दक्षिण-पश्चिम मानसून राज्य में फिर सक्रिय हो गया है। पूरे प्रदेश में शुक्रवार को अच्छी वर्षा दर्ज की गई। शनिवार को भी प्रदेश के अधिकांश भागों में भारी वर्षा होने के आसार हैं। झारखंड के ऊपर चक्रवात बनने के कारण बिहार में अच्छी वर्षा हो रही है। मानसून की वर्षा ने राज्य के किसानों के चेहरे पर चमक बिखेर दी है। धान की खेती करने वाले किसान इस तरह की वर्षा के लिए काफी दिनों से इंतजार कर रहे थे। यह वर्षा धान की फसल के लिए काफी लाभदायक होगी।
लगातार दो दिनों तक राज्य में मानसून रहेगा सक्रिय
पटना मौसम विज्ञान केंद्र विज्ञानी कुमार गौरव का कहना है कि अगले दो दिनों तक राज्य में मानसून के सक्रिय रहने की उम्मीद है। इसके बाद वर्षा में कमी आएगी। पिछले चौबीस घंटों में प्रदेश में सर्वाधिक वर्षा सबौर में 225 मिलीमीटर दर्ज की गई। वहीं, जमुई में 164, भागलपुर में 155 एवं बांका में 103 मिलीमीटर वर्षा हुई है।
इन राज्यों में बारिश होने के आसार
शनिवार को पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी एवं गोपालगंज में भारी वर्षा होने की उम्मीद है। वहीं, मुधबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, कटिहार, दरभंगा एवं मुजफ्फरपुर में भी भारी वर्षा हो सकती है। इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी कर दिया गया है ताकि इन क्षेत्रों के लोग सावधान रहें। पटना समेत अन्य जिलों में मेघगर्जन के साथ हल्की से मध्यम दर्जे की वर्षा की संभावना है। बीते 24 घण्टों के दौरान पटना समेत अन्य भागों में वर्षा से मौसम सामान्य बने होने के साथ लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है।
उत्तरी बिहार का मौसम
उत्तरी बिहार के कुछ जिलों में रविवार को भी वर्षा जारी रहेगी। इस स्थिति में मौसम विज्ञान केंद्र ने लोगों से सावधान रहने की अपील की है। खासकर नदी के तटीय इलाके में रहने वाले लोगों को सावधान किया गया है। किसानों को भी सावधान किया गया है कि कहीं भी मेघगर्जन एवं वज्रपात हो सकता है। इसलिए वर्षा के दौरान किसान खेतों में या पेड़ के नीचे खड़े नहीं रहें। वर्षा के दौरान घरों में रहना ज्यादा बेहतर होगा।
धान की फसलों के लिए वरदान
आत्मा के उप परिरयोजना निदेशक वृजेन्द्र मणि का कहना है कि यह वर्षा धान की फसल के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। भादो में इस तरह की वर्षा से धान की फसल में अच्छी वृद्धि होगी। इससे खेतों में नमी बढ़ जाएगी, जो फसल को कीटों से रक्षा करने में काफी सहायक साबित होगी। यह वर्षा रबी की बुआई में भी काफी मददगार होगी।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
दक्षिण-पश्चिम मानसून राज्य में फिर सक्रिय हो गया है। पूरे प्रदेश में शुक्रवार को अच्छी वर्षा दर्ज की गई। शनिवार को भी प्रदेश के अधिकांश भागों में भारी वर्षा होने के आसार हैं। झारखंड के ऊपर चक्रवात बनने के कारण बिहार में अच्छी वर्षा हो रही है। मानसून की वर्षा ने राज्य के किसानों के चेहरे पर चमक बिखेर दी है। धान की खेती करने वाले किसान इस तरह की वर्षा के लिए काफी दिनों से इंतजार कर रहे थे। यह वर्षा धान की फसल के लिए काफी लाभदायक होगी।
लगातार दो दिनों तक राज्य में मानसून रहेगा सक्रिय
पटना मौसम विज्ञान केंद्र विज्ञानी कुमार गौरव का कहना है कि अगले दो दिनों तक राज्य में मानसून के सक्रिय रहने की उम्मीद है। इसके बाद वर्षा में कमी आएगी। पिछले चौबीस घंटों में प्रदेश में सर्वाधिक वर्षा सबौर में 225 मिलीमीटर दर्ज की गई। वहीं, जमुई में 164, भागलपुर में 155 एवं बांका में 103 मिलीमीटर वर्षा हुई है।
इन राज्यों में बारिश होने के आसार
शनिवार को पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी एवं गोपालगंज में भारी वर्षा होने की उम्मीद है। वहीं, मुधबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, कटिहार, दरभंगा एवं मुजफ्फरपुर में भी भारी वर्षा हो सकती है। इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी कर दिया गया है ताकि इन क्षेत्रों के लोग सावधान रहें। पटना समेत अन्य जिलों में मेघगर्जन के साथ हल्की से मध्यम दर्जे की वर्षा की संभावना है। बीते 24 घण्टों के दौरान पटना समेत अन्य भागों में वर्षा से मौसम सामान्य बने होने के साथ लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है।
उत्तरी बिहार का मौसम
उत्तरी बिहार के कुछ जिलों में रविवार को भी वर्षा जारी रहेगी। इस स्थिति में मौसम विज्ञान केंद्र ने लोगों से सावधान रहने की अपील की है। खासकर नदी के तटीय इलाके में रहने वाले लोगों को सावधान किया गया है। किसानों को भी सावधान किया गया है कि कहीं भी मेघगर्जन एवं वज्रपात हो सकता है। इसलिए वर्षा के दौरान किसान खेतों में या पेड़ के नीचे खड़े नहीं रहें। वर्षा के दौरान घरों में रहना ज्यादा बेहतर होगा।
धान की फसलों के लिए वरदान
आत्मा के उप परिरयोजना निदेशक वृजेन्द्र मणि का कहना है कि यह वर्षा धान की फसल के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। भादो में इस तरह की वर्षा से धान की फसल में अच्छी वृद्धि होगी। इससे खेतों में नमी बढ़ जाएगी, जो फसल को कीटों से रक्षा करने में काफी सहायक साबित होगी। यह वर्षा रबी की बुआई में भी काफी मददगार होगी।
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