देश की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और उनसे जुड़े श्रमिक व किसान संगठनों ने 9 जुलाई, बुधवार को राष्ट्रव्यापी भारत बंद का आह्वान किया है। इस हड़ताल में बैंकिंग, डाक, परिवहन, खनन और निर्माण जैसे क्षेत्रों के करीब 25 करोड़ कर्मचारी भाग लेंगे, जिससे सामान्य जनजीवन पर बड़ा असर पड़ सकता है।
क्या है भारत बंद की वजह? संघर्षरत संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए चार श्रम संहिता कानून श्रमिकों के अधिकारों को कमजोर करते हैं। इसके अलावा बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, स्वास्थ्य व शिक्षा क्षेत्र में बजट कटौती और सरकारी नौकरियों में भर्तियों की कमी जैसे मुद्दे इस हड़ताल की मुख्य वजह हैं।
हड़ताल में कौन होंगे शामिल?
AITUC, CITU, INTUC, HMS, SEWA सहित सभी प्रमुख केंद्रीय ट्रेड यूनियनें
ग्रामीण क्षेत्रों में किसान संगठन और मजदूर संघ
रेलवे, स्टील, कोयला, डाक सेवा, परिवहन व निर्माण क्षेत्र के कर्मचारी
क्या रहेगा बंद?
सरकारी बैंक और बीमा कंपनियों की सेवाएं
डाक विभाग का कार्य
कोयला खनन और भारी उद्योग उत्पादन
राज्य सरकारों द्वारा संचालित परिवहन सेवाएं
कई सरकारी कार्यालयों में कार्य प्रभावित
क्या खुले रहेंगे?
सभी निजी कार्यालय और कंपनियां
स्कूल-कॉलेज और निजी शिक्षण संस्थान
मेट्रो व ट्रेनें चलती रहेंगी, लेकिन संचालन में देरी हो सकती है
क्या है कर्मचारियों की मांगें?
चारों श्रम संहिताओं पर तत्काल रोक लगाई जाए
मजदूरों के यूनियन और हड़ताल के अधिकार को बहाल किया जाए
सरकारी रिक्तियों में नई भर्तियां की जाएं
मनरेगा की मजदूरी बढ़ाई जाए और इसे शहरी क्षेत्रों तक विस्तार दिया जाए
सार्वजनिक स्वास्थ्य, शिक्षा और नागरिक सुविधाओं को मजबूत किया जाए
कई शहरों में रैली और प्रदर्शन की तैयारी कई राज्यों में हड़ताल के समर्थन में रैलियां और विरोध मार्च भी निकाले जाएंगे, जिससे ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सामान्य सेवाएं बाधित हो सकती हैं।
नोट: यात्रियों और आम जनता को सलाह दी जाती है कि वे 9 जुलाई को जरूरी कार्यों के लिए पहले से योजना बना लें और बैंकिंग या परिवहन से जुड़े कार्यों को टालने की कोशिश करें।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
देश की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और उनसे जुड़े श्रमिक व किसान संगठनों ने 9 जुलाई, बुधवार को राष्ट्रव्यापी भारत बंद का आह्वान किया है। इस हड़ताल में बैंकिंग, डाक, परिवहन, खनन और निर्माण जैसे क्षेत्रों के करीब 25 करोड़ कर्मचारी भाग लेंगे, जिससे सामान्य जनजीवन पर बड़ा असर पड़ सकता है।
क्या है भारत बंद की वजह? संघर्षरत संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए चार श्रम संहिता कानून श्रमिकों के अधिकारों को कमजोर करते हैं। इसके अलावा बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, स्वास्थ्य व शिक्षा क्षेत्र में बजट कटौती और सरकारी नौकरियों में भर्तियों की कमी जैसे मुद्दे इस हड़ताल की मुख्य वजह हैं।
हड़ताल में कौन होंगे शामिल?
AITUC, CITU, INTUC, HMS, SEWA सहित सभी प्रमुख केंद्रीय ट्रेड यूनियनें
ग्रामीण क्षेत्रों में किसान संगठन और मजदूर संघ
रेलवे, स्टील, कोयला, डाक सेवा, परिवहन व निर्माण क्षेत्र के कर्मचारी
क्या रहेगा बंद?
सरकारी बैंक और बीमा कंपनियों की सेवाएं
डाक विभाग का कार्य
कोयला खनन और भारी उद्योग उत्पादन
राज्य सरकारों द्वारा संचालित परिवहन सेवाएं
कई सरकारी कार्यालयों में कार्य प्रभावित
क्या खुले रहेंगे?
सभी निजी कार्यालय और कंपनियां
स्कूल-कॉलेज और निजी शिक्षण संस्थान
मेट्रो व ट्रेनें चलती रहेंगी, लेकिन संचालन में देरी हो सकती है
क्या है कर्मचारियों की मांगें?
चारों श्रम संहिताओं पर तत्काल रोक लगाई जाए
मजदूरों के यूनियन और हड़ताल के अधिकार को बहाल किया जाए
सरकारी रिक्तियों में नई भर्तियां की जाएं
मनरेगा की मजदूरी बढ़ाई जाए और इसे शहरी क्षेत्रों तक विस्तार दिया जाए
सार्वजनिक स्वास्थ्य, शिक्षा और नागरिक सुविधाओं को मजबूत किया जाए
कई शहरों में रैली और प्रदर्शन की तैयारी कई राज्यों में हड़ताल के समर्थन में रैलियां और विरोध मार्च भी निकाले जाएंगे, जिससे ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सामान्य सेवाएं बाधित हो सकती हैं।
नोट: यात्रियों और आम जनता को सलाह दी जाती है कि वे 9 जुलाई को जरूरी कार्यों के लिए पहले से योजना बना लें और बैंकिंग या परिवहन से जुड़े कार्यों को टालने की कोशिश करें।
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