अंतरिक्ष में एकबार फिर भारत ने लंबी छलांग लगायी है और चंद्रयान -3 को चंद्रमा की सतह पर उतारने में कामयाब रहा है। भारतीय वैज्ञानिकों ने एकबार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए चांद के दक्षिणी ध्रुव पर तिरंगा फहराया है। ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है।
चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया है। ये बड़ी कामयाबी हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन चुका है। अब पूरी दुनिया ही नहीं बल्कि चांद भी अब भारत की मुट्ठी में हैं। ISRO ने परचम लहराते हुए देश को बुलंदी पर पहुंचाया है और नाम रौशन किया है। चंद्रमा की सतह पर अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
अंतरिक्ष में एकबार फिर भारत ने लंबी छलांग लगायी है और चंद्रयान -3 को चंद्रमा की सतह पर उतारने में कामयाब रहा है। भारतीय वैज्ञानिकों ने एकबार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए चांद के दक्षिणी ध्रुव पर तिरंगा फहराया है। ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है।
चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया है। ये बड़ी कामयाबी हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन चुका है। अब पूरी दुनिया ही नहीं बल्कि चांद भी अब भारत की मुट्ठी में हैं। ISRO ने परचम लहराते हुए देश को बुलंदी पर पहुंचाया है और नाम रौशन किया है। चंद्रमा की सतह पर अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं।
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