प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लेखक, इतिहासकार और रंगमंच के व्यक्तित्व शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने आने वाली पीढ़ियों को छत्रपति शिवाजी महाराज से जोड़ने में शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे के योगदान को याद किया। श्री मोदी ने उस समय का अपना भाषण भी पोस्ट किया, जब उन्होंने कुछ महीने पहले उनके शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम को संबोधित किया था।
ट्वीट की एक श्रृंखला में, प्रधानमंत्री ने कहा: “मैं अपना दर्द शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे के निधन से इतिहास और संस्कृति के क्षेत्र में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है। उनके योगदान के लिए धन्यवाद्, जिसकी वजह से आने वाली पीढ़ियां छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ेंगी। उनके अन्य योगदानों को भी याद किया जाएगा। शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे बुद्धिमान थे और भारतीय इतिहास का समृद्ध ज्ञान रखते थे। उनका स्वभाव विनोदपूर्ण था। वर्षों से मुझे उनके साथ बहुत निकटता से बातचीत करने का गौरव मिला है। कुछ महीने पहले मैंने उनके शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम को संबोधित किया था। शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे अपने व्यापक कार्यों के कारण जीवित रहेंगे। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।”
I am pained beyond words. The demise of Shivshahir Babasaheb Purandare leaves a major void in the world of history and culture. It is thanks to him that the coming generations will get further connected to Chhatrapati Shivaji Maharaj. His other works will also be remembered. pic.twitter.com/Ehu4NapPSL
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लेखक, इतिहासकार और रंगमंच के व्यक्तित्व शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने आने वाली पीढ़ियों को छत्रपति शिवाजी महाराज से जोड़ने में शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे के योगदान को याद किया। श्री मोदी ने उस समय का अपना भाषण भी पोस्ट किया, जब उन्होंने कुछ महीने पहले उनके शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम को संबोधित किया था।
ट्वीट की एक श्रृंखला में, प्रधानमंत्री ने कहा: “मैं अपना दर्द शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे के निधन से इतिहास और संस्कृति के क्षेत्र में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है। उनके योगदान के लिए धन्यवाद्, जिसकी वजह से आने वाली पीढ़ियां छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ेंगी। उनके अन्य योगदानों को भी याद किया जाएगा। शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे बुद्धिमान थे और भारतीय इतिहास का समृद्ध ज्ञान रखते थे। उनका स्वभाव विनोदपूर्ण था। वर्षों से मुझे उनके साथ बहुत निकटता से बातचीत करने का गौरव मिला है। कुछ महीने पहले मैंने उनके शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम को संबोधित किया था। शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे अपने व्यापक कार्यों के कारण जीवित रहेंगे। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।”
I am pained beyond words. The demise of Shivshahir Babasaheb Purandare leaves a major void in the world of history and culture. It is thanks to him that the coming generations will get further connected to Chhatrapati Shivaji Maharaj. His other works will also be remembered. pic.twitter.com/Ehu4NapPSL
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