पर्यटन हमेशा हमारी सामाजिक और सांस्कृतिक सभ्यता का अंग रहा हैः प्रधानमंत्री
कपड़ा उद्योग के बाद सबसे अधिक रोजगार पैदा करने वाला सेक्टर पर्यटन सेक्टर ही हो सकता हैः श्री जी.के. रेड्डी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज ‘अभियान स्तर पर पर्यटन का विकास’ पर बजट-उपरांत वेबिनार को सम्बोधित किया। यह वेबिनार केंद्रीय बजट 2023 में घोषित होने वाली पहलों के कारगर क्रियान्वयन के लिये सुझाव और विचार आमंत्रित करने के क्रम में सरकार द्वारा आयोजित बजट-उपरांत वेबिनारों की श्रृंखला में शामिल है।
अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पर्यटन हमेशा हमारी सामाजिक और सांस्कृतिक सभ्यता का अंग रहा है। भारत के पर्यटन में अनेक पहलू हैं और उन्हें समुद्र तटीय पर्यटन, वन्यजीव पर्यटन, रोमांचकारी पर्यटन, सांस्कृतिक पर्यटन, बीच, मैनग्रोव, हिमालय, आध्यात्मिक पर्यटन आदि के तौर पर प्रोत्साहित किया जा सकता है। इस वर्ष के बजट में पर्यटन गंतव्यों के समग्र विकास को प्राथमिकता दी गई है और इसका उद्देश्य है कि ऐसे कम से 50 पर्यटन गंतव्यों का विकास किया जाये, जिन्हें विश्वस्तर पर प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों पर पर्यटक सुविधाओं का विकास होने से पर्यटन सेक्टर निश्चित रूप से फले-फूलेगा। उदाहरण के लिये, काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के पुनर्निमाण के कारण सात करोड़ पर्यटक शहर में आ चुके हैं। काशी विश्वनाथ धाम और केदारनाथ धाम इस बात के जीते-जागते उदाहरण हैं कि यात्रा आसान हो जाने से पर्यटकों की संख्या बढ़ती है। इसके अलावा, प्रौद्योगिकीय उन्नति और डिजिटलीकरण के साथ बेहतर अवसंरचना और साफ-सफाई से भी पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। पर्यटकों के लिये एप्प और डिजिटल कनेक्टिविटी को आधुनिक बनाया जा सकता है, ताकि सभी पर्यटकों के लिये सुगमता हो। भारत में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ गई है। भारत को विश्वस्तर पर प्रोत्साहित करने की समुचित रणनीति की बदौलत यह संख्या और बढ़ेगी। वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में पर्यटन मंत्रालय को 2400 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं।
प्रधानमंत्री ने ‘डेस्टीनेशन वेडिंग’ का उदीयमान सेक्टर के रूप में उल्लेख किया, जिसमें पर्यटन के विकास की अपार क्षमता है। राज्यों के बीच अंतर-सांस्कृतिक वैवाहिक अनुष्ठानों के आदान-प्रदान से पर्यटन सेक्टर में तेजी आ सकती है। इसके अलावा, वैश्विक सम्मेलनों और खेल स्पर्धाओं जैसे आयोजनों में बेहतरीन अवसंचरना तैयार करने की संभावना मौजूद है। उन्होंने हाल में फीफा विश्व कप 2022 का हवाला दिया, जिसके कारण कतर की अर्थव्यवस्था को भारी लाभ पहुंचाया है।
बजट-उपरांत वेबिनार में छह मुख्य सत्र हुये, जिनमें पर्यटन विकास के लिये गंतव्य-केंद्रित दृष्टिकोण, सूत्रबद्धता – सहयोग की शक्ति, पर्यटन सेक्टर में सार्वजनिक-निजी साझेदारी, पर्यटन क्षेत्र में नवोन्मेष और डिजिटलीकरण को बढ़ावा, पर्यटन के माध्यम से मैदानी स्तर पर जीवन को प्रभावित करना तथा पर्यटन के प्रोत्साहन के लिये सांस्कृतिक धरोहर शामिल थे। सत्रों में राज्यों, केंद्रीय मंत्रालयों, उद्योग संघों, जिला प्रशासन, स्थानीय निकायों, पर्यटन व सत्कार क्षेत्र के विशेषज्ञों, इन्वेस्ट इंडिया आदि के विभिन्न पैनलिस्टों ने हिस्सा लिया।
