अररिया: नगर थाना क्षेत्र के चातर पंचायत के मटियारी चौघड़िया गांव में झोला छाप डॉक्टर के इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो गई। मृतका की पहचान बीबी सहनुरा (35) के रूप में हुई है, जो अपने पति मो अजीम के साथ रहती थी।
इलाज के दौरान हुई मौत
गांव के झोला छाप डॉक्टर मो वशीक द्वारा किए गए इलाज के दौरान महिला को 3 बोतल पानी चढ़ाया गया और इंजेक्शन लगाया गया, जिसके बाद उसकी तबियत बिगड़ गई। परिजनों ने आनन-फानन में महिला को एक कार से किसी चिकित्सक के पास ले जाया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
स्थानीय ग्रामीणों का आक्रोश
महिला की मौत के बाद स्थानीय ग्रामीणों का जमावड़ा महिला के घर पर लग गया। जानकारी के अनुसार, झोला छाप डॉक्टर मो वशीक, जो पूर्व में चातर पंचायत के वार्ड सदस्य रह चुके हैं, पर ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता देख 5 लाख रुपये देकर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया।
अंत्येष्टि बिना औपचारिकता
परिजनों पर दबाव डालकर महिला की अंत्येष्टि भी जल्दबाजी में कराई गई। इस मामले ने ग्रामीणों में चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है, जो अब स्वास्थ्य सेवाओं और झोला छाप डॉक्टरों की गतिविधियों पर सवाल उठा रहे हैं।
यह घटना न केवल एक महिला की जान का नुकसान है, बल्कि इससे स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर भी गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
सारस न्यूज़, अररिया।
अररिया: नगर थाना क्षेत्र के चातर पंचायत के मटियारी चौघड़िया गांव में झोला छाप डॉक्टर के इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो गई। मृतका की पहचान बीबी सहनुरा (35) के रूप में हुई है, जो अपने पति मो अजीम के साथ रहती थी।
इलाज के दौरान हुई मौत
गांव के झोला छाप डॉक्टर मो वशीक द्वारा किए गए इलाज के दौरान महिला को 3 बोतल पानी चढ़ाया गया और इंजेक्शन लगाया गया, जिसके बाद उसकी तबियत बिगड़ गई। परिजनों ने आनन-फानन में महिला को एक कार से किसी चिकित्सक के पास ले जाया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
स्थानीय ग्रामीणों का आक्रोश
महिला की मौत के बाद स्थानीय ग्रामीणों का जमावड़ा महिला के घर पर लग गया। जानकारी के अनुसार, झोला छाप डॉक्टर मो वशीक, जो पूर्व में चातर पंचायत के वार्ड सदस्य रह चुके हैं, पर ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता देख 5 लाख रुपये देकर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया।
अंत्येष्टि बिना औपचारिकता
परिजनों पर दबाव डालकर महिला की अंत्येष्टि भी जल्दबाजी में कराई गई। इस मामले ने ग्रामीणों में चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है, जो अब स्वास्थ्य सेवाओं और झोला छाप डॉक्टरों की गतिविधियों पर सवाल उठा रहे हैं।
यह घटना न केवल एक महिला की जान का नुकसान है, बल्कि इससे स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर भी गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
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