सारस न्यूज टीम, पटना।
राज्य में नगर निकाय चुनाव में पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ दिए जाने के मसले पर पटना हाई कोर्ट में आज सुनवाई होगी। हाई कोर्ट में बिहार सरकार की ओर से पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है। इससे पहले हाई कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को कहा था कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक ही चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए।
बिहार सरकार ने इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई के लिए आग्रह किया था। इस मामले में मूल याचिका पर हाई कोर्ट ने गत चार अक्टूबर को फैसला सुनाया था। इसमें हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि चुनाव के लिए जारी प्रक्रिया में नियमों का समुचित तरीके से पालन नहीं किया गया। आरक्षण के मसले पर सुधारात्मक कार्रवाई के लिए कोर्ट ने निर्देश दिए थे। इसके बाद बिहार के राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को स्थगित कर दिया।
बिहार में नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना पहले ही जारी हो गई थी। उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल कर चुके थे।10 अक्टूबर को होने वाले पहले चरण के चुनाव के लिए चुनाव चिह्न भी आवंटित कर दिए गए थे। उम्मीदवार चुनाव प्रचार में जोर-शोर से लगे थे। इसी बीच पटना हाई कोर्ट के फैसले से सबकुछ फंस गया।
बताते चलें कि पटना हाई कोर्ट ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार तीन स्तर की जांच के बाद ही ईबीसी और बीसी के लिए आरक्षण की अनुमति दी जा सकती है। साथ ही आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत तक सीमित रखने का भी निर्देश दिया था। इधर, सरकार की ओर से महाधिवक्ता ललित किशोर के मुताबिक पुनर्विचार याचिका में कोई नया तथ्य नहीं है। सरकार का मानना है कि पहले से उपलब्ध तथ्यों पर दोबारा गौर करने की जरूरत है।