नेपाल से जाली भारतीय नोट बड़ी संख्या में भारत भेजने में अब चीन की गतिविधियां सामने आ रही हैं। देश की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ की सक्रियता पहले ही सामने आ चुकी है। अब चीन के चेहरे भी बेनकाब हो रहे हैं। गत 11 जून को सीतामढ़ी से लगी नेपाल सीमा से चीनी नागरिक लु लैंग व युवान हेलंग की गिरफ्तारी में अवैध वित्तीय गतिविधियों में शामिल होने की बात सामने आई है। इससे पहले नौ जून को चार करोड़ के नकली नेपाली नोट के साथ काठमांडू में चार चीनी पकड़े गए थे। इन दोनों मामलों को जांच एजेंसियां जोड़कर जांच कर रही हैं।
चीन की गतिविधियां नेपाल में बढऩे के बाद चीनी नागरिकों का आना-जाना बढ़ा है। वे भारत तक घुसपैठ बनाकर अपना काम कर रहे हैं। नेपाल की राजधानी काठमांडू से लेकर भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में उनकी गतिविधियां बढ़ी हैं। काठमांडू सहित भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में नेपाल के कई शहरों में चलने वाले कैसिनो में जाली नोट की खूब खपत हैं। इन कैसिनों में केवल भारतीय नागरिकों को ही अनुमति मिलती हैं। खुली सीमा से ये नोट भारतीय बाजार में भी पहुंच रहे हैं। वहां के बहुत से कैसिनो और होटलों में दाऊद का पैसा लगा होने की बात कही जाती है। तस्करों का संबंध वहां नागरिकों व चीनियों से लेकर यहां के कुछ बड़े व्यापारियों तक है।
गिरफ्तार दोनों चीनी नागरिकों के पास से डालर के साथ भारतीय रुपये, असम के दो व्यक्तियों के नाम से आइसीआइसीआइ बैंक के डेबिट कार्ड मिले थे। जांच में क्रिप्टो करेंसी बिटक्वाइन की खरीद-बिक्री का भी मामला सामने आ चुका है। ऐसे में वित्तीय अपराध सामने आ चुका है। चीनियों का नेपाल और भारत में व्यापारिक संगठनों से कनेक्शन की भी चर्चा है। नेपाल में सक्रिय भारत विरोधी संगठन और चीनी एजेंसियां आपसी तालमेल से भारतीय अर्थव्यवस्था पर चोट करने की साजिश में जुटी हैं। इसके लिए भारतीय जाली नोट और नार्कोटिक्स की तस्करी को बढ़ावा दे रही हैं।
जांच एजेंसियां दोनों चीनी नागरिकों के वित्तीय लेेनदेन की पड़ताल में जुटी हैं।
सारस न्यूज टीम, पूर्वी चंपारण।
नेपाल से जाली भारतीय नोट बड़ी संख्या में भारत भेजने में अब चीन की गतिविधियां सामने आ रही हैं। देश की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ की सक्रियता पहले ही सामने आ चुकी है। अब चीन के चेहरे भी बेनकाब हो रहे हैं। गत 11 जून को सीतामढ़ी से लगी नेपाल सीमा से चीनी नागरिक लु लैंग व युवान हेलंग की गिरफ्तारी में अवैध वित्तीय गतिविधियों में शामिल होने की बात सामने आई है। इससे पहले नौ जून को चार करोड़ के नकली नेपाली नोट के साथ काठमांडू में चार चीनी पकड़े गए थे। इन दोनों मामलों को जांच एजेंसियां जोड़कर जांच कर रही हैं।
चीन की गतिविधियां नेपाल में बढऩे के बाद चीनी नागरिकों का आना-जाना बढ़ा है। वे भारत तक घुसपैठ बनाकर अपना काम कर रहे हैं। नेपाल की राजधानी काठमांडू से लेकर भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में उनकी गतिविधियां बढ़ी हैं। काठमांडू सहित भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में नेपाल के कई शहरों में चलने वाले कैसिनो में जाली नोट की खूब खपत हैं। इन कैसिनों में केवल भारतीय नागरिकों को ही अनुमति मिलती हैं। खुली सीमा से ये नोट भारतीय बाजार में भी पहुंच रहे हैं। वहां के बहुत से कैसिनो और होटलों में दाऊद का पैसा लगा होने की बात कही जाती है। तस्करों का संबंध वहां नागरिकों व चीनियों से लेकर यहां के कुछ बड़े व्यापारियों तक है।
गिरफ्तार दोनों चीनी नागरिकों के पास से डालर के साथ भारतीय रुपये, असम के दो व्यक्तियों के नाम से आइसीआइसीआइ बैंक के डेबिट कार्ड मिले थे। जांच में क्रिप्टो करेंसी बिटक्वाइन की खरीद-बिक्री का भी मामला सामने आ चुका है। ऐसे में वित्तीय अपराध सामने आ चुका है। चीनियों का नेपाल और भारत में व्यापारिक संगठनों से कनेक्शन की भी चर्चा है। नेपाल में सक्रिय भारत विरोधी संगठन और चीनी एजेंसियां आपसी तालमेल से भारतीय अर्थव्यवस्था पर चोट करने की साजिश में जुटी हैं। इसके लिए भारतीय जाली नोट और नार्कोटिक्स की तस्करी को बढ़ावा दे रही हैं।
जांच एजेंसियां दोनों चीनी नागरिकों के वित्तीय लेेनदेन की पड़ताल में जुटी हैं।
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