सारस न्यूज टीम, सिलिगुड़ी।
आखिरकार 23 सितंबर से पर्यटकों के लिए अपनी सीमाओं को फिर से खोलने जा रहा है भूटान। आज एक प्रेस वार्ता जारी करके भूटान पीएमओ विभाग और भूटान के पर्यटन परिषद ने उक्त जानकारी दी है। हालाकि भूटान में प्रवेश को लेकर कुछ विशेष नियम और दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के शुरूआत में ही भूटान सरकार ने पर्यटकों के लिए अपनी सीमा को सील कर दिया था। यहां पर्यटन बंद होने से भूटान के साथ ही भारत के सीमा क्षेत्र को भी काफी नुकसान हो रहा था। अब एक बार फिर आगामी 23 सिंतबर 2022 से पर्यटकों के लिए भूटान का प्रवेश द्वार खुल जाएगा। इधर, इस फैसले का जयगांव व आसपास के लोग स्वागत कर रहे हैं।
भूटान के विदेश मंत्री और भूटान के पर्यटन परिषद के अध्यक्ष डॉ टाडी दोरजी ने कहा कि पर्यटकों के लिए भूटान प्रवेश द्वार खोलने पर विचार किया जा रहा था। अब 23 से भूटान का गेट पर्यटकों के लिए खुल जाएगा। इस फैसले से भूटान को न केवल आर्थिक रूप से बल्कि सामाजिक रूप से भी लाभ मिलेगा। पर्यटन के आगमन से होटल, गाइड, टूर ऑपरेटर, ड्राइवरों सहित दूसरी सेवा प्रदाताओं भी अधिक रूप से मजबूत होंगे। इस जगह सभी सेवा कर्मचारियों को स्किलिंग और रीस्किलिंग की ट्रेनिंग लेना आवश्यक होगा। इस पत्र में भले ही देश में प्रवेश करने के बाद क्वारंटाइन का उल्लेख ना किया गया हो लेकिन सतत विकास शुल्क देने की बात कही गई हैं जो 65 से 200 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से होगा। हालाकि वर्तमान समय में न्यूनतम दैनिक पैकेज दर नहीं ली जाएगी। इस जगह शुरू में भूटान द्वारा यह निर्णय लिया गया था कि जब तक पर्यटक देश में रहेंगे तब तक पर्यटकों को टूर ऑपरेटरों के पास पैसा जमा करना होगा। भूटान जाने के लिए पर्यटकों को सीधे भूटानी सरकार के एसडीएफ को भुगतान करना होगा। इस जगह भूटान के होटल और रेस्टोरेंट को भी यही बताया गया है और इसी के तहत प्रशासन को कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने को भी कहा गया है। इस नए नियम में धीरे धीरे बदलाव करने की भी बात कही गई हैं।