अररिया जिले में चल रहा ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम लगातार लोकप्रियता हासिल कर रहा है। महिलाओं की भारी भागीदारी से यह कार्यक्रम अब जन-जागरूकता और सशक्तिकरण का प्रभावी माध्यम बनता जा रहा है। इससे सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार न केवल तेज़ी से हो रहा है, बल्कि महिलाएं अब योजनाओं की जानकारी लेकर सीधे लाभ भी उठा रही हैं।
रविवार, 4 मई को कार्यक्रम के 17वें दिन भी जिले के सभी नौ प्रखंडों में कुल 36 स्थानों पर महिला संवाद का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस दिन 6,500 से अधिक महिलाओं ने अपनी भागीदारी दर्ज की। अब तक इस कार्यक्रम के माध्यम से कुल 1 लाख 32 हजार से अधिक महिलाएं सीधे जुड़ चुकी हैं।
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी से युक्त लीफलेट तथा माननीय मुख्यमंत्री का संदेश पत्र वितरित किया गया। इस पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री ने महिलाओं और बच्चियों के सशक्तिकरण को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और भविष्य में भी इस तरह की योजनाओं को धरातल पर उतारने की बात कही। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ‘आधी आबादी’ के विकास के बिना संपूर्ण समाज का विकास अधूरा है।
जिले में चल रहे 18 संवाद रथ मुख्यमंत्री के संवाद को जन-जन तक पहुंचाने में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। ये रथ सभी प्रखंडों में घूमकर न केवल योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं, बल्कि महिलाओं की जिज्ञासाओं का समाधान भी कर रहे हैं। पहले जिन योजनाओं की जानकारी महिलाओं को अधूरी थी, अब वे उन्हें समझकर उसका लाभ लेने लगी हैं। यह एक सकारात्मक और परिवर्तनकारी संकेत माना जा रहा है।
महिला संवाद के दौरान महिलाओं द्वारा साझा की गई आकांक्षाओं व सुझावों का दस्तावेजीकरण किया जा रहा है। इन्हें मुख्यमंत्री एवं अन्य संबंधित अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा ताकि उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें। जरूरत पड़ने पर नए नियम या योजनाएं भी बनाई जाएंगी।
यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत और अनुकरणीय पहल बन चुका है, जिसकी गूंज जिले से निकलकर राज्यस्तर तक पहुंच रही है।
सारस न्यूज़, अररिया।
अररिया जिले में चल रहा ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम लगातार लोकप्रियता हासिल कर रहा है। महिलाओं की भारी भागीदारी से यह कार्यक्रम अब जन-जागरूकता और सशक्तिकरण का प्रभावी माध्यम बनता जा रहा है। इससे सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार न केवल तेज़ी से हो रहा है, बल्कि महिलाएं अब योजनाओं की जानकारी लेकर सीधे लाभ भी उठा रही हैं।
रविवार, 4 मई को कार्यक्रम के 17वें दिन भी जिले के सभी नौ प्रखंडों में कुल 36 स्थानों पर महिला संवाद का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस दिन 6,500 से अधिक महिलाओं ने अपनी भागीदारी दर्ज की। अब तक इस कार्यक्रम के माध्यम से कुल 1 लाख 32 हजार से अधिक महिलाएं सीधे जुड़ चुकी हैं।
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी से युक्त लीफलेट तथा माननीय मुख्यमंत्री का संदेश पत्र वितरित किया गया। इस पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री ने महिलाओं और बच्चियों के सशक्तिकरण को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और भविष्य में भी इस तरह की योजनाओं को धरातल पर उतारने की बात कही। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ‘आधी आबादी’ के विकास के बिना संपूर्ण समाज का विकास अधूरा है।
जिले में चल रहे 18 संवाद रथ मुख्यमंत्री के संवाद को जन-जन तक पहुंचाने में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। ये रथ सभी प्रखंडों में घूमकर न केवल योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं, बल्कि महिलाओं की जिज्ञासाओं का समाधान भी कर रहे हैं। पहले जिन योजनाओं की जानकारी महिलाओं को अधूरी थी, अब वे उन्हें समझकर उसका लाभ लेने लगी हैं। यह एक सकारात्मक और परिवर्तनकारी संकेत माना जा रहा है।
महिला संवाद के दौरान महिलाओं द्वारा साझा की गई आकांक्षाओं व सुझावों का दस्तावेजीकरण किया जा रहा है। इन्हें मुख्यमंत्री एवं अन्य संबंधित अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा ताकि उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें। जरूरत पड़ने पर नए नियम या योजनाएं भी बनाई जाएंगी।
यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत और अनुकरणीय पहल बन चुका है, जिसकी गूंज जिले से निकलकर राज्यस्तर तक पहुंच रही है।
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