कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) के तहत पटना जू को और भी खूबसूरत, जानकारीपरक और दर्शकों के लिए सुविधाजनक बनाया जाएगा। इसके तहत पटना जू के दोनों गेट पर इलेक्ट्रानिक डिस्प्ले, दर्शकों के बैठने के लिए बैंबू शेड, बायोडिग्रडेबल डस्टबिन, थीम आधारित जानवरों का पैनल, जू में क्या करें और क्या ना करें का बोर्ड, नेचर ट्रेल पैनल, टाय ट्रेन हाल्ट का ब्यूटिफिकेशन और बटर फ्लाइ गार्डेन बनाया जाएगा। इसके लिए जू की ओर से योजना बनाई जा रही है। पटना जू को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग तैयारी कर रही है। एयरपोर्ट गोलंबर से जू की लाउंड्री तक सौंदर्यीकरण का काम किया जाएगा। पटना जू के दोनो गेट पर इलेक्ट्रानिक डिस्प्ले में पटना जू में कितने प्रकार के पशु-पक्षी पाये जाते हैं। कौन से पशु-पक्षी कब प्रजनन करते हैं। वे क्या खाते हैं। पशु-पक्षियों की कितनी प्रजाति पटना जू में मौजूद है। कितनी संख्या में पशु-पक्षी पटना जू में उपलब्ध है, समेत तमाम तरह की जानकारी दी जाएगी। साथ ही दर्शकों के लिए जू में कई जगह पर बैंबू शेड बनाया जाएगा। जू की सैर करने आने वाले दर्शक इसमें आराम फरमा सकेंगे। फिलहाल पटना जू के गेट संख्या एक पर एक बैंबू शेड बनाया गया है। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए पटना जू में दो तरह के डस्टबिन लगाए जाएंगे। इसमें बायोडिग्रेडेबल और नन बायोडिग्रेडेबल डस्टबिन शामिल हैं। बायोडिग्रेबल डस्टबिन में वैसे कचरे को जमा किया जाएगा जो मिट्टी में मिलकर पर्यावरण का संरक्षण करें। तो वहीं दूसरी ओर नान बायोडिग्रेडेबल डस्टबिन में वैसे कचरे को रखा जाएगा जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके अलावा पटना जू में थ्री डी डिजाइन में थीम आधारित जानवरों का पैनल लगाया जाएगा। इसमें विभिन्न प्रकार के जानवरों के बारे में संक्षिप्त जानकारी भी दी जाएगी ताकि यहां आने वाले उस जानवर के बारे में जानकारी हासिल कर सकें। पटना जू में चलने वाले टाय ट्रेन हाल्ट का सौंदर्यीकरण किया जाएगा ताकि ट्रेन के हाल्ट पर दर्शकों को बिल्कुल वास्तविक हाल्ट की अनुभूति हो सके। हाल्ट को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा ताकि बच्चों को आकर्षित करें। पटना जू के गेट संख्या दो से आगे बढ़ने पर बाएं साइड में निदेशक कार्यालय के पास बटर फ्लाइ गार्डेन बनाया जाएगा। इसके लिए जू के फनेल जोन में लगे वृक्ष को ऊपर से 5-7 मीटर तक काट दिया जाएगा। पार्क में सैर करने के लिए लगभग दो किलोमीटर लंबा रास्ता बनाया जाएगा। बटर फ्लाइ गार्डेन निदेशक कार्यालय से शुरू होकर जिराफ के केज तक बनेगा।
सारस न्यूज टीम, पटना।
कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) के तहत पटना जू को और भी खूबसूरत, जानकारीपरक और दर्शकों के लिए सुविधाजनक बनाया जाएगा। इसके तहत पटना जू के दोनों गेट पर इलेक्ट्रानिक डिस्प्ले, दर्शकों के बैठने के लिए बैंबू शेड, बायोडिग्रडेबल डस्टबिन, थीम आधारित जानवरों का पैनल, जू में क्या करें और क्या ना करें का बोर्ड, नेचर ट्रेल पैनल, टाय ट्रेन हाल्ट का ब्यूटिफिकेशन और बटर फ्लाइ गार्डेन बनाया जाएगा। इसके लिए जू की ओर से योजना बनाई जा रही है। पटना जू को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग तैयारी कर रही है। एयरपोर्ट गोलंबर से जू की लाउंड्री तक सौंदर्यीकरण का काम किया जाएगा। पटना जू के दोनो गेट पर इलेक्ट्रानिक डिस्प्ले में पटना जू में कितने प्रकार के पशु-पक्षी पाये जाते हैं। कौन से पशु-पक्षी कब प्रजनन करते हैं। वे क्या खाते हैं। पशु-पक्षियों की कितनी प्रजाति पटना जू में मौजूद है। कितनी संख्या में पशु-पक्षी पटना जू में उपलब्ध है, समेत तमाम तरह की जानकारी दी जाएगी। साथ ही दर्शकों के लिए जू में कई जगह पर बैंबू शेड बनाया जाएगा। जू की सैर करने आने वाले दर्शक इसमें आराम फरमा सकेंगे। फिलहाल पटना जू के गेट संख्या एक पर एक बैंबू शेड बनाया गया है। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए पटना जू में दो तरह के डस्टबिन लगाए जाएंगे। इसमें बायोडिग्रेडेबल और नन बायोडिग्रेडेबल डस्टबिन शामिल हैं। बायोडिग्रेबल डस्टबिन में वैसे कचरे को जमा किया जाएगा जो मिट्टी में मिलकर पर्यावरण का संरक्षण करें। तो वहीं दूसरी ओर नान बायोडिग्रेडेबल डस्टबिन में वैसे कचरे को रखा जाएगा जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके अलावा पटना जू में थ्री डी डिजाइन में थीम आधारित जानवरों का पैनल लगाया जाएगा। इसमें विभिन्न प्रकार के जानवरों के बारे में संक्षिप्त जानकारी भी दी जाएगी ताकि यहां आने वाले उस जानवर के बारे में जानकारी हासिल कर सकें। पटना जू में चलने वाले टाय ट्रेन हाल्ट का सौंदर्यीकरण किया जाएगा ताकि ट्रेन के हाल्ट पर दर्शकों को बिल्कुल वास्तविक हाल्ट की अनुभूति हो सके। हाल्ट को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा ताकि बच्चों को आकर्षित करें। पटना जू के गेट संख्या दो से आगे बढ़ने पर बाएं साइड में निदेशक कार्यालय के पास बटर फ्लाइ गार्डेन बनाया जाएगा। इसके लिए जू के फनेल जोन में लगे वृक्ष को ऊपर से 5-7 मीटर तक काट दिया जाएगा। पार्क में सैर करने के लिए लगभग दो किलोमीटर लंबा रास्ता बनाया जाएगा। बटर फ्लाइ गार्डेन निदेशक कार्यालय से शुरू होकर जिराफ के केज तक बनेगा।
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