सारस न्यूज, किशनगंज।
किशनगंज जिले के समस्त बालूघाट के संचालन हेतु उच्चतम न्यायालय द्वारा सिविल अपील नं0-3661.3662 / 2020 में पारित आदेश दिनांक- 15 दिसंबर 2022 के आलोक में बिहार स्टेट माईनिंग कॉरपोरेशन लि0 के निदेशानुसार आगामी 26 दिसंबर 2022 से 31 मार्च 2023 तक विस्तारित किए गए हैं।
इस संदर्भ में वर्तमान संवेदक को संविदा की समानुपातिक राशि एवं अन्य शुल्क दिनांक 26.12.2022 तक ऑनलाईन जमा करने का आदेश निर्गत किया गया है। इस संबंध में बिहार स्टेट माईनिंग कॉरपोरेशन लिo; बिहार, पटना के महाप्रबंधक ने अपने पत्रांक डब्लूएच-08/ बालू-9/21-2575, दिनांक – 22/12/2022 के माध्यम से संबंधित संवेदक को संविदा की राशि प्रपत्र में एक शपथ-पत्र अथवा घोषणा पत्र बिहार राज्य खनन निगम लि. को उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं।
उन्होंने उक्त पत्र के माध्यम से कहा हैं कि घाट संचालन की अनुमति वांछित राशि निगम द्वारा संचालित बैंक खाता में जमा के सत्यापन के पश्चात दिया जाएगा। विलंब से राशि जमा कराये जाने के कारण हुई क्षति के लिए संवेदक स्वयं जिम्मेवार होंगे एवं इस पर किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति देय विभाग द्वारा नहीं होगी।उन्होंने कहा हैं कि संवेदक पर अधिरोपित दण्ड यदि कोई हो, की राशि एवं सुरक्षित जमा की राशि निगम द्वारा संचालित बैंक खाता में जमा होने के सत्यापन के पश्चात ही बालूघाट संचालन की अनुमति प्रदान की जा सकेगी।
विस्तारित अवधि में घाट के संचालन में निविदा दस्तावेज, पूर्व के एकरारनामा, ईसी, सीटीओ एवं बिहार खनिज (समानुदान, अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण निवारण) नियमावली, 2019 (यथा संशोधित) नियामावली 2021 के सभी नियमों एवं शर्तों का अनुपालन अनिवार्य होगा। बताते चलें कि किशनगंज जिले में तीन तीन बार पांच वर्षों के लिए बालू घाटों के संचालन हेतु विभाग द्वारा टेंडर निकाले गए पर संवेदक नहीं जुटने अथवा अधिक दर निर्धारित किए जाने से संवेदक द्वारा रुचि नहीं लिए जाने के कारण बालू घाटों का टेंडर नहीं हो सका है।
अब 31 मार्च तक पूर्व के संवेदकों से ही बालू घाटों का संचालन कर राजस्व वसूली की जाएगी। चूंकि बालू घाटों के टेंडर होने के पश्चात पर्यावरणीय स्वीकृति (एनवायरनमेंट क्लियरेंस) सहित अन्य कार्यों को निष्पादित कराने में एक वर्ष के करीब समय लग जाता है। ऐसे में यह कहा जा सकता हैं कि वर्ष 2023 भी बिना नए टेंडर के जिले में बालू घाटों का संचालन किया जाएगा, जिससे सरकार को अच्छी खासी राजस्व का नुकसान पहुंचेगा। हालांकि पूर्व से संचालित बालू घाटों के संवेदकों द्वारा इतना भारी मात्रा में बालू का स्टॉक कर लिया गया है कि जिले में बालू की किल्लत महसूस ही नहीं होगी। वहीं खनन निगम के उक्त आदेश निर्गत होने के पश्चात् संवेदकों में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई हैं।