प्रखंड मुख्यालय स्थित आरटीपीएस काउंटर के पास जलजमाव और गंदगी के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। भरगामा प्रखंड परिसर में स्थित आरटीपीएस काउंटर के समीप जलजमाव और गंदगी के कारण प्रखंड क्षेत्र से आने वाले ग्रामीणों और कार्यालय कर्मियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जलजमाव के साथ ही काउंटर के पास गंदगी और सड़ांधयुक्त पानी जमा हो गया है, जिससे संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा तेजी से बढ़ गया है।
आरटीपीएस के कार्यपालक सहायक अजय कुमार ने बताया कि जलजमाव और दुर्गंध के कारण कार्यालय में बैठकर काम करना बेहद जोखिम भरा हो गया है। कभी-कभी जहरीले सांप भी कार्यालय में आ जाते हैं। इस संबंध में संबंधित पदाधिकारियों को सूचित कर दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रखंड क्षेत्र में बीते दो दिनों में भरगामा और पैकपार पंचायत के गोविंदपुर में डेंगू के दो मरीज पाए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों गांवों में फॉगिंग करवाई गई। भरगामा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सक संतोष कुमार ने बताया कि जलजमाव के कारण मच्छर जनित रोगों का खतरा स्वाभाविक रूप से बढ़ जाता है।
चिकित्सकों ने चेताया कि इस तरह की प्रतिकूल परिस्थितियां पेट और श्वसन रोगों को भी बढ़ावा दे सकती हैं। जलजमाव वाले इलाकों में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि हर साल बरसात के मौसम में स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ जाता है क्योंकि यह संक्रामक रोगों का समय होता है। डेंगू, चिकनगुनिया, और मलेरिया जैसी बीमारियों के कारण बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होते हैं और कई बार तो यह बीमारियां जानलेवा भी साबित होती हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि जलजमाव मानव स्वास्थ्य के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों रूपों में गंभीर खतरा हो सकता है। जलजमाव से न केवल प्रभावित लोग, बल्कि राहत कार्यों में लगे कर्मचारी, स्वास्थ्य देखभालकर्ता और महत्वपूर्ण सेवाओं से जुड़े लोग भी प्रभावित हो सकते हैं। मच्छर जनित बीमारियों के अलावा, डायरिया और पेट से संबंधित समस्याओं का जोखिम भी इस मौसम में बढ़ जाता है।
सारस न्यूज़, अररिया।
प्रखंड मुख्यालय स्थित आरटीपीएस काउंटर के पास जलजमाव और गंदगी के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। भरगामा प्रखंड परिसर में स्थित आरटीपीएस काउंटर के समीप जलजमाव और गंदगी के कारण प्रखंड क्षेत्र से आने वाले ग्रामीणों और कार्यालय कर्मियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जलजमाव के साथ ही काउंटर के पास गंदगी और सड़ांधयुक्त पानी जमा हो गया है, जिससे संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा तेजी से बढ़ गया है।
आरटीपीएस के कार्यपालक सहायक अजय कुमार ने बताया कि जलजमाव और दुर्गंध के कारण कार्यालय में बैठकर काम करना बेहद जोखिम भरा हो गया है। कभी-कभी जहरीले सांप भी कार्यालय में आ जाते हैं। इस संबंध में संबंधित पदाधिकारियों को सूचित कर दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रखंड क्षेत्र में बीते दो दिनों में भरगामा और पैकपार पंचायत के गोविंदपुर में डेंगू के दो मरीज पाए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों गांवों में फॉगिंग करवाई गई। भरगामा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सक संतोष कुमार ने बताया कि जलजमाव के कारण मच्छर जनित रोगों का खतरा स्वाभाविक रूप से बढ़ जाता है।
चिकित्सकों ने चेताया कि इस तरह की प्रतिकूल परिस्थितियां पेट और श्वसन रोगों को भी बढ़ावा दे सकती हैं। जलजमाव वाले इलाकों में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि हर साल बरसात के मौसम में स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ जाता है क्योंकि यह संक्रामक रोगों का समय होता है। डेंगू, चिकनगुनिया, और मलेरिया जैसी बीमारियों के कारण बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होते हैं और कई बार तो यह बीमारियां जानलेवा भी साबित होती हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि जलजमाव मानव स्वास्थ्य के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों रूपों में गंभीर खतरा हो सकता है। जलजमाव से न केवल प्रभावित लोग, बल्कि राहत कार्यों में लगे कर्मचारी, स्वास्थ्य देखभालकर्ता और महत्वपूर्ण सेवाओं से जुड़े लोग भी प्रभावित हो सकते हैं। मच्छर जनित बीमारियों के अलावा, डायरिया और पेट से संबंधित समस्याओं का जोखिम भी इस मौसम में बढ़ जाता है।
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