बिहार की सियासत में एक बार फिर से पुराने चेहरे पर भरोसा जताते हुए बीजेपी ने सिकटी विधानसभा सीट से विजय कुमार मंडल को टिकट दिया है। नीतीश सरकार में आपदा प्रबंधन मंत्री विजय मंडल अररिया जिले से इकलौते मंत्री हैं और पार्टी ने उन्हें लगातार तीसरी बार इसी सीट से उम्मीदवार बनाया है।
विजय मंडल के सामने इस बार छठी बार विधानसभा पहुंचने की चुनौती होगी। राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी माने जाने वाले मंडल अब तक पांच बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने न सिर्फ मंत्री पद की जिम्मेदारी निभाई है बल्कि दो बार सत्ता पक्ष में मुख्य सचेतक की भूमिका भी निभा चुके हैं।
उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत 1995 में हुई थी, जब उन्होंने आनंद मोहन की बिहार पीपुल्स पार्टी से अररिया सीट से जीत हासिल की थी। खास बात यह रही कि उस समय वे इस पार्टी के एकमात्र विधायक थे। इसके बाद 2000 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और एक बार फिर जनता ने उन्हें विधानसभा भेजा।
आज भी सिकटी विधानसभा में उनकी मजबूत पकड़ और जनाधार को देखते हुए बीजेपी ने तीसरी बार उन्हें मैदान में उतारा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या विजय मंडल एक बार फिर जनता का भरोसा जीतकर विधानसभा की दहलीज पार कर पाते हैं या नहीं।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
बिहार की सियासत में एक बार फिर से पुराने चेहरे पर भरोसा जताते हुए बीजेपी ने सिकटी विधानसभा सीट से विजय कुमार मंडल को टिकट दिया है। नीतीश सरकार में आपदा प्रबंधन मंत्री विजय मंडल अररिया जिले से इकलौते मंत्री हैं और पार्टी ने उन्हें लगातार तीसरी बार इसी सीट से उम्मीदवार बनाया है।
विजय मंडल के सामने इस बार छठी बार विधानसभा पहुंचने की चुनौती होगी। राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी माने जाने वाले मंडल अब तक पांच बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने न सिर्फ मंत्री पद की जिम्मेदारी निभाई है बल्कि दो बार सत्ता पक्ष में मुख्य सचेतक की भूमिका भी निभा चुके हैं।
उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत 1995 में हुई थी, जब उन्होंने आनंद मोहन की बिहार पीपुल्स पार्टी से अररिया सीट से जीत हासिल की थी। खास बात यह रही कि उस समय वे इस पार्टी के एकमात्र विधायक थे। इसके बाद 2000 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और एक बार फिर जनता ने उन्हें विधानसभा भेजा।
आज भी सिकटी विधानसभा में उनकी मजबूत पकड़ और जनाधार को देखते हुए बीजेपी ने तीसरी बार उन्हें मैदान में उतारा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या विजय मंडल एक बार फिर जनता का भरोसा जीतकर विधानसभा की दहलीज पार कर पाते हैं या नहीं।
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