काठमांडू से भारत लाए जा रहे दो किलो यूरेनियम के मिलने से मचा हड़कंप, नेपाल सीमा से सटी बिहार में बढ़ी चौकसी, एलर्ट मोड पर भारतीय सुरक्षा एजेंसी व एसएसबी।
नेपाल की राजधानी काठमांडू के रास्ते भारत लाई जा रही दो किलो यूरेनियम की खेप को नेपाल पुलिस ने बिहार के अररिया से सटी नेपाल सीमा से पहले पकड़ा। नेपाल पुलिस ने यूरेनियम के साथ 15 तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक पूछताछ में यह बात सामने आई है कि इस यूरेनियम का विस्फोटक निर्माण में इस्तेमाल किया जाना था। यूरेनियम एक रेडियोएक्टिव पदार्थ है। जिसका इस्तेमाल परमाणु बम बनाने में भी होता है। तस्कर इसकी खेप के साथ बिहार के अररिया जिले की जोगबनी सीमा से भारत में घुसने वाले थे।
इस मामले के सामने आने के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां और सीमा पर तैनात एसएसबी अलर्ट मोड में हैं। भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इसके पहले पिछले साल जून में पड़ोसी राज्य झारखंड में तस्करी से ले जाया गया सात किलो यूरेनियम मिला था।
नेपाल पुलिस ने विराटनगर में अलग-अलग होटलों में छापेमारी कर दो किलो यूरेनियम के साथ 15 तस्करों को गिरफ्तार किया है। मोरंग के एसपी शांतिराज कोईराला ने इसकी पुष्टि की है। उनके अनुसार तस्कर यूरेनियम को काठमांडू से लेकर चले थे तथा बिहार के अररिया स्थित जोगबनी सीमा से भारतीय क्षेत्र में एंट्री करने वाले थे।
बरामद यूरेनियम की कीमत करोड़ों रुपये आंकी जा रही है। तस्करों को इतनी मात्रा में यूरेनियम कहां से व कैसे मिला तथा इसे भारत में किसके पास भेजा जा रहा था, अब दोनों देशाें की सुरक्षा एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं।
भारत लाई जा रही इतनी बड़ी खेप के मिलने के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं हैं। पूरे बिहार में भारत-नेपाल सीमा पर चौकसी कड़ी कर दी गई है। बताते चलें कि यूरेनियम का इस्तेमाल परमाणु बम बनाने में किया जाता है। एक किलो यूरेनियम से 24 मेगावाट ऊर्जा वाला बम बनाया जा सकता है।
जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर अमेरिका द्वारा गिराए गए परमाणु बमों में 64 किलो यूरेनियम का उपयोग किया गया था। ऐसे में अगर दो किलो यूरेनियम भी गलत हाथों में पड़ जाए तो तबाही लाने के लिए पर्याप्त है।
सारस न्यूज एजेंसी, अररिया।
नेपाल की राजधानी काठमांडू के रास्ते भारत लाई जा रही दो किलो यूरेनियम की खेप को नेपाल पुलिस ने बिहार के अररिया से सटी नेपाल सीमा से पहले पकड़ा। नेपाल पुलिस ने यूरेनियम के साथ 15 तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक पूछताछ में यह बात सामने आई है कि इस यूरेनियम का विस्फोटक निर्माण में इस्तेमाल किया जाना था। यूरेनियम एक रेडियोएक्टिव पदार्थ है। जिसका इस्तेमाल परमाणु बम बनाने में भी होता है। तस्कर इसकी खेप के साथ बिहार के अररिया जिले की जोगबनी सीमा से भारत में घुसने वाले थे।
इस मामले के सामने आने के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां और सीमा पर तैनात एसएसबी अलर्ट मोड में हैं। भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इसके पहले पिछले साल जून में पड़ोसी राज्य झारखंड में तस्करी से ले जाया गया सात किलो यूरेनियम मिला था।
नेपाल पुलिस ने विराटनगर में अलग-अलग होटलों में छापेमारी कर दो किलो यूरेनियम के साथ 15 तस्करों को गिरफ्तार किया है। मोरंग के एसपी शांतिराज कोईराला ने इसकी पुष्टि की है। उनके अनुसार तस्कर यूरेनियम को काठमांडू से लेकर चले थे तथा बिहार के अररिया स्थित जोगबनी सीमा से भारतीय क्षेत्र में एंट्री करने वाले थे।
बरामद यूरेनियम की कीमत करोड़ों रुपये आंकी जा रही है। तस्करों को इतनी मात्रा में यूरेनियम कहां से व कैसे मिला तथा इसे भारत में किसके पास भेजा जा रहा था, अब दोनों देशाें की सुरक्षा एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं।
भारत लाई जा रही इतनी बड़ी खेप के मिलने के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं हैं। पूरे बिहार में भारत-नेपाल सीमा पर चौकसी कड़ी कर दी गई है। बताते चलें कि यूरेनियम का इस्तेमाल परमाणु बम बनाने में किया जाता है। एक किलो यूरेनियम से 24 मेगावाट ऊर्जा वाला बम बनाया जा सकता है।
जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर अमेरिका द्वारा गिराए गए परमाणु बमों में 64 किलो यूरेनियम का उपयोग किया गया था। ऐसे में अगर दो किलो यूरेनियम भी गलत हाथों में पड़ जाए तो तबाही लाने के लिए पर्याप्त है।
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