समापन सत्र में पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने पर्यटन क्षेत्र को अभियान स्तर पर विकसित करने का मार्ग दिखाने के लिए प्रधानमंत्री के साथ-साथ सभी पैनलिस्टों और वक्ताओं को मौजूदा चुनौतियों का समाधान करने के लिये सुझाव देने पर तथा बजट घोषणाओं के कार्यान्वयन की दिशा में आगे बढ़ने के लिए उनके विचारों के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कपड़ा उद्योग के बाद सबसे बड़ा रोजगार पैदा करने वाला क्षेत्र पर्यटन क्षेत्र हो सकता है। श्री रेड्डी ने कहा कि भारत सरकार, राज्य सरकारों, निजी हितधारकों और सिविल सोसायटी को देश के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र सबसे कम पूंजी निवेश के साथ अधिकतम रोजगार पैदा करने वाले क्षेत्रों में से एक है।
इस अवसर पर पर्यटन सचिव श्री अरविन्द सिंह ने कहा कि इस वर्ष के बजट ने हमें पर्यटन विकास के लिए नई सोच प्रदान की है और यह राज्यों की सक्रिय भागीदारी, सरकारी कार्यक्रमों की एकसूत्रता और सार्वजनिक-निजी भागीदारी के अभियान स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। उन्होंने यह भी कहा कि बजट में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती गांवों में पर्यटन बुनियादी ढांचे और सुविधाओं का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद), जीआई उत्पादों और अन्य हस्तशिल्प उत्पादों के प्रचार और बिक्री के लिए राज्य की राजधानी या सबसे प्रमुख पर्यटन केंद्र या वित्तीय राजधानी में एक यूनिटी मॉल स्थापित करने को प्रोत्साहित किया गया है। साथ ही, अन्य सभी राज्यों के ऐसे उत्पादों के लिए स्थान प्रदान करने के लिए आग्रह किया गया है।
श्री अरविंद सिंह ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि इस वर्ष का बजट पर्यटन की योजना, विकास और प्रबंधन के लिए विभाग केंद्रित और योजना केंद्रित दृष्टिकोण से गंतव्य केंद्रित दृष्टिकोण में बदलाव की पैरवी करता है।
इस अवसर पर संस्कृति सचिव श्री गोविंद मोहन ने कहा कि संस्कृति मंत्रालय का मूल उद्देश्य भारतीय संस्कृति का संरक्षण, प्रसार और संवर्धन करना है और भारतीय संस्कृति विचारों, स्थानों, हमारी विरासत के पहलुओं, मंच कलाओं, दृश्य कलाओं, स्मारकों का एक बहुत समृद्ध भंडार है, जो न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी पर्यटकों के लिए अत्यंत रुचिकर हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि संस्कृति मंत्रालय भारत में पांच बड़े सांस्कृतिक स्थानों का विकास करेगा और इस काम को आगे बढ़ाते हुये अधिक स्थानों का विकास किया जाएगा। ये वे स्थान हैं जहां पर्यटकों को भारतीय संगीत, नृत्य प्रदर्शन, पुस्तक पढ़ने, पेंटिंग प्रतियोगिताओं, क्विज़िंग प्रतियोगिताओं और एकीकृत फैशन में अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों से परिचित कराया जाएगा।
संस्कृति सचिव ने प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी प्रकाश डाला और कहा कि एआई, वीआर और अन्य डिजिटल तकनीकों का उपयोग करके स्मारकों को युवा पीढ़ी के लिए अधिक दिलचस्प स्थानों के रूप में विकसित किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि पीपीपी के पास इन स्मारकों के आसपास मूल्य-संवर्धन करने और उन्हें भारत की सम्पदा और सौंदर्य का जीवंत उदाहरण बनाने की क्षमता है।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
