सर्दी का मौसम आते ही बिहार की राजधानी पटना समेत पूरे राज्य में हवा की गुणवत्ता काफी अधिक खराब हो जाती है। अक्सर लोग हवा की गुणवत्ता खराब होने के लिए दिवाली के पटाखे, गाड़ियों और कारखानों के धुएं के साथ साथ खेतों में पराली जलाने को मुख्य कारण माना जाता है। इस बीच केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार बेतिया का एक्यूआई देश में सबसे खराब है।
एक्यूआई 443 के पार बेतिया में कल वायु गुणवत्ता सूचकांक 424 दर्ज किया था। लेकिन बुधवार सुबह ये बढ़कर 443 के पार हो गया है। इससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि बेतिया अब गैस चैंबर में तब्दील हो गया है। वहीं इसके रोक थाम के लिए बेतिया डीएम कुंदन ने नगर निगम को आदेश दिया है कि शहर में लगातार पानी का छिड़काव किया जाए। इसके अलावा शहर की सड़कों पर टैंकर से पानी का छिड़काव किया जा रहा है ताकि वायुमंडल में धूल कण प्रवेश न कर सके। प्रदूषण के रोकथाम के लिए कूड़ा को लगातार डंप किया जा रहा है।
सारस न्यूज टीम, बिहार, बेतिया।
सर्दी का मौसम आते ही बिहार की राजधानी पटना समेत पूरे राज्य में हवा की गुणवत्ता काफी अधिक खराब हो जाती है। अक्सर लोग हवा की गुणवत्ता खराब होने के लिए दिवाली के पटाखे, गाड़ियों और कारखानों के धुएं के साथ साथ खेतों में पराली जलाने को मुख्य कारण माना जाता है। इस बीच केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार बेतिया का एक्यूआई देश में सबसे खराब है।
एक्यूआई 443 के पार बेतिया में कल वायु गुणवत्ता सूचकांक 424 दर्ज किया था। लेकिन बुधवार सुबह ये बढ़कर 443 के पार हो गया है। इससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि बेतिया अब गैस चैंबर में तब्दील हो गया है। वहीं इसके रोक थाम के लिए बेतिया डीएम कुंदन ने नगर निगम को आदेश दिया है कि शहर में लगातार पानी का छिड़काव किया जाए। इसके अलावा शहर की सड़कों पर टैंकर से पानी का छिड़काव किया जा रहा है ताकि वायुमंडल में धूल कण प्रवेश न कर सके। प्रदूषण के रोकथाम के लिए कूड़ा को लगातार डंप किया जा रहा है।
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