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रेणु की याद में श्रद्धांजलि सभा, ग्रामीणों ने साझा किए साहित्यिक योगदान और संघर्ष के प्रेरणादायक पल।

सारस न्यूज, अररिया।

भरगामा स्थित रेणु साहित्य परिसर में शुक्रवार को प्रसिद्ध कथाकार एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ की पुण्यतिथि पर भावनात्मक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इस अवसर पर ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों ने बड़ी आत्मीयता के साथ रेणु को याद किया और उनके जीवन एवं रचनाओं को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता अजय अकेला ने की। कार्यक्रम की शुरुआत रेणु के चित्र पर सामूहिक पुष्पांजलि अर्पण के साथ की गई।

पूर्व जिला पार्षद सत्यनारायण यादव ने रेणु के व्यक्तित्व और उनके सृजनात्मक कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने अपनी कालजयी कृतियों के माध्यम से भारत के ग्रामीण जीवन को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई।

समाजसेवी चंद्रानंद झा ‘चाणक्य’ ने उन्हें मुंशी प्रेमचंद की साहित्यिक परंपरा का सशक्त संवाहक बताया और कहा कि उनकी लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और संवेदनशीलता की गूंज स्पष्ट रूप से सुनाई देती है।

अजय अकेला ने रेणु को परिवर्तनकारी साहित्यकार बताते हुए कहा कि भारत की आजादी के बाद उन्होंने नेपाल में लोकतांत्रिक व्यवस्था की स्थापना में भी अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने ही सबसे पहले “यो रेडियो नेपाल हो” उद्घोषणा के माध्यम से वहां की जनता से संवाद स्थापित किया था। उनकी प्रमुख रचना ‘मैला आंचल’ ने भारतीय साहित्य में नई चेतना का संचार किया।

इस अवसर पर वासुदेव ठाकुर, राजेंद्र मंडल, पृथ्वी मंडल, महेंद्र मंडल, शिक्षाविद विद्यानंद यादव, संत योगानंद दास, सदानंद दास, वार्ड सदस्य ललन पासवान, भवेश ठाकुर, सुमन ठाकुर, और रेणु कोचिंग संस्थान के विद्यार्थीगण उपस्थित रहे और उन्होंने भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

यह आयोजन साहित्यिक चेतना और सामाजिक समर्पण का अनुपम उदाहरण बना।



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