पर्यटन हमेशा हमारी सामाजिक और सांस्कृतिक सभ्यता का अंग रहा हैः प्रधानमंत्री
कपड़ा उद्योग के बाद सबसे अधिक रोजगार पैदा करने वाला सेक्टर पर्यटन सेक्टर ही हो सकता हैः श्री जी.के. रेड्डी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज ‘अभियान स्तर पर पर्यटन का विकास’ पर बजट-उपरांत वेबिनार को सम्बोधित किया। यह वेबिनार केंद्रीय बजट 2023 में घोषित होने वाली पहलों के कारगर क्रियान्वयन के लिये सुझाव और विचार आमंत्रित करने के क्रम में सरकार द्वारा आयोजित बजट-उपरांत वेबिनारों की श्रृंखला में शामिल है।
अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पर्यटन हमेशा हमारी सामाजिक और सांस्कृतिक सभ्यता का अंग रहा है। भारत के पर्यटन में अनेक पहलू हैं और उन्हें समुद्र तटीय पर्यटन, वन्यजीव पर्यटन, रोमांचकारी पर्यटन, सांस्कृतिक पर्यटन, बीच, मैनग्रोव, हिमालय, आध्यात्मिक पर्यटन आदि के तौर पर प्रोत्साहित किया जा सकता है। इस वर्ष के बजट में पर्यटन गंतव्यों के समग्र विकास को प्राथमिकता दी गई है और इसका उद्देश्य है कि ऐसे कम से 50 पर्यटन गंतव्यों का विकास किया जाये, जिन्हें विश्वस्तर पर प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों पर पर्यटक सुविधाओं का विकास होने से पर्यटन सेक्टर निश्चित रूप से फले-फूलेगा। उदाहरण के लिये, काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के पुनर्निमाण के कारण सात करोड़ पर्यटक शहर में आ चुके हैं। काशी विश्वनाथ धाम और केदारनाथ धाम इस बात के जीते-जागते उदाहरण हैं कि यात्रा आसान हो जाने से पर्यटकों की संख्या बढ़ती है। इसके अलावा, प्रौद्योगिकीय उन्नति और डिजिटलीकरण के साथ बेहतर अवसंरचना और साफ-सफाई से भी पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। पर्यटकों के लिये एप्प और डिजिटल कनेक्टिविटी को आधुनिक बनाया जा सकता है, ताकि सभी पर्यटकों के लिये सुगमता हो। भारत में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ गई है। भारत को विश्वस्तर पर प्रोत्साहित करने की समुचित रणनीति की बदौलत यह संख्या और बढ़ेगी। वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में पर्यटन मंत्रालय को 2400 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं।
प्रधानमंत्री ने ‘डेस्टीनेशन वेडिंग’ का उदीयमान सेक्टर के रूप में उल्लेख किया, जिसमें पर्यटन के विकास की अपार क्षमता है। राज्यों के बीच अंतर-सांस्कृतिक वैवाहिक अनुष्ठानों के आदान-प्रदान से पर्यटन सेक्टर में तेजी आ सकती है। इसके अलावा, वैश्विक सम्मेलनों और खेल स्पर्धाओं जैसे आयोजनों में बेहतरीन अवसंचरना तैयार करने की संभावना मौजूद है। उन्होंने हाल में फीफा विश्व कप 2022 का हवाला दिया, जिसके कारण कतर की अर्थव्यवस्था को भारी लाभ पहुंचाया है।
बजट-उपरांत वेबिनार में छह मुख्य सत्र हुये, जिनमें पर्यटन विकास के लिये गंतव्य-केंद्रित दृष्टिकोण, सूत्रबद्धता – सहयोग की शक्ति, पर्यटन सेक्टर में सार्वजनिक-निजी साझेदारी, पर्यटन क्षेत्र में नवोन्मेष और डिजिटलीकरण को बढ़ावा, पर्यटन के माध्यम से मैदानी स्तर पर जीवन को प्रभावित करना तथा पर्यटन के प्रोत्साहन के लिये सांस्कृतिक धरोहर शामिल थे। सत्रों में राज्यों, केंद्रीय मंत्रालयों, उद्योग संघों, जिला प्रशासन, स्थानीय निकायों, पर्यटन व सत्कार क्षेत्र के विशेषज्ञों, इन्वेस्ट इंडिया आदि के विभिन्न पैनलिस्टों ने हिस्सा लिया।
समापन सत्र में पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने पर्यटन क्षेत्र को अभियान स्तर पर विकसित करने का मार्ग दिखाने के लिए प्रधानमंत्री के साथ-साथ सभी पैनलिस्टों और वक्ताओं को मौजूदा चुनौतियों का समाधान करने के लिये सुझाव देने पर तथा बजट घोषणाओं के कार्यान्वयन की दिशा में आगे बढ़ने के लिए उनके विचारों के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कपड़ा उद्योग के बाद सबसे बड़ा रोजगार पैदा करने वाला क्षेत्र पर्यटन क्षेत्र हो सकता है। श्री रेड्डी ने कहा कि भारत सरकार, राज्य सरकारों, निजी हितधारकों और सिविल सोसायटी को देश के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र सबसे कम पूंजी निवेश के साथ अधिकतम रोजगार पैदा करने वाले क्षेत्रों में से एक है।
इस अवसर पर पर्यटन सचिव श्री अरविन्द सिंह ने कहा कि इस वर्ष के बजट ने हमें पर्यटन विकास के लिए नई सोच प्रदान की है और यह राज्यों की सक्रिय भागीदारी, सरकारी कार्यक्रमों की एकसूत्रता और सार्वजनिक-निजी भागीदारी के अभियान स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। उन्होंने यह भी कहा कि बजट में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती गांवों में पर्यटन बुनियादी ढांचे और सुविधाओं का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद), जीआई उत्पादों और अन्य हस्तशिल्प उत्पादों के प्रचार और बिक्री के लिए राज्य की राजधानी या सबसे प्रमुख पर्यटन केंद्र या वित्तीय राजधानी में एक यूनिटी मॉल स्थापित करने को प्रोत्साहित किया गया है। साथ ही, अन्य सभी राज्यों के ऐसे उत्पादों के लिए स्थान प्रदान करने के लिए आग्रह किया गया है।
श्री अरविंद सिंह ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि इस वर्ष का बजट पर्यटन की योजना, विकास और प्रबंधन के लिए विभाग केंद्रित और योजना केंद्रित दृष्टिकोण से गंतव्य केंद्रित दृष्टिकोण में बदलाव की पैरवी करता है।
इस अवसर पर संस्कृति सचिव श्री गोविंद मोहन ने कहा कि संस्कृति मंत्रालय का मूल उद्देश्य भारतीय संस्कृति का संरक्षण, प्रसार और संवर्धन करना है और भारतीय संस्कृति विचारों, स्थानों, हमारी विरासत के पहलुओं, मंच कलाओं, दृश्य कलाओं, स्मारकों का एक बहुत समृद्ध भंडार है, जो न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी पर्यटकों के लिए अत्यंत रुचिकर हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि संस्कृति मंत्रालय भारत में पांच बड़े सांस्कृतिक स्थानों का विकास करेगा और इस काम को आगे बढ़ाते हुये अधिक स्थानों का विकास किया जाएगा। ये वे स्थान हैं जहां पर्यटकों को भारतीय संगीत, नृत्य प्रदर्शन, पुस्तक पढ़ने, पेंटिंग प्रतियोगिताओं, क्विज़िंग प्रतियोगिताओं और एकीकृत फैशन में अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों से परिचित कराया जाएगा।
संस्कृति सचिव ने प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी प्रकाश डाला और कहा कि एआई, वीआर और अन्य डिजिटल तकनीकों का उपयोग करके स्मारकों को युवा पीढ़ी के लिए अधिक दिलचस्प स्थानों के रूप में विकसित किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि पीपीपी के पास इन स्मारकों के आसपास मूल्य-संवर्धन करने और उन्हें भारत की सम्पदा और सौंदर्य का जीवंत उदाहरण बनाने की क्षमता है।
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