राजीव कुमार, सारस न्यूज़ वेब डेस्क।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पुर्तगाल के संसदीय चुनावों में शानदार प्रदर्शन करने के लिये प्रधानमंत्री महामहिम अंतोनियो कॉस्टा को बधाई दी है तथा पुर्तगाल के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण और भरोसेमंद सम्बंधों को और प्रगाढ़ बनाने की अपनी आकांक्षा व्यक्त की है।
एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा हैः
“पुर्तगाल के संसदीय चुनावों में शानदार प्रदर्शन करने और दोबारा चुने जाने पर मैं अपने मित्र @antoniocostapm को बधाई देता हूं। पुर्तगाल के साथ मैत्रीपूर्ण और भरोसेमंद सम्बंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिये इच्छुक हूं।”
प्रधानमंत्री ने उन्हें फरवरी में पुर्तगाल के राष्ट्रपति श्री मार्सिलो रेबेलो डि सूजा के आधिकारिक भ्रमण को याद दिलाया।
दोनों नेताओं ने कोविड-19 महामारी की स्थिति और दोनों देशों द्वारा इसके स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभाव पर नियंत्रण के लिए उठाए जा रहे कदमों पर विचार-विमर्श किया। प्रधानमंत्री ने इस संकट से प्रभावी रूप से निपटने के लिए प्रधानमंत्री कोस्टा की प्रशंसा की।
नेताओं ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय उपायों से वायरस के प्रसार की रोकथाम में सहायता मिलेगी। उन्होंने इन परिस्थितियों से निपटने में एक-दूसरे को हर संभव सहायता दिए जाने की पेशकश की और कोविड-19 से लड़ाई में शोध और नवाचार में भागीदारी पर भी सहमति जाहिर की।
प्रधानमंत्री ने पुर्तगाल में भारतीय यात्रियों के लिए वीजे की वैधता के विस्तार के लिए आभार प्रकट किया, जो लॉकडाउन के कारण भारत लौट नहीं सकते हैं। प्रधानमंत्री कोस्टा ने भारतीय अधिकारियों द्वारा भारत में पुर्तगाल के नागरिकों को उपलब्ध कराई गईं सहूलियतों की सराहना की।
नेताओं ने इस संकट के साथ ही कोविड के बाद उभरते हालात पर एक-दूसरे के साथ संपर्क में रहने और परामर्श पर सहमति व्यक्त की।
गोवा से है पुर्तगाल के पीएम का रिश्ता
पुर्तगाली पीएम के पिता ऑरलैंडो एक प्रतिष्ठित साहित्यकार थे। उनका जन्म गोवा के मडगाम में हुआ था, और वहीं उनकी शुरुआती जिंदगी बीती थी। ऑरलैंडो पुर्तगीज़ कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य थे। उन्होंने उपनिवेश के विरोधी आंदोलन में हिस्सा लिया और पुर्तगाली भाषा में ‘शाइन ऑफ एंगर’ नाम की किताब लिखी जो बहुत मशहूर है। ऑरलैंडो 18 साल की अवस्था में गोवा छोड़कर लिस्बन में जा बसे थे। एंटोनियो कोस्टा का जन्म मोजम्बिक में हुआ था।