गुरुवार को व्यवहार न्यायालय अररिया के एडीजे-04 रवि कुमार की अदालत ने फसल खेत में चरी चरवाही करने से मना करने के वावजूद फसल चरी करते हुए फरसा से जान मारने के नियत से मारपीट कर गम्भीर रूप से घायल करने का मामला प्रमाणित होने पर दो सहोदर भाइयों क्रमशः 43 वर्षीय यासीन व 56 वर्षीय कारी मियां दोनो पिता नवी हसन मियां को सात-सात वर्ष सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई है।
वही, अन्य एक 56 वर्षीय अभियुक्त जैनुल मियां पिता समीद मियां को पांच वर्ष सश्रम कारावास की सज़ा दी है।
दोनो सगे भाइयों को कारावास की सज़ा के अलावा विभिन्न धाराओं में जुर्माना जमा करने का आदेश जारी किया गया है।
इस संबंध में सरकार की ओर से एपीपी प्रभा कुमारी मंडल ने जानकारी दिया कि 10 सितंबर 2001 के सुबह करीब 6-7 बजे जोगबनी के झोखरण मौजा मे आरोपियों का मवेशी वगैरह द्वारा सूचक नारायण झा पिता ज़ुकती नाथ झा की फसल चरी करवाया जा रहा था। जिसे मना करने पर सभी आरोपियों ने घातक हथियार से लैस होकर नाजायज मजमा बनाकर एक मत होकर जान से मारने के नियत से सूचक नारायण झा सहित मंजू देवी, रामुदेश झा, लक्ष्मीकांत झा के साथ मारपीट कर फरसा से गम्भीर रूप से घायल कर दिया था।
इस घटना के बाद घायल नारायण झा ने आरोपियों के विरुद्ध जोगबनी (बथनाहा) कांड संख्या 90/2001 दर्ज करवाया था।
कोर्ट में सभी गवाहों ने घटना का समर्थन किया था। गवाही के बयान से संतुष्ट होकर न्यायालय के न्यायधीश रवि कुमार ने तीन आरोपियों को दोषी ठहराया।
सज़ा के बिन्दु पर सरकार की ओर से एपीपी प्रभा कुमारी मंडल ने अधिक से अधिक सज़ा देने की अपील की। जबकि बचाव पक्ष के वरीय अधिवक्ता देबू सेन ने कम से कम सज़ा देने की गुहार लगाई।
सारस न्यूज, अररिया।
गुरुवार को व्यवहार न्यायालय अररिया के एडीजे-04 रवि कुमार की अदालत ने फसल खेत में चरी चरवाही करने से मना करने के वावजूद फसल चरी करते हुए फरसा से जान मारने के नियत से मारपीट कर गम्भीर रूप से घायल करने का मामला प्रमाणित होने पर दो सहोदर भाइयों क्रमशः 43 वर्षीय यासीन व 56 वर्षीय कारी मियां दोनो पिता नवी हसन मियां को सात-सात वर्ष सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई है।
वही, अन्य एक 56 वर्षीय अभियुक्त जैनुल मियां पिता समीद मियां को पांच वर्ष सश्रम कारावास की सज़ा दी है।
दोनो सगे भाइयों को कारावास की सज़ा के अलावा विभिन्न धाराओं में जुर्माना जमा करने का आदेश जारी किया गया है।
इस संबंध में सरकार की ओर से एपीपी प्रभा कुमारी मंडल ने जानकारी दिया कि 10 सितंबर 2001 के सुबह करीब 6-7 बजे जोगबनी के झोखरण मौजा मे आरोपियों का मवेशी वगैरह द्वारा सूचक नारायण झा पिता ज़ुकती नाथ झा की फसल चरी करवाया जा रहा था। जिसे मना करने पर सभी आरोपियों ने घातक हथियार से लैस होकर नाजायज मजमा बनाकर एक मत होकर जान से मारने के नियत से सूचक नारायण झा सहित मंजू देवी, रामुदेश झा, लक्ष्मीकांत झा के साथ मारपीट कर फरसा से गम्भीर रूप से घायल कर दिया था।
इस घटना के बाद घायल नारायण झा ने आरोपियों के विरुद्ध जोगबनी (बथनाहा) कांड संख्या 90/2001 दर्ज करवाया था।
कोर्ट में सभी गवाहों ने घटना का समर्थन किया था। गवाही के बयान से संतुष्ट होकर न्यायालय के न्यायधीश रवि कुमार ने तीन आरोपियों को दोषी ठहराया।
सज़ा के बिन्दु पर सरकार की ओर से एपीपी प्रभा कुमारी मंडल ने अधिक से अधिक सज़ा देने की अपील की। जबकि बचाव पक्ष के वरीय अधिवक्ता देबू सेन ने कम से कम सज़ा देने की गुहार लगाई।
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