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सरकार ने आधार पर अपनी एडवाइजरी ली वापस, आधार शेयर करने में अपनी समझ का प्रयोग करने की कही बात।

सारस न्यूज टीम, नई दिल्ली।

यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी यूआईडीएआई की ओर से लोगों को चेतावनी दी गई थी कि वो किसी भी ऑर्गेनाइजेशन के साथ आधार की फोटोकॉपी शेयर न करें। आधार के दुरुपयोग का हवाला देते हुए ऐसा किया गया था। अब सरकार ने इस एडवाइजरी को वापस ले लिया है।

सरकार के बयान में कहा गया है कि यूआईडीएआई की ओर से 27 मई को जारी एडवाइजरी इस संदर्भ में जारी की गई थी कि कोई फोटोशॉप के जरिए आधार कार्ड का दुरुपयोग न कर ले। सरकार ने कहा कि एडवाइजरी की गलत व्याख्या की संभावना को देखते हुए इसे तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है।
यूआईडीएआई की ओर से जारी आधार कार्ड धारकों को केवल सलाह दी जाती है कि वे अपने आधार नंबर को शेयर करने में अपनी समझ का प्रयोग करें। आधार आइडेंटिटी ऑथेंटिकेशन इकोसिस्टम ने आधार होल्डर की पहचान और गोपनीयता की सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुविधाएं प्रदान की हैं।

यूआईडीएआई ने लोगों को मास्क्ड आधार के इस्तेमाल का सुझाव भी दिया था। मास्क्ड आधार में आपके आधार नंबर के पूरे 12 अंक दिखाई नहीं देते, केवल आखिरी 4 अंक दिखाई देते हैं। इसे यूआईडीएआई की ऑफिशियल वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है।
यूआईडीएआई ने कहा था कि ई-आधार डाउनलोड करने के लिए इंटरनेट कैफे या कियोस्क में पब्लिक कंप्यूटर का इस्तेमाल करने से बचें। हालांकि यदि आप ऐसा करते हैं, तो कृपया सुनिश्चित करें कि आप ई-आधार की सभी डाउनलोड की गई कॉपियों को उस कंप्यूटर से हटा दें। चेतावनी में ये भी कहा गया है कि केवल वे संगठन जिन्होंने यूआईडीएआई से यूजर लाइसेंस लिया है, वे ही आइडेंटिफिकेशन के लिए आधार का इस्तेमाल कर सकते हैं।

यूआईडीएआई ने ये भी कहा था कि होटल या फिल्म हॉल जैसी बिना लाइसेंस वाली निजी संस्थाओं को आधार कार्ड की कॉपी जमा करने या रखने की अनुमति नहीं है। यह आधार अधिनियम 2016 के तहत एक अपराध है। यदि कोई निजी संस्था आधार कार्ड देखने की मांग करती है या आधार कार्ड की फोटोकॉपी मांगती है, तो वैरिफाई करें कि उनके पास यूआईडीएआई से वैलिड यूजर लाइसेंस है या नहीं।

यूआईडीएआई ने कहा है कि आधार एक 12 डिजिट पहचान संख्या है जिसे यूआईडीएआई भारत के हर निवासी को जारी करता है। यूआईडीएआई के पास आपका नाम, पता, जन्मतिथि, जेंडर, उंगलियों के निशान, पुतलियों का स्कैन, आपका फोटो, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी होती है। यूआईडीएआई वेबसाइट से डाउनलोड ई-आधार की उतना ही वैलिड है जितना ओरिजिनल आधार होता है। कोई भी एजेंसी इसे लेने से इनकार नहीं कर सकती। यदि कोई ऐसा करता है तो इसकी शिकायत की जा सकती है।

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