सारस न्यूज टीम, पटना।
जाति आधारित गणना के लिए जल्द ही एक निदेशक का पद अस्तित्व में आएगा। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को गणना के लिए निदेशक बनाया जाना है। इस बारे में राज्य सरकार की ओर से केंद्र को पत्र लिखा गया है। जाति आधारित गणना के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। विभाग के स्तर पर यह आकलन किया जा रहा कि इस काम के लिए अलग-अलग जिले में कितनी संख्या में अतिरिक्त अधिकारियों एवं कर्मियों की आवश्यकता होगी।
सभी जिलों के डीएम से इस बारे में जानकारी भी मांगी गई है। हफ्ते भर के भीतर जिलों से यह सूचना सामान्य प्रशासन विभाग को उपलब्ध हो जाएगी। इसके बाद सभी जिलों में जाति आधारित गणना के लिए अधिकारी एवं कर्मियों की तैनाती हो जाएगी। इसके बाद प्रगणकों की तैनाती होगी। मुख्यालय स्तर पर भी अतिरिक्त अधिकारियों व कर्मियों की जरूरत का आकलन किया जा रहा हैं।
मुख्यालय स्तर पर जाति आधारित गणना की पूरी मानीटरिंग निदेशक कार्यालय के स्तर पर होगी। इसके लिए निदेशक का कार्यालय भी अस्तित्व में आना है। उक्त कार्यालय के लिए भी कर्मियों की जरूरत होगी जिनके पास अलग-अलग जिले में चल रही गणना की मानीटरिंग का जिम्मा होगा। आधिकारिक तौर पर यह बताया गया कि अधिकारियों एवं कर्मियों की तैनाती के बाद उनके प्रशिक्षण का काम आगे बढ़ेगा। अधिकारियों का प्रशिक्षण मुख्यालय स्तर पर होगा। इसके बाद कर्मियों का प्रशिक्षण क्रमवार तरीके से जिला स्तर पर आरंभ किया जाएगा। यह भी ट्रेनिंग दिया जाना है कि जाति आधारित गणना के लिए प्रगणक जब किसी के घर पर जाएंगे तो उन्हें किस तरह से पेश आना है। इसकी मानीटरिंग के लिए अलग से सुपरवाइजर भी रहेंगे।