महिला एवं बाल विकास निगम अररिया और जिला बाल संरक्षण इकाई अररिया के संयुक्त तत्वावधान में आज परमान सभागार, अररिया में जेंडर आधारित हिंसा पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्घाटन जिला पदाधिकारी श्री अनिल कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जेंडर आधारित हिंसा को समाप्त करने की दिशा में सबसे पहली और महत्वपूर्ण पहल हमें अपने घर से करनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी स्तर पर हिंसा को सहन नहीं किया जाना चाहिए। जिलाधिकारी ने जीविका दीदियों और स्कूली बच्चियों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाने की अपील की।
जिला प्रोग्राम पदाधिकारी ने जेंडर हिंसा रोकथाम के लिए प्रचार-प्रसार बढ़ाने और सभी क्षेत्रीय अधिकारी (एलएस) को इस दिशा में सतर्कता बरतने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में लैंगिक हिंसा से संबंधित कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए।
सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई ने ट्रांसजेंडर समुदाय को समाज में समान अधिकार देने और लैंगिक हिंसा की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने पर बल दिया।
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने लैंगिक हिंसा के कानूनी पहलुओं और पुलिस की भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने समाज में मानसिकता बदलने और पुलिस को सहयोग देने की अपील की।
महाप्रबंधक, उद्योग विभाग ने बेटा-बेटी में समानता और लैंगिक भेदभाव को खत्म करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक शॉर्ट फिल्म भी प्रदर्शित की गई।
इस कार्यशाला में जिला के विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मी उपस्थित रहे, जिनमें सिविल सर्जन, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, सहायक निदेशक (सामाजिक सुरक्षा और बाल संरक्षण इकाई), अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी, श्रम अधीक्षक, महाप्रबंधक उद्योग केंद्र, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला थाना के प्रभारी, वन स्टॉप सेंटर के कर्मी, जीविका समन्वयक, और विकास मित्र प्रमुख थे।
इससे पूर्व महिला एवं बाल विकास निगम और जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा समाहरणालय परिसर, अररिया से जेंडर हिंसा संबंधी जन जागरूकता रैली निकाली गई। इस रैली को जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, सहायक निदेशक (बाल संरक्षण इकाई), सहायक निदेशक (अल्पसंख्यक कल्याण), और कल्याण पदाधिकारी ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस कार्यशाला और जागरूकता रैली ने जेंडर हिंसा उन्मूलन के प्रति समाज को जागरूक करने का एक ठोस प्रयास किया। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं, बच्चों और ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की रक्षा करना और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है।
सारस न्यूज़, अररिया।
महिला एवं बाल विकास निगम अररिया और जिला बाल संरक्षण इकाई अररिया के संयुक्त तत्वावधान में आज परमान सभागार, अररिया में जेंडर आधारित हिंसा पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्घाटन जिला पदाधिकारी श्री अनिल कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जेंडर आधारित हिंसा को समाप्त करने की दिशा में सबसे पहली और महत्वपूर्ण पहल हमें अपने घर से करनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी स्तर पर हिंसा को सहन नहीं किया जाना चाहिए। जिलाधिकारी ने जीविका दीदियों और स्कूली बच्चियों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाने की अपील की।
जिला प्रोग्राम पदाधिकारी ने जेंडर हिंसा रोकथाम के लिए प्रचार-प्रसार बढ़ाने और सभी क्षेत्रीय अधिकारी (एलएस) को इस दिशा में सतर्कता बरतने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में लैंगिक हिंसा से संबंधित कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए।
सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई ने ट्रांसजेंडर समुदाय को समाज में समान अधिकार देने और लैंगिक हिंसा की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने पर बल दिया।
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने लैंगिक हिंसा के कानूनी पहलुओं और पुलिस की भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने समाज में मानसिकता बदलने और पुलिस को सहयोग देने की अपील की।
महाप्रबंधक, उद्योग विभाग ने बेटा-बेटी में समानता और लैंगिक भेदभाव को खत्म करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक शॉर्ट फिल्म भी प्रदर्शित की गई।
इस कार्यशाला में जिला के विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मी उपस्थित रहे, जिनमें सिविल सर्जन, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, सहायक निदेशक (सामाजिक सुरक्षा और बाल संरक्षण इकाई), अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी, श्रम अधीक्षक, महाप्रबंधक उद्योग केंद्र, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला थाना के प्रभारी, वन स्टॉप सेंटर के कर्मी, जीविका समन्वयक, और विकास मित्र प्रमुख थे।
इससे पूर्व महिला एवं बाल विकास निगम और जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा समाहरणालय परिसर, अररिया से जेंडर हिंसा संबंधी जन जागरूकता रैली निकाली गई। इस रैली को जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, सहायक निदेशक (बाल संरक्षण इकाई), सहायक निदेशक (अल्पसंख्यक कल्याण), और कल्याण पदाधिकारी ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस कार्यशाला और जागरूकता रैली ने जेंडर हिंसा उन्मूलन के प्रति समाज को जागरूक करने का एक ठोस प्रयास किया। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं, बच्चों और ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की रक्षा करना और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है।
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