सारस न्यूज़, अररिया।
अररिया ज़िले में चल रहे महिला संवाद कार्यक्रम को निरंतर मिल रही महिलाओं की सक्रिय भागीदारी ने इसे एक प्रेरणादायक अभियान का रूप दे दिया है। 35वें दिन, जिले के 36 विभिन्न स्थानों पर सफलतापूर्वक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 6900 महिलाओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित महिलाओं ने न केवल अपनी जागरूकता दिखाई, बल्कि अपनी आकांक्षाएं और समस्याएं भी खुलकर रखीं। अधिकांश महिलाओं ने रोजमर्रा की चुनौतियों, विशेष रूप से बाढ़ की विभीषिका पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान लोगों को भोजन, वस्त्र और जरूरी सामानों के नुकसान का सामना करना पड़ता है, जिससे उनका जीवन अत्यंत कठिन हो जाता है। उन्होंने सरकार से बाढ़ नियंत्रण हेतु ठोस और दीर्घकालिक उपाय किए जाने की मांग की।
इसके अतिरिक्त, कई महिलाओं ने बिजली बिल माफ करने, गलियों में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था, और शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने जैसी जनहित से जुड़ी मांगें भी रखीं।
एलईडी रथ बना जानकारी और प्रेरणा का केंद्र
महिला संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत चलने वाले संवाद रथ में लगी एलईडी स्क्रीन के माध्यम से तीन प्रभावशाली लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है:
- महिला सशक्तिकरण पर आधारित फिल्म (सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा)
- जीविका की सफलता गाथाएं (ग्रामीण विकास विभाग द्वारा)
- मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बिहार की विकास यात्रा पर आधारित विशेष वीडियो
इन फिल्मों के माध्यम से न केवल महिलाओं को सरकार की योजनाओं की जानकारी दी जा रही है, बल्कि उन्हें प्रेरित और सशक्त भी किया जा रहा है। इसके साथ ही सरकारी योजनाओं से जुड़े जानकारीपूर्ण लीफलेट भी वितरित किए जा रहे हैं।
समाज सुधार की दिशा में महिलाओं की मजबूत आवाज
कार्यक्रम के अंत में महिलाओं ने दहेज प्रथा और नशा के खिलाफ सामूहिक रूप से शपथ भी ली। उन्होंने संकल्प लिया कि वे इन सामाजिक बुराइयों का न तो समर्थन करेंगी, और न ही अपने परिवार या समाज में इन्हें बढ़ावा देंगी।
निष्कर्ष:
महिला संवाद कार्यक्रम न केवल महिलाओं की समस्याओं और मांगों को सामने लाने का माध्यम बन रहा है, बल्कि यह एक सकारात्मक सामाजिक बदलाव की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।