सारस न्यूज, अररिया।
नगर थाना क्षेत्र के महादेव चौक के समीप स्थित एक निजी अस्पताल में 29 सितंबर को एक महिला का बच्चेदानी का इलाज किया गया। इलाज के बाद महिला की हालत बिगड़ गई, और 6 अक्टूबर की देर रात अस्पताल के हेड कंपाउंडर ने परिजनों को बेहतर इलाज के लिए उसे दूसरे अस्पताल ले जाने की सलाह दी और मरीज को अस्पताल परिसर के बाहर कर दिया।
मृतका लालमनी देवी (40), पत्नी श्रवण यादव, निवासी महिषकोल, वार्ड संख्या 06, झमटा, को परिजन पूर्णिया ले गए, लेकिन वहां के दो निजी अस्पतालों ने उसकी नाजुक हालत को देखते हुए भर्ती करने से इनकार कर दिया। इसके बाद उसे सिलीगुड़ी के न्यूटिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि अररिया के अस्पताल में गलत इलाज के दौरान नस कट गई थी और इंफेक्टेड ब्लड चढ़ा दिया गया था। इलाज के दौरान 40 घंटे बाद महिला की मौत हो गई।

मंगलवार को सिलीगुड़ी से एंबुलेंस द्वारा महिला का शव अररिया स्थित उसी सर्जिकल अस्पताल लाया गया। परिजनों ने शांतिपूर्ण ढंग से इंसाफ की मांग की। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन परिजन वरीय अधिकारी को बुलाने की मांग पर अड़े रहे। प्रशासन की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया न मिलने पर मृतका के परिजन और गांव से आए लोग स्थानीय लोगों के साथ फोरलेन सड़क जाम कर टायर जलाने लगे, जिससे एनएच पर वाहनों की लंबी कतार लग गई।
सूचना मिलते ही नगर थानाध्यक्ष मनीष कुमार रजक ने एसआई सुभाष कुमार और टाइगर मोबाइल टीम को मौके पर भेजा, साथ ही यातायात थानाध्यक्ष अरविंद कुमार को भी सूचित किया। बावजूद इसके परिजन लगातार डॉक्टर से न्याय की मांग पर अड़े रहे। सड़क पर जाम बढ़ने के बाद नगर थानाध्यक्ष मनीष कुमार रजक, एसआई अंकुर और अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। मृतका के परिजनों से बात करने और अस्पताल के डॉक्टर निलेश भूषण से संपर्क करने के बाद पुलिस ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद सड़क से जाम हटाया गया।