सारस न्यूज़ टीम, पटना।
राज्य में पहली बार पायलट प्रोजेक्ट के तहत जन वितरण प्रणाली की दुकानों में ई-पाश मशीन से एकीकृत इलेक्ट्रानिक वेट स्केल मशीन से लाभुकों को कैशलेश अनाज दिया जाएगा। कमतौली और ज्यादा रकम वसूलने पर रोक लगेगी। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की मंत्री लेशी सिंह ने गुरुवार को सालिमपुर अहरा स्थित जनवितरण प्रणाली की दुकान में इसका शुभारंभ की। इससे कम अनाज देने की शिकायत दूर होगी। लाभुक के फिंगर प्रिंट को स्कैन करते ही मशीन बता देगी कि कितना अनाज देना है। जब तक वजन पूरा नहीं होगा, मशीन बंद नहीं होगी। दूसरे उपभोक्ता को अनाज नहीं दिया जा सकेगा। इससे उपभोक्ताओं को अनाज कम देने की शिकायत दूर होगी।
इस दौरान मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि गरीबों को पारदर्शी तरीके से सही मात्रा में गुणवत्तापूर्ण अनाज दिलाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राज्य सरकार कृतसंकल्पित है। राज्य के शहरी एवं ग्रामीण उपभोक्ताओं विशेषकर समाज के कमजोर एवं गरीब वर्ग के लोगों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सही तौल एवं उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह पायलट प्रोजेक्ट शुरु की गई है।मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने ई-पास से एकीकृत इलेक्ट्रानिक वेट स्केल मशीन से लाभुकों के बीच कैशलेश यानि नकदी रहित अनाज वितरण करने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि जनवितरण प्रणाली की दुकानों की स्थिति को और भी बेहतर किया जाएगा। अब कार्डधारी ई-पास मशीन में अपना अंगूठा लगाकर पहचान देते हैं तब जाकर राशन का उठाव होता है। इसकी सतत निगरानी मुख्यालय स्तर से होगी। फिलहाल पटना के चार दुकानों में इसकी सुविधा उपलब्ध कराई गई है। बेहतर परिणाम के बाद जल्द ही अन्य जिलों के उपभोक्ताओं को भी इससे जोड़ दिया जाएगा।
