अररिया नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत दियारी पंचायत के मजगामा स्थित बघेला गांव (वार्ड संख्या 05) में गुरुवार की संध्या खेत में मवेशी जाने की बात को लेकर दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई। इस संघर्ष में एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं।
घटना की सूचना मिलते ही नगर थाना अध्यक्ष मनीष कुमार रजक, एसआई ललित कुमार सिंह, एसआई कुमार ऋषि राज सहित पुलिस की एक बड़ी टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। स्थानीय ग्रामीणों की सक्रिय भूमिका से मामला और नहीं बिगड़ने पाया।
घायलों में शामिल राजेंद्र यादव एवं उनके भाई योगेंद्र यादव सहित अन्य परिजनों ने अस्पताल में बताया कि उनके खेत में दूसरे समुदाय के लोग बार-बार मवेशी छोड़ देते हैं, जिससे फसलें बर्बाद हो रही हैं। ग्रामीणों के अनुसार, पूर्व में भी इस विषय पर समाज के प्रतिनिधियों और पुलिस की मौजूदगी में पंचायत हो चुकी है, जिसमें ₹50,000 के बॉन्ड पर सहमति बनी थी। इसके बावजूद विवाद थमा नहीं।
गुरुवार को जब मवेशी फिर से खेत में घुस गए, तब स्थानीयों ने करीब 10 मवेशियों को पकड़कर दूसरे पक्ष को दिखाया, जिस पर कहासुनी शुरू हुई और देखते ही देखते दर्जनों लोगों ने लाठी-डंडों व धारदार हथियारों से हमला कर दिया, जिसमें कई महिलाएं भी घायल हो गईं। सभी घायलों को सदर अस्पताल में देर रात तक भर्ती कर इलाज कराया गया।
नगर थाना अध्यक्ष मनीष कुमार रजक ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि अब तक दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जबकि अन्य नामजद व अज्ञात अभियुक्तों की तलाश जारी है। उन्होंने कहा कि इलाके में शांति बहाल करने की पूरी कोशिश की जा रही है।
एसडीपीओ रामपुकार सिंह के नेतृत्व में कई थाना की पुलिस टीम घटनास्थल पर तैनात रही, जिससे गांव का माहौल नियंत्रण में है। फिलहाल घटनास्थल को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
सारस न्यूज, अररिया।
अररिया नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत दियारी पंचायत के मजगामा स्थित बघेला गांव (वार्ड संख्या 05) में गुरुवार की संध्या खेत में मवेशी जाने की बात को लेकर दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई। इस संघर्ष में एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं।
घटना की सूचना मिलते ही नगर थाना अध्यक्ष मनीष कुमार रजक, एसआई ललित कुमार सिंह, एसआई कुमार ऋषि राज सहित पुलिस की एक बड़ी टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। स्थानीय ग्रामीणों की सक्रिय भूमिका से मामला और नहीं बिगड़ने पाया।
घायलों में शामिल राजेंद्र यादव एवं उनके भाई योगेंद्र यादव सहित अन्य परिजनों ने अस्पताल में बताया कि उनके खेत में दूसरे समुदाय के लोग बार-बार मवेशी छोड़ देते हैं, जिससे फसलें बर्बाद हो रही हैं। ग्रामीणों के अनुसार, पूर्व में भी इस विषय पर समाज के प्रतिनिधियों और पुलिस की मौजूदगी में पंचायत हो चुकी है, जिसमें ₹50,000 के बॉन्ड पर सहमति बनी थी। इसके बावजूद विवाद थमा नहीं।
गुरुवार को जब मवेशी फिर से खेत में घुस गए, तब स्थानीयों ने करीब 10 मवेशियों को पकड़कर दूसरे पक्ष को दिखाया, जिस पर कहासुनी शुरू हुई और देखते ही देखते दर्जनों लोगों ने लाठी-डंडों व धारदार हथियारों से हमला कर दिया, जिसमें कई महिलाएं भी घायल हो गईं। सभी घायलों को सदर अस्पताल में देर रात तक भर्ती कर इलाज कराया गया।
नगर थाना अध्यक्ष मनीष कुमार रजक ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि अब तक दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जबकि अन्य नामजद व अज्ञात अभियुक्तों की तलाश जारी है। उन्होंने कहा कि इलाके में शांति बहाल करने की पूरी कोशिश की जा रही है।
एसडीपीओ रामपुकार सिंह के नेतृत्व में कई थाना की पुलिस टीम घटनास्थल पर तैनात रही, जिससे गांव का माहौल नियंत्रण में है। फिलहाल घटनास्थल को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
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