बिहार में अबतक 11 अंचलाधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है। पांच अंचलाधिकारियों के निलंबन का प्रस्ताव राज्य सरकार के स्तर पर प्रक्रियाधीन है। जमीन की जमाबंदी की हेराफेरी, दाखिल – खारिज की गड़बड़ियों, अवैध रूप से अंचल कार्यालयों के संचालन सहित विभिन्न आरोपों में 11 अंचलाधिकारियों पर यह गाज गिरी है। जबकि 09 अंचलाधिकारियों के खिलाफ विभागीय प्रक्रिया का संचालन शुरू कर दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार पूर्व में 09 अंचलाधिकारियों को निलंबित किया गया था। इसके बाद भागलपुर के इस्माइलपुर के अंचलाधिकारी रोहित कुमार एवं नालंदा के राजगीर के अंचलाधिकारी संतोष कुमार चौधरी को निलंबित किया गया है। वहीं पूर्णिया के बड़हराकोठी, रोहतास के शिवसागर, बेगूसराय के मटिहानी, मुजफ्फरपुर के औराई, नालंदा के बिहारशरीफ, बक्सर के केसठ, नालंदा के हिलसा, भोजपुर के आरा सदर एवं खगड़िया के तत्कालीन सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी (वर्तमान में सेवानिवृत्त ) के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की गई है।
विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि अंचल पदाधिकारी सहित राजस्व एवं भूमि सुधार के किसी भी कर्मी या पदाधिकारी के खिलाफ प्राप्त शिकायत अगर प्रमाणित होती है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।कुछ अंचलाधिकारियों एवं बंदोबस्त पदाधिकारियों का तबादला भी किया गया है। सूत्रों के अनुसार जिला प्रशासन के माध्यम से ही दाखिल – खारिज एवं अन्य विभागीय कार्रवाई की निगरानी की जाती है। हाल में राजस्व – भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने विभागीय निगरानी कोषांग के कार्यों की समीक्षा की है।
इस दौरान मंत्री ने निर्देश दिया था कि जिन अधिकारियों के खिलाफ जांच की प्रक्रिया शुरू की गई है। उसे जल्द पूरा किया जाए। पिछले मासिक बैठक में भी सभी अपर समाहर्ताओं को संबंधित कर्मियों के खिलाफ जारी विभागीय कार्रवाई की जांच जल्द पूरा कर उसकी रिपोर्ट मुख्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।विभाग द्वारा अवैध जमाबंदी कायम करना , उच्च न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना, अतिक्रमण हटाने में लापरवाही, बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम से संबंधित वादों में पारित आदेशों के पालन में रुचि नहीं लेना और ऑनलाइन सेवाओं का समय पर निपटारा नहीं करने सहित अन्य कारणों से निलंबित किया गया है।
ये हो चुकें हैं निलंबित, विभागीय कार्यवाही शुरू होगी।
1. विजय कुमार, अंचल अधिकारी, दाउदनगर।
2. सुनील कुमार वर्मा , तत्कालीन अंचल अधिकारी बिहारशरीफ।
3. चंदन कुमार, तत्कालीन अंचल अधिकारी, फुलवारीशरीफ, पटना।
4. कुमार कुंदन लाल, तत्कालीन अंचल अधिकारी, गड़हनी, भोजपुर।
5. अमित कुमार, अंचल अधिकारी, ओबरा, औरंगाबाद।
6. उज्ज्वल कुमार चौबे, अंचल अधिकारी , कुचायकोट , गोपालगंज।
8. विनोद कुमार चौधरी, अंचल अधिकारी, खिजरसराय , गया।
इनमें से विनोद कुमार चौधरी एवं दिनेश कुमार को घूस लेते हुए निगरानी ने पकड़ा था।
इस आधार पर उन्हें निलंबित किया गया।
दाखिल – खारिज की शिकायतों पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग सख्त
दाखिल खारिज मामले में पटना के दो सीओ पर भी कार्रवाई हुई है। इसमें पुनपुन व संपतचक के सीओ शामिल हैं। पुनपुन की सीओ ने एक मामले में गलत तरीके से दाखिल खारिज कर दिया था । संपतचक अंचल कार्यालय का अवैध कार्यालय संचालन में दो राजस्व कर्मचारी निलंबित किए गए। दो डाटा इंट्री ऑपरेटर को बर्खास्त किया गया तथा सीओ पर भी कार्रवाई की अनुशंसा भेजी गई
।
मुंशी व राजस्व कर्मचारी चलाते थे अवैध कार्यालय।
पटना, दानापुर के आईपीएस मोड़ स्थित होटल ग्रांड में अवैध तरीके से संचालित अंचल कार्यालय के मामले में अवैध तरीके से काम करने वाले मुंशी और राजस्व कर्मचारी की मिलीभगत का खुलासा हो गया है। हल्का मुंशी और उसका एक कर्मचारी सरकारी दस्तावेजों को तैयार करते थे। यह सब काम अंचल के राजस्व कर्मचारी और अधिकारी की सहमति से हो रहा था।कई रजिस्टर ऐसा है, जिस पर अवैध मुंशियों के हस्तलेख हैं। दानापुर के एसडीएम द्वारा डीएम को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट में इसका खुलासा हो गया है।इसीलिए बड़े पैमाने पर फाइलों की छानबीन हो रही है। एसडीएम की रिपोर्ट में कहा गया है कि होटल में पकड़े गए पंकज कुमार ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि उमेश ठाकुर (हल्का मुंशी) एवं सुनील रजक (हलका राजस्व कर्मचारी)
द्वारा इन्हें काम पर रखा गया था। इस घटनाक्रम में अंचल कार्यालय दानापुर के हल्का एम कॉरपोरेशन का दस्तावेज संदिग्ध अवस्था में पाया जाना एवं पंकज ठाकुर द्वारा संबंधित हलका के राजस्व कर्मचारी सुनील रजक अवैध कार्यालय में एक साथ पाए गए थे । इससे स्पष्ट हो गया है कि राजस्व कर्मचारी और मुंशी मिलकर सरकारी दस्तावेजों को निष्पादित करते थे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
बिहार में अबतक 11 अंचलाधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है। पांच अंचलाधिकारियों के निलंबन का प्रस्ताव राज्य सरकार के स्तर पर प्रक्रियाधीन है। जमीन की जमाबंदी की हेराफेरी, दाखिल – खारिज की गड़बड़ियों, अवैध रूप से अंचल कार्यालयों के संचालन सहित विभिन्न आरोपों में 11 अंचलाधिकारियों पर यह गाज गिरी है। जबकि 09 अंचलाधिकारियों के खिलाफ विभागीय प्रक्रिया का संचालन शुरू कर दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार पूर्व में 09 अंचलाधिकारियों को निलंबित किया गया था। इसके बाद भागलपुर के इस्माइलपुर के अंचलाधिकारी रोहित कुमार एवं नालंदा के राजगीर के अंचलाधिकारी संतोष कुमार चौधरी को निलंबित किया गया है। वहीं पूर्णिया के बड़हराकोठी, रोहतास के शिवसागर, बेगूसराय के मटिहानी, मुजफ्फरपुर के औराई, नालंदा के बिहारशरीफ, बक्सर के केसठ, नालंदा के हिलसा, भोजपुर के आरा सदर एवं खगड़िया के तत्कालीन सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी (वर्तमान में सेवानिवृत्त ) के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की गई है।
विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि अंचल पदाधिकारी सहित राजस्व एवं भूमि सुधार के किसी भी कर्मी या पदाधिकारी के खिलाफ प्राप्त शिकायत अगर प्रमाणित होती है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।कुछ अंचलाधिकारियों एवं बंदोबस्त पदाधिकारियों का तबादला भी किया गया है। सूत्रों के अनुसार जिला प्रशासन के माध्यम से ही दाखिल – खारिज एवं अन्य विभागीय कार्रवाई की निगरानी की जाती है। हाल में राजस्व – भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने विभागीय निगरानी कोषांग के कार्यों की समीक्षा की है।
इस दौरान मंत्री ने निर्देश दिया था कि जिन अधिकारियों के खिलाफ जांच की प्रक्रिया शुरू की गई है। उसे जल्द पूरा किया जाए। पिछले मासिक बैठक में भी सभी अपर समाहर्ताओं को संबंधित कर्मियों के खिलाफ जारी विभागीय कार्रवाई की जांच जल्द पूरा कर उसकी रिपोर्ट मुख्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।विभाग द्वारा अवैध जमाबंदी कायम करना , उच्च न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना, अतिक्रमण हटाने में लापरवाही, बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम से संबंधित वादों में पारित आदेशों के पालन में रुचि नहीं लेना और ऑनलाइन सेवाओं का समय पर निपटारा नहीं करने सहित अन्य कारणों से निलंबित किया गया है।
ये हो चुकें हैं निलंबित, विभागीय कार्यवाही शुरू होगी।
1. विजय कुमार, अंचल अधिकारी, दाउदनगर।
2. सुनील कुमार वर्मा , तत्कालीन अंचल अधिकारी बिहारशरीफ।
3. चंदन कुमार, तत्कालीन अंचल अधिकारी, फुलवारीशरीफ, पटना।
4. कुमार कुंदन लाल, तत्कालीन अंचल अधिकारी, गड़हनी, भोजपुर।
5. अमित कुमार, अंचल अधिकारी, ओबरा, औरंगाबाद।
6. उज्ज्वल कुमार चौबे, अंचल अधिकारी , कुचायकोट , गोपालगंज।
8. विनोद कुमार चौधरी, अंचल अधिकारी, खिजरसराय , गया।
इनमें से विनोद कुमार चौधरी एवं दिनेश कुमार को घूस लेते हुए निगरानी ने पकड़ा था।
इस आधार पर उन्हें निलंबित किया गया।
दाखिल – खारिज की शिकायतों पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग सख्त
दाखिल खारिज मामले में पटना के दो सीओ पर भी कार्रवाई हुई है। इसमें पुनपुन व संपतचक के सीओ शामिल हैं। पुनपुन की सीओ ने एक मामले में गलत तरीके से दाखिल खारिज कर दिया था । संपतचक अंचल कार्यालय का अवैध कार्यालय संचालन में दो राजस्व कर्मचारी निलंबित किए गए। दो डाटा इंट्री ऑपरेटर को बर्खास्त किया गया तथा सीओ पर भी कार्रवाई की अनुशंसा भेजी गई
।
मुंशी व राजस्व कर्मचारी चलाते थे अवैध कार्यालय।
पटना, दानापुर के आईपीएस मोड़ स्थित होटल ग्रांड में अवैध तरीके से संचालित अंचल कार्यालय के मामले में अवैध तरीके से काम करने वाले मुंशी और राजस्व कर्मचारी की मिलीभगत का खुलासा हो गया है। हल्का मुंशी और उसका एक कर्मचारी सरकारी दस्तावेजों को तैयार करते थे। यह सब काम अंचल के राजस्व कर्मचारी और अधिकारी की सहमति से हो रहा था।कई रजिस्टर ऐसा है, जिस पर अवैध मुंशियों के हस्तलेख हैं। दानापुर के एसडीएम द्वारा डीएम को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट में इसका खुलासा हो गया है।इसीलिए बड़े पैमाने पर फाइलों की छानबीन हो रही है। एसडीएम की रिपोर्ट में कहा गया है कि होटल में पकड़े गए पंकज कुमार ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि उमेश ठाकुर (हल्का मुंशी) एवं सुनील रजक (हलका राजस्व कर्मचारी)
द्वारा इन्हें काम पर रखा गया था। इस घटनाक्रम में अंचल कार्यालय दानापुर के हल्का एम कॉरपोरेशन का दस्तावेज संदिग्ध अवस्था में पाया जाना एवं पंकज ठाकुर द्वारा संबंधित हलका के राजस्व कर्मचारी सुनील रजक अवैध कार्यालय में एक साथ पाए गए थे । इससे स्पष्ट हो गया है कि राजस्व कर्मचारी और मुंशी मिलकर सरकारी दस्तावेजों को निष्पादित करते थे।
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