सारस न्यूज, बिहार।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की एक टिप्पणी पर राजनीति शुरू हो गई है। असल में राज्यसभा में चर्चा के दौरान पीयूष गोयल ने मनोज झा को कहा कि इनका बस चले तो देश को बिहार ही बना दें। इस बयान के आने के बाद, आरजेडी सांसद मनोज झा ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से माफी की मांग की है। उन्होंने इस बात पर राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ को चिट्ठी लिखी है और केंद्रीय मंत्री के बयान को पूरे बिहार के लोगों का अपमान बताया है और इसके लिए उनसे माफी मांगने की मांग की है।
जगदीप धनखड़ को लिखा पत्र मनोज झा ने राज्यसभा से सभापति जगदीप धनखड़ को संबोधित पत्र में लिखा है कि किसी को विश्वास नहीं होगा कि उच्च सदन के नेता जैसा व्यक्ति देश के महान राज्यों में से एक बिहार के बारे में ऐसी राय रखता है। उनका इस तरह का बयान बिहार के प्रति केंद्र के अपमानजनक दृष्टिकोण को व्यक्त करता है। पत्र में मनोज झा ने आगे लिखा है कि बिहार के लिए लंबे समय से जारी पूर्वाग्रह व उपेक्षा को खत्म करने के हेतु राष्ट्रीय सहानुभूति और चिंता की आवश्यकता है न कि इस तरह की असंवदेनशीलता की।
केंद्रीय मंत्री का बयान अनुचितः मनोज झा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का बयान पूरी तरह अनुचित है। पत्र के माध्यम से मनोज झा ने ये भी आरोप लगाया है केंद्र सरकारों ने हर समय बिहार की उपेक्षा की और बिहार के लोगों को दोयम दर्जे का नागरिक माना गया है। मनोज झा ने उपराष्ट्रपति धनखड़ से इस बात का भी आग्रह किया है कि वे गोयल के बयान को सदन के रिकॉर्ड से भी निकालने का आदेश जारी करें और उन्हें माफी मांगने को कहें।
साथ ही ऐसे कदम उठाने की भी अपील की है कि किसी अन्य राज्य के लिए केंद्र सरकार ऐसी बातें न कहे। संसद में हुआ विरोध उधर, राज्यसभा में सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा बिहार पर की गई टिप्पणी को लेकर आरजेडी के सांसदों ने संसद में गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया।
बिहार पर अपने विवादित बयान पर शुक्रवार को संसद में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मैं स्पष्ट कर दूं कि मेरा बिहार या बिहार के लोगों का अपमान करने का कोई इरादा नहीं है। अगर इससे किसी की भावना को ठेस पहुंची है, तो मैं तुरंत उस बयान को वापस लेता हूं।
