बिहार के अररिया जिले में सोमवार सुबह एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया है। जोकीहाट थाना क्षेत्र के तारण गांव में बकरा नदी में डूबने से तीन मासूम बच्चियों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक बच्ची को ग्रामीणों की मदद से बचा लिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार तड़के लगभग तीन बजे गांव की चार बच्चियां नदी किनारे मिट्टी लाने गई थीं। इसी दौरान एक बच्ची का पैर फिसल गया और वह गहराई में चली गई। उसे बचाने की कोशिश में बाकी तीन बच्चियां भी पानी में उतर गईं और देखते ही देखते डूबने लगीं। आसपास मौजूद लोगों ने शोर मचाया और बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन तब तक तीन बच्चियां अपनी जान गंवा चुकी थीं।
बचाई गई एकमात्र बच्ची की हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है, और उसे प्राथमिक इलाज के लिए स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।
मृत बच्चियों की उम्र 10 से 12 वर्ष के बीच बताई जा रही है। इस हादसे के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और आगे की जांच की जा रही है।
गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी मिट्टी के चूल्हे और घर की मरम्मत के लिए बच्चे मिट्टी लाने जाते हैं, जो कि उनकी जान पर भारी पड़ सकता है।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
बिहार के अररिया जिले में सोमवार सुबह एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया है। जोकीहाट थाना क्षेत्र के तारण गांव में बकरा नदी में डूबने से तीन मासूम बच्चियों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक बच्ची को ग्रामीणों की मदद से बचा लिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार तड़के लगभग तीन बजे गांव की चार बच्चियां नदी किनारे मिट्टी लाने गई थीं। इसी दौरान एक बच्ची का पैर फिसल गया और वह गहराई में चली गई। उसे बचाने की कोशिश में बाकी तीन बच्चियां भी पानी में उतर गईं और देखते ही देखते डूबने लगीं। आसपास मौजूद लोगों ने शोर मचाया और बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन तब तक तीन बच्चियां अपनी जान गंवा चुकी थीं।
बचाई गई एकमात्र बच्ची की हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है, और उसे प्राथमिक इलाज के लिए स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।
मृत बच्चियों की उम्र 10 से 12 वर्ष के बीच बताई जा रही है। इस हादसे के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और आगे की जांच की जा रही है।
गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी मिट्टी के चूल्हे और घर की मरम्मत के लिए बच्चे मिट्टी लाने जाते हैं, जो कि उनकी जान पर भारी पड़ सकता है।
Leave a Reply