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दक्षिण कश्मीर में सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई, तीन दिनों में छह आतंकवादी ढेर।

सारस न्यूज़, वेब डेस्क।

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दक्षिण कश्मीर में आतंक के खिलाफ सुरक्षा बलों ने अपनी कार्रवाई तेज़ कर दी। पिछले तीन दिनों में दो अलग-अलग अभियानों में कुल छह आतंकवादियों को मार गिराया गया है।

दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले स्थित विक्टर फोर्स मुख्यालय में एक संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक वी. के. बिर्दी ने बताया कि हाल के आतंकी घटनाक्रम को देखते हुए रणनीति में बदलाव किया गया और सुरक्षा एजेंसियों के आपसी तालमेल और समन्वय के चलते दो बड़ी सफलताएं मिलीं।

उन्होंने कहा, “हमारा मुख्य उद्देश्य किसी भी आतंकी गतिविधि को जड़ से खत्म करना है। इन अभियानों में मिली सफलता हमारे कर्तव्यनिष्ठ प्रयासों का परिणाम है।”

दोपहर के दौरान शोपियां और त्राल में मुठभेड़

पहली मुठभेड़ 14 मई को शोपियां के केलर इलाके में हुई, जहाँ तीन आतंकियों को मार गिराया गया। दूसरी मुठभेड़ 16 मई को पुलवामा के त्राल क्षेत्र के नदर गांव में हुई, जहाँ तीन और आतंकवादी मारे गए। इन दोनों अभियानों में सुरक्षा बलों ने बेहद सुनियोजित ढंग से कार्यवाही की और आतंकियों को घेरकर उनका सफाया किया।

विक्टर फोर्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, मेजर जनरल धनंजय जोशी ने जानकारी दी कि पहलगाम हमले के बाद कई क्षेत्रों को विशेष निगरानी के तहत रखा गया था। बर्फबारी के कम होने के साथ ही आतंकी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सक्रिय हो गए थे, जिसकी पहले से सूचना थी। इस आधार पर गश्ती दलों को पहाड़ी और जंगलों में तैनात किया गया था।

त्राल मुठभेड़ में बच्चों और नागरिकों की सुरक्षित निकासी

त्राल मुठभेड़ में आतंकियों ने गांव के कई घरों में छिपकर फायरिंग की, जिससे अभियान और अधिक संवेदनशील हो गया। मेजर जोशी ने बताया कि इस दौरान आम नागरिकों, विशेषकर बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई और एक-एक घर को सुनियोजित तरीके से खंगालते हुए आतंकियों को ढेर किया गया।

मुख्य आतंकी शाहिद कुट्टे का अंत

मारे गए आतंकियों में सबसे खतरनाक नाम शाहिद कुट्टे का था, जो कई बड़े आतंकी हमलों में शामिल था। वह 18 मई 2024 को शोपियां के हीरपोरा में एक सरपंच की हत्या तथा 8 अप्रैल 2024 को डैनिश रिसॉर्ट में हुए फायरिंग में शामिल था, जिसमें दो जर्मन पर्यटक और एक चालक घायल हुए थे। इसके अलावा वह आतंकियों के लिए फंडिंग और अन्य साजिशों में भी सक्रिय था।

मेजर जोशी ने कहा कि इन दोनों आतंकी मॉड्यूल्स का सफाया होने से क्षेत्र में आतंकवाद को बड़ा झटका लगा है और आने वाले समय में शांति स्थापना की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।


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