जिले में चल रहे महिला संवाद कार्यक्रम को ग्रामीण क्षेत्रों में जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं भाग ले रही हैं और सरकारी योजनाओं की जानकारी से खुद को जोड़ रही हैं।
हर आयोजन स्थल पर लघु फिल्मों के माध्यम से सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है, जिसे महिलाएं ध्यानपूर्वक देखती हैं। इसके साथ ही जानकारी से भरपूर पंपलेट और माननीय मुख्यमंत्री का संदेश पत्र भी महिलाओं को सौंपा जा रहा है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं से उनकी राय, उम्मीदें और स्थानीय स्तर पर मौजूद चुनौतियों को समझना है।
महिलाएं अपनी बात खुलकर रख रही हैं—चाहे वह अपने गांव की समस्याएं हों या व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी कोई जरूरत। उनकी आकांक्षाएं प्रशासन तक पहुंचाई जा रही हैं ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके और समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं।
सोमवार को जिले के 36 स्थानों पर महिला संवाद का आयोजन किया गया, जिसमें करीब 8,000 लोगों ने हिस्सा लिया। अब तक इस अभियान के तहत 1.4 लाख से ज्यादा ग्रामीण महिलाएं जुड़ चुकी हैं। जिले के सभी 9 प्रखंडों में यह कार्यक्रम सक्रिय रूप से चल रहा है और हर जगह महिलाओं का जोश और उत्साह देखने लायक है।
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से जुड़े कई अहम मुद्दे उठाए। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के लिए खेल के मैदान बनाने की मांग भी सामने आई। महिलाओं का कहना है कि गांव के बच्चे प्रतिभाशाली हैं लेकिन अभ्यास और मंच की कमी के कारण वे पीछे रह जाते हैं। अगर खेल सुविधाएं मिलें तो वे भी आगे बढ़ सकते हैं।
इसके अलावा, कई महिलाओं ने बढ़ती महंगाई के बीच मजदूरी दर बढ़ाने की मांग की। उनका कहना है कि मौजूदा मजदूरी में परिवार पालना मुश्किल हो रहा है, इसलिए सरकार से अपेक्षा है कि न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि कर आम लोगों को राहत दी जाए।
यह संवाद न सिर्फ सरकार और महिलाओं के बीच पुल का काम कर रहा है, बल्कि ग्रामीण विकास की दिशा में भी मजबूत कदम साबित हो रहा है।
सारस न्यूज़, अररिया।
प्रेस विज्ञप्ति अररिया, 05 मई 2025
जिले में चल रहे महिला संवाद कार्यक्रम को ग्रामीण क्षेत्रों में जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं भाग ले रही हैं और सरकारी योजनाओं की जानकारी से खुद को जोड़ रही हैं।
हर आयोजन स्थल पर लघु फिल्मों के माध्यम से सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है, जिसे महिलाएं ध्यानपूर्वक देखती हैं। इसके साथ ही जानकारी से भरपूर पंपलेट और माननीय मुख्यमंत्री का संदेश पत्र भी महिलाओं को सौंपा जा रहा है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं से उनकी राय, उम्मीदें और स्थानीय स्तर पर मौजूद चुनौतियों को समझना है।
महिलाएं अपनी बात खुलकर रख रही हैं—चाहे वह अपने गांव की समस्याएं हों या व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी कोई जरूरत। उनकी आकांक्षाएं प्रशासन तक पहुंचाई जा रही हैं ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके और समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं।
सोमवार को जिले के 36 स्थानों पर महिला संवाद का आयोजन किया गया, जिसमें करीब 8,000 लोगों ने हिस्सा लिया। अब तक इस अभियान के तहत 1.4 लाख से ज्यादा ग्रामीण महिलाएं जुड़ चुकी हैं। जिले के सभी 9 प्रखंडों में यह कार्यक्रम सक्रिय रूप से चल रहा है और हर जगह महिलाओं का जोश और उत्साह देखने लायक है।
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से जुड़े कई अहम मुद्दे उठाए। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के लिए खेल के मैदान बनाने की मांग भी सामने आई। महिलाओं का कहना है कि गांव के बच्चे प्रतिभाशाली हैं लेकिन अभ्यास और मंच की कमी के कारण वे पीछे रह जाते हैं। अगर खेल सुविधाएं मिलें तो वे भी आगे बढ़ सकते हैं।
इसके अलावा, कई महिलाओं ने बढ़ती महंगाई के बीच मजदूरी दर बढ़ाने की मांग की। उनका कहना है कि मौजूदा मजदूरी में परिवार पालना मुश्किल हो रहा है, इसलिए सरकार से अपेक्षा है कि न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि कर आम लोगों को राहत दी जाए।
यह संवाद न सिर्फ सरकार और महिलाओं के बीच पुल का काम कर रहा है, बल्कि ग्रामीण विकास की दिशा में भी मजबूत कदम साबित हो रहा है।
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