।
जिले में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में निरंतर योगदान दे रहे तीन शिक्षकों को जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार द्वारा मासिक उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान प्रदान किया गया। यह सम्मान समारोह जिला शिक्षा कार्यालय परिसर में आयोजित हुआ, जिसमें शिक्षकों के नवाचारी प्रयासों और विद्यालयों में उनके सकारात्मक प्रभाव को सराहा गया।
सम्मान पाने वालों में केएमएस बेलवा टापू टोला की शिक्षिका राणा शाजी, मध्य विद्यालय लक्ष्मीपुर की शिक्षिका रंजिता शर्मा, तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय तारण के शिक्षक सद्दाम हुसैन शामिल हैं। इन शिक्षकों ने अपने-अपने विद्यालयों में अनुशासन, सृजनात्मक शिक्षण तरीकों और विद्यार्थियों के समग्र विकास पर विशेष ध्यान देकर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।
डीईओ संजय कुमार ने कहा कि ऐसे समर्पित शिक्षक जिले में शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा दे रहे हैं और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि इनकी कार्यशैली अन्य शिक्षकों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण है।
सम्मानित शिक्षकों ने इस उपलब्धि को अपने कर्तव्य और जिम्मेदारी का विस्तार बताया। उनका कहना था कि यह सम्मान उन्हें भविष्य में और अधिक समर्पण के साथ विद्यार्थियों के लिए काम करने की प्रेरणा देता है।
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