एंटी नक्सल ऑपरेशन एवं पुनर्वास नीति के तहत जमुई के चोरमारा कैम्प मे धरहरा प्रखंड के पांच नक्सलियो ने सुरक्षा बलों के सामने सरेंडर किया । नक्सलियों के आत्मसमर्पण सीआरपीएफ की बड़ी उपलब्धि बताई जा रही है। इससे अब धरहरा सहित अन्य क्षेत्रो मे शांति स्थापित होगा।
बताया जाता है कि पुलिस के एंटी नक्सल ऑपरेशन को देखते हुए पांच माओवादियो ने सरकार की पुनर्वास नीति को अपना लिया। यह भी बताया जा रहा है कि संगठन के आंतरिक खोखलापन से ये नक्सली निराश थे।नई सुबह, नई शुरुआत नीति से प्रभावित होकर आतंक को छोड़कर पुलिस के सामने सरेंडर करने वाले पांच नक्सलियो मे बालेश्वर कोड़ा, अर्जुन कोड़ा, बहादुर, नागेश्वर कोड़ा एवं पाली शामिल है। ये सभी नक्सलियो उपर धरहरा, लड़ैयाटांड सहित अन्य थानों मे हत्या, लेवी, अपहरण, आर्म्स, विस्फोटक व अन्य नक्सली गतिविधियो मे संलिप्तता का कांड दर्ज है।
हाल ही मे सरेंडर करने वाले नक्सलियो ने आजिमगंज पंचायत के नवनिर्वाचित मुखिया परमानन्द टुडू हत्याकांड को अंजाम दिया था। तब से पुलिस के द्वारा नक्सल विरोधी अभियान एवं आत्मसमर्पण करने की मुहिम चलाई जा रही थी। नए पुलिस कैंप की स्थापना एवं सिविक एक्शन कार्यक्रम ने रंग लाई और ग्रामीणों ने समाज की मुख्यधारा से भटके नक्सली संगठन से जुड़े सदस्यों को कैंप में लाकर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करवाया।
सारस न्यूज टीम, जमुई।
एंटी नक्सल ऑपरेशन एवं पुनर्वास नीति के तहत जमुई के चोरमारा कैम्प मे धरहरा प्रखंड के पांच नक्सलियो ने सुरक्षा बलों के सामने सरेंडर किया । नक्सलियों के आत्मसमर्पण सीआरपीएफ की बड़ी उपलब्धि बताई जा रही है। इससे अब धरहरा सहित अन्य क्षेत्रो मे शांति स्थापित होगा।
बताया जाता है कि पुलिस के एंटी नक्सल ऑपरेशन को देखते हुए पांच माओवादियो ने सरकार की पुनर्वास नीति को अपना लिया। यह भी बताया जा रहा है कि संगठन के आंतरिक खोखलापन से ये नक्सली निराश थे।नई सुबह, नई शुरुआत नीति से प्रभावित होकर आतंक को छोड़कर पुलिस के सामने सरेंडर करने वाले पांच नक्सलियो मे बालेश्वर कोड़ा, अर्जुन कोड़ा, बहादुर, नागेश्वर कोड़ा एवं पाली शामिल है। ये सभी नक्सलियो उपर धरहरा, लड़ैयाटांड सहित अन्य थानों मे हत्या, लेवी, अपहरण, आर्म्स, विस्फोटक व अन्य नक्सली गतिविधियो मे संलिप्तता का कांड दर्ज है।
हाल ही मे सरेंडर करने वाले नक्सलियो ने आजिमगंज पंचायत के नवनिर्वाचित मुखिया परमानन्द टुडू हत्याकांड को अंजाम दिया था। तब से पुलिस के द्वारा नक्सल विरोधी अभियान एवं आत्मसमर्पण करने की मुहिम चलाई जा रही थी। नए पुलिस कैंप की स्थापना एवं सिविक एक्शन कार्यक्रम ने रंग लाई और ग्रामीणों ने समाज की मुख्यधारा से भटके नक्सली संगठन से जुड़े सदस्यों को कैंप में लाकर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करवाया।